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स्मार्टफोन में सजा बाजार, सस्ते फोन व डेटा पैक से एम-कॉमर्स को बढ़ावा

कर लो दुनिया मुट्ठी में! वाकई, मुट्ठी में आ जानेवाला स्मार्टफोन अपने में पूरी दुनिया समेटे हुए है. देश-दुनिया से आपको जोड़े रखनेवाला स्मार्टफोन अपने उन्नत ऑपरेटिंग सिस्टम, तेज इंटरनेट गति, हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और जबरदस्त डिस्प्ले वाली खूबियों, इस्तेमाल में सहजता और कीमत के लिहाज से कंप्यूटर को पछाड़ चुका है. यही वजह है कि […]

कर लो दुनिया मुट्ठी में! वाकई, मुट्ठी में आ जानेवाला स्मार्टफोन अपने में पूरी दुनिया समेटे हुए है. देश-दुनिया से आपको जोड़े रखनेवाला स्मार्टफोन अपने उन्नत ऑपरेटिंग सिस्टम, तेज इंटरनेट गति, हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और जबरदस्त डिस्प्ले वाली खूबियों, इस्तेमाल में सहजता और कीमत के लिहाज से कंप्यूटर को पछाड़ चुका है. यही वजह है कि देश में कुछ साल पहले जिस ई-कॉमर्स युग की शुरुआत हुई थी, अब वह एम-कॉमर्स (मोबाइल कॉमर्स) में बदल रहा है.
फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल, स्नैपडील के अंकित खन्ना, क्विकर के प्रणय श्युलेट. ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने ई-कॉमर्स उद्यम की सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए स्मार्टफोन को अपना मंच बनाया और सफलता भी पायी है. दरअसल, स्मार्टफोन के बूते हाल के वर्षो में भारत का ई-कॉमर्स बाजार तेजी से फला-फूला है. देश में करीब 18 करोड़ लोग मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जिनकी तादाद वर्ष 2019 तक बढ़ कर 60 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है.
फ्लिपकार्ट, मिंत्र, स्नैपडील जैसी प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां इस बात को खुले तौर पर स्वीकार करती हैं कि उनके आधे से ज्यादा ऑर्डर मोबाइल के जरिये आते हैं. हमारे देश में ब्रॉडबैंड के मुकाबले मोबाइल फोन के जरिये इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ रही है और यही वजह है कि प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों का आधे से ज्यादा कारोबार मोबाइल से आ रहा है.
बीते साल की अंतिम तिमाही के लिए टेलीकॉम रिसर्च एंड कंसल्टेंसी कंपनी गार्टनर ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट पेश की. इसमें बताया गया कि स्मार्टफोन के प्रति लोगों की बढ़ती दीवानगी की बदौलत वैश्चिक स्तर पर स्मार्टफोन की बिक्र ी 20.3 प्रतिशत बढ़ कर 30 करोड़ 10 लाख के पार पहुंच गयी है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक, फीचर फोन और कम मूल्य वाले स्मार्टफोन की कीमत का अंतर घटने से इस अवधि में फीचर फोन की बिक्र ी में 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी, जबकि स्मार्टफोन की बिक्री 20.3 प्रतिशत बढ़ गयी.
रिपोर्ट बताती है कि इस अवधि में वैश्विक मोबाइल फोन बाजार में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत रही. यही नहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 तक दुनिया में प्रत्येक 10 में से 9 मोबाइल फोन स्मार्टफोन होंगे. आंकड़े इस बात की तसदीक करते हैं कि दुनिया भर में लोग स्मार्टफोन के दीवाने होने लगे हैं.
बहरहाल, कंपनियों के बीच सस्ते इंटरनेट और कम से कम कीमत पर स्मार्टफोन ग्राहकों तक पहुंचाने की छिड़ी जंग में सीधा फायदा ग्राहकों को हो रहा है.
इसी चलन को भांप कर ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियां अब स्मार्टफोन के जरिये इंटरनेट की बढ़ती पहुंच को देखते हुए पूरे ई-कॉमर्स सेक्टर का जोर मोबाइल पर लगाने पर तुली हैं. इसी बीच ताजा खबर यह आयी है कि फ्लिपकार्ट और मिंत्र डॉट कॉम ने अपनी मोबाइल वेबसाइट को बंद कर डिजिटल वल्र्ड में हलचल मचा दी है. दरअसल, अब ई-कॉमर्स कंपनिया डेस्कटॉप और मोबाइल वेबसाइट के बजाय मोबाइल एप को तरजीह दे रही हैं. वर्ष 2018 तक देश में इंटरनेट यूजर की संख्या 50 करोड़ से ज्यादा पहुंचने का अनुमान है. इसे देखते हुए तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में पैठ बनाने के लिए कंपनियां मोबाइल एप पर दावं लगा रही हैं.
मोबाइल इंटरनेट जाहिर तौर पर परंपरागत इंटरनेट की जगह लेने लगा है. इसमें कोई शक नहीं कि एम-कॉमर्स बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है और परंपरागत ई-मार्केटिंग से कदम से कदम मिला कर चलने की ओर बढ़ चुका है. स्मार्टफोन के विस्तार के साथ इसमें ज्यादा सुरक्षित पेमेंट सिस्टम आने से ऐसा संभव हो सका है.
मोबाइल फोन के जरिये ई-मनी का चलन भी इन दिनों बढ़ा है और इस क्षेत्र में ‘मोबाइल मनी ट्रांसफर’ और ‘ई-वॉलेट’ जैसे प्रयोग भी सफल सिद्ध हो रहे हैं. एयरटेल की ‘एयरटेल मनी’ और वोडाफोन की ‘एम-पैसा’ के अलावा पेटीएम जैसी वेबसाइटें पैसे को संभाल कर रखने और जरूरत पर खर्च करने में यूजर को सहूलियत दिलाती हैं. वॉलेट सिस्टम ने यूजरों को अपने एप को ई-मनी के रूप में साथ लेकर चलने की आजादी दी है.
एम-कॉमर्स के विस्तार में एक बड़ी बाधा यह है कि अभी भी यहां यूजर नॉन-पेपर पेमेंट सिस्टम पर बहुत अधिक भरोसा नहीं करते हैं. वैसे ज्यादा सुरक्षित पेमेंट सिस्टम का विकल्प देकर ही हम इस ट्रेंड के बदलने की उम्मीद कर सकते हैं जो अंतत: मोबाइल कॉमर्स को विस्तार देगा.

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