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बंद कीं जीवनरक्षक दवाएं बेचनी

सरकार कोई भी नये नियमों को बनाने के पहले इस बात कर ध्यान रखती है कि लोगों को उस नियम से परेशानी नहीं हो. करीब एक साल पहले औषधि विभाग ने शिड्यूल एक्स और एच वन नये नियम को लागू किये जाने के बाद दवा दुकानदारों ने कई दवाओं को बेचना ही छोड़ दिया. बुद्धिजीवियों […]

सरकार कोई भी नये नियमों को बनाने के पहले इस बात कर ध्यान रखती है कि लोगों को उस नियम से परेशानी नहीं हो. करीब एक साल पहले औषधि विभाग ने शिड्यूल एक्स और एच वन नये नियम को लागू किये जाने के बाद दवा दुकानदारों ने कई दवाओं को बेचना ही छोड़ दिया. बुद्धिजीवियों का कहना है कि ये बात समझ में नहीं आती है कि जान बचाने के लिए दवा की खरीद बिल पर और मस्ती करने के लिए शराब की बिक्री बिना बिल के क्यों?

सीवान : दवा की दुकान पर दवा है और आपके पॉकेट में पैसा नहीं है, इस परिस्थित में मरीज की मौत हो जाये, तो बात समझ में आती है. लेकिन, आपके पॉकेट में पैसा रहे और दवा नहीं मिले, उस परिस्थिति में मरीज की मौत होने के पीछे विभाग भी कम दोषी नहीं है. विभाग के नये नियमों के कारण ही दवा दुकानदारों ने शिड्यूल एच वन की करीब एक दर्जन से अधिक दवाओं को बेचना बंद कर दिया है. इन दवाओं के नहीं मिलने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
डॉक्टर मरीजों को दवा तो लिख रहे हैं, लेकिन दवाओं के नहीं मिलने से मरीज व उनके परिजन दवाओं के लिए भटक रहे हैं. जिले की दवा दुकानों पर कॉमपोज, फेनार्गन, फोर्टविन, ब्यूटरम, पैंथर, एल्प्रेस सहित डाइजीपॉम ग्रुप की कोई दवा, कोडीन कफ सिरप तथा ऑपरेशन में काम आनेवाला केटामिन जैसा महत्वपूर्ण इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में अधिकतर दुकानदार तो दो टूक जबाब देते हैं, भाई कंपनी ने सप्लाइ बंद कर दी है. वहीं, कुछ दुकानदार हिम्मत कर कहते हैं कि भाई विभाग के लफड़ों में फंसने से अच्छा है कि वैसी दवा बेचो ही नहीं.
ऊंचे दामों पर कुछ दुकानों पर मिलती हैं ये दवाएं : जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का ऑपरेशन केटामिन इंजेक्शन से होता है. करीब आधा डॉक्टर केटामिन को कंपनी से सीधे मंगाते हैं. लेकिन कई डॉक्टरों का ऑपरेशन खुले बाजार पर ही निर्भर रहता है.बताया जाता है कि कुछ दुकानों पर 30 रुपये में मिलनेवाला केटामिन इंजेक्शन पांच सौ रुपये में मिल रहा है. बंध्याकरण से लेकर बड़े ऑपरेशन करने के लिए शिड्यूल एक्स की दवाओं जैसे केटामिन की जरूरत पड़ती है.
सदर अस्पताल में भी अस्पताल प्रशासन ऑपरेशन के लिए केटामिन इंजेक्शन को मंगा कर रखा जाता है. लेकिन, इन दिनों दवाओं के खत्म होने के कारण मरीज 30 रुपये के केटामिन इंजेक्शन पांच सौ रुपये में खरीदने को मजबूर हैं.
क्या कहते हैं सीएस डॉ शिवचंद्र झा
आजकल विभाग द्वारा दवा दुकानों की जांच अभियान चला कर की जा रही है. हो सकता है कि उसी के कारण उपर्युक्त दवाओं को दुकानदार नहीं मंगा रहे हों. सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन में काम आनेवाला इंजेक्शन केटामिन उपलब्ध है. इस मामले में अधिक जानकारी औषधि निरीक्षक देंगे.

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