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यही अंदाज भाता है मोदी के चाहने वालों को

न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वायर. जब भी न्यूयॉर्ककी चर्चा होती है, टाइम्स स्क्वायर की चर्चा जरूर होती है. न्यूयॉर्क का ये ऐसा हिस्सा है, जहां चौबीस घंटे एक ही जैसी रौनक रहती है. अमेरिकियों से ज्यादा यहां नजर आते हैं दुनिया के हर हिस्से से आये सैलानी. कोई फोटो क्लिक कर रहा होता है, तो कोई […]

न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वायर. जब भी न्यूयॉर्ककी चर्चा होती है, टाइम्स स्क्वायर की चर्चा जरूर होती है. न्यूयॉर्क का ये ऐसा हिस्सा है, जहां चौबीस घंटे एक ही जैसी रौनक रहती है. अमेरिकियों से ज्यादा यहां नजर आते हैं दुनिया के हर हिस्से से आये सैलानी. कोई फोटो क्लिक कर रहा होता है, तो कोई गिटार बजाते.

यहां आपको अंकल सैम नजर आयेंगे, तो बॉडी पेंट में युवतियां भी, जो पांच डॉलर लेकर हंसते-गाते सैलानियों के साथ तसवीर खिंचवा रही होती हैं. आसपास चारों तरफ बड़े-बड़े डिजिटल बिलबोर्ड लगे हुए हैं, सैकड़ों की तादाद में. विज्ञापनों से लेकर न्यूज चैनलों का प्रसारण तक होता नजर आता है. टाइम्स स्क्वायर पर अगर कोई पहली बार आये, तो आंखें चौंधिया जाये, यहां की रौनक देख कर. दुनिया के ज्यादातर छोटे-बड़े देशों के लोग यहां टहलते नजर आ जायेंगे.

इसी टाइम्स स्क्वायर पर टहलते भारतीयों के बीच इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब चर्चा है. और टाइम्स स्क्वायर ही क्यों, न्यूयॉर्क शहर के हर हिस्से में आपको भारतीय समुदाय के लोग नजर आयेंगे. न्यूयॉर्कशहर के प्रमुख स्टेशनों पर तो सुबह और शाम हजारों की तादाद में भारतीय ट्रेन पकड़ते या रेलवे स्टेशन से बाहर आते दिखते हैं. चाहे पेन स्टेशन हो या फिर न्यूयॉर्कसेंट्रल स्टेशन. न्यूयॉर्कशहर के प्रमुख बिजनेस डिस्ट्रिक्ट मैनहट्टन में रोजाना हजारों भारतीय या तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दफ्तर में काम करने के लिए आते-जाते हैं या फिर खुद का बिजनेस संभालने के लिए.

लेकिन भारतीय समुदाय के लोगों का एक बड़ा हिस्सा है, जिसकी इन दिनों प्राथमिकता बदली है. शुक्र वार के दिन इसका अंदाजा तब लगा, जब बतौर प्रधानमंत्री अपनी पहली अमेरिका यात्र के तहत मोदी न्यूयॉर्कपहुंचे. भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोग शहर के न्यूयॉर्क पैलेस होटल के बाहर मौजूद थे, वो भी खाली हाथ नहीं, बल्किहाथ में बैनर, पोस्टर और भारतीय तिरंगा लिए हुए. कोई शंख फूंक रहा था, तो कोई घंटी बजा रहा था. महिलाएं भी थीं इनमें, जो थाली में कुमकुम सजा कर आयी हुई थीं. होटल के सामने जुटने वालों में से कई ओवरसीज फ्रैंड्स ऑफ बीजेपी के समर्थक थे, तो कई ऐसे जिनका बीजेपी से कोई संबंध नहीं. ज्यादातर लोग न्यूयॉर्कऔर न्यूजर्सी के थे, लेकिन अमेरिका के दूसरे हिस्सों से भी आये लोग इनके बीच थे.

इन सबके लिए मोदी किसी सुपरस्टार से कम नहीं. दोपहरी में मोदी-मोदी की गूंज बुलंद करते इन लोगों को भारत के प्रधानमंत्री से काफी उम्मीदें हैं. किसी को ये लगता है कि मोदी भारत की सूरत बदल देंगे, तो किसी को ये लगता है कि अपनी सख्त छवि के साथ मोदी पाकिस्तान को रास्ते पर ला देंगे. कई को मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अगुआ नजर आते हैं, तो एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है, जो मोदी को अभी से वैश्विक राजनेता मानने में लग गया है, जिसकी धाक दुनिया के ज्यादातर बड़े देशों में महसूस की जा रही है. इन सबसे मिलने के लिए मोदी होटल से निकल कर सड़क पर क्या आ गये, इनका उत्साह और मोदी के प्रति इनका सम्मोहन नयी ऊंचाइयों पर पहुंच गया.

समर्थकों का यही जोर शनिवार के दिन भी नजर आया, जब मोदी संयुक्त राष्ट्र की महासभा के 69 वें सत्र में अपना भाषण देने के लिए गये. मोदी के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय आने के पहले ही ये समर्थक इमारत के सामने वाली सड़क पर जमा हो चुके थे और मोदी के पक्ष में नारे गुंजाने लगे थे. मोदी के समर्थन की इनकी आक्र ामकता तब और बढ़ गयी, जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कुछ लोगों ने मोदी के विरोध में नारे लगाये. हालात ऐसे बने कि मानो लट्ठ बजने की तैयारी हो. लेकिन अमेरिकी कानून और पुलिस की सख्ती का डर दोनों पक्षों को हिंसक होने से रोका गया.

मोदी को लेकर अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के ज्यादातर लोग उत्साह के चरम पर हैं. इसका एक बड़ा संकेत तब मिला, जब न्यूयॉर्कशहर के ही मैडिसन स्क्वायर गार्डेन में तय हुए मोदी के भाषण संबंधी कार्यक्र म के टिकट दस दिन पहले ही खत्म हो गये. न्यूयॉर्क शहर का सबसे बड़ा इंडोर हॉल है मैडिसन स्क्वायर गार्डन. मूल तौर पर यहां बास्केट बॉल के मैच होते हैं, लेकिन बड़े-बड़े रॉक शो भी यहां हुए हैं. ऐसे में भारतीय समुदाय के लोग जिस तरह से मोदी के कार्यक्र म का टिकट हासिल होने के लिए जोर लगाते नजर आये, उससे ऐसा लगा मानो कार्यक्र म किसी नेता या प्रधानमंत्री का नहीं, बल्किरॉक स्टार का हो. समर्थकों की निगाह में मोदी रॉक स्टार जो हैं.

समर्थकों के लिए रॉक स्टार जैसा जुनून पैदा करने वाले मोदी अमेरिका के हिसाब से शनिवार की शाम और भारत के हिसाब से रविवार के तड़के ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल के तहत शहर के सेंट्रल पार्कमें आयोजित कार्यक्र म में शामिल हुए, जहां कई रॉक स्टार अपने संगीत से युवाओं को झुमा रहे थे. करीब पचास हजार युवा जमा हुए थे सेंट्रल पार्क में, जो शहर का सबसे बड़ा बाग होने के कारण शहर और यहां के लोगों के लिए हृदयस्थली जैसा है, जहां सुबह शाम हजारों लोग दौड़ते नजर आते हैं. गरीबी उन्मूलन को लेकर आयोजित ये कार्यक्र म लोगों की संख्या के लिहाज से मोदी के अमेरिकी दौरे का सबसे बड़ा कार्यक्र म था.

युवाओं के इस कार्यक्र म में मोदी का अंदाज भी युवाओं जैसा रहा. अपनी ट्रेडमार्कहिंदी की जगह फर्राटेदार अंगरेजी में युवाओं से मुखातिब हुए मोदी. ऐसा लंबे समय बाद दिखा, जब मोदी किसी सार्वजनिक कार्यक्र म में अंगरेजी में संबोधन करते नजर आये. सामान्य तौर पर देश हो या विदेश, मोदी हिंदी में ही बोलते हैं. सेंट्रल पार्क के इस कार्यक्र म में मोदी अंगरेजी में बोले और वो भी एक्सटेंपोर. पांच मिनट के भाषण में युवाओं में जोश भरते नजर आये मोदी. दुनिया भर के युवा चाहें तो मिलजुल कर किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं, पांच मिनट के भाषण का थीम यही रहा. मोदी को अपने इस भाषण के दौरान वैसी ही तालियां युवाओं से हासिल हुई, जैसा वो अपने पसंदीदा रॉक स्टार के संगीत की तारीफ में बजा रहे थे. यानी न्यूयॉर्कमें प्रधानमंत्री मोदी, राजनेता मोदी थोड़ी देर के लिए बन गये रॉकस्टार मोदी. (ये लेखक के निजी विचार हैं.)

ब्रजेश कुमार सिंह संपादक-गुजरात एबीपी न्यूज

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