गोजमुमो ने कहा, पहाड़ की जनता हमारे साथ ही रहेगी
सिलीगुड़ी : पहाड़ की चार नगरपालिकाओं के चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहाड़ का दिल जीतने में जुटी हैं. उनकी ताजा घोषणा से पहाड़ के सबसे बड़े दल गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है. रविवार को कर्सियांग के गोथल्स स्कूल मैदान में उत्तर बंगाल उत्सव के शुभारंभ के साथ ही ममता बनर्जी ने तीन और जाति विकास बोर्डों के गठन की घोषणा कर दी. उन्होंने गुरूंग, छेत्री व अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अलग-अलग विकास बोर्ड का एलान किया. साथ ही पहाड़ के विकास के लिए अब तक गठित सभी बोर्डों को कुल 268 करोड़ 74 लाख रुपये भी उन्होंने आवंटित कर दिया.
आर्थिक आवंटन और बोर्ड गठन से जहां जनता में खुशी नजर आ रही है, वहीं गोजमुमो पर राजनीतिक दवाब बढ़ता दिख रहा है. उल्लेखनीय है कि जल्द ही दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिम्पोंग और मिरिक नगरपालिकाओं के चुनाव होने वाले हैं. कई सारे उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम के बाद जनसभा को संबोधित करती हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ के चेहरे पर हमेशा हंसी बनाये रखने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पहाड़ के सभी जाति विकास वोर्ड अपनी जाति व संस्कृति के साथ-साथ इलाके के विकास के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि तराई व डुआर्स के विकास के लिए भी विकास बोर्ड की आवश्यकता है.
अपने अगल दौरे में कालिम्पोंग को जिला और मिरिक को महकमा घोषित करने की जानकारी उन्होंने दी. वहीं इस संबंध में गोजमुमो के महासचिव रोशन गिरी ने बताया कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चल रही है. उन्होंने कहा कि अंगरेज भी अपने शासनकाल में इसी छलनीति का प्रयोग करते थे. जब भारतीय को यह नीति समझ में आयी, तो सभी ने मिलकर अंगरेजों को पूरे देश से खदेड़ दिया. ममता बनर्जी की राजनीति जब पहाड़वासियों को समझ में आ जायेगी, तो उनका भी यही हाल होगा श्री गिरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ममता बनर्जी ने कई जाति विकास बोर्डों का गठन किया, लेकिन फिर भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ.
पहाड़ के नागरिक अब भी हमारे समर्थन में हैं. पिछले कई चुनावों में पहाड़ की जनता ने यह जाहिर भी किया है. नगर पालिका चुनाव के पहले तीन जातियों के लिए विकास बोर्ड का गठन करने से गोजमुमो पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.