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Friday, March 29, 2024

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निःस्वार्थ भाव से सेवा ही सच्चा धर्म : पंकज गीदड़ा

सिलीगुड़ी: धर्म और सेवा का दूसरा नाम सिलीगुड़ी का नामी धार्मिक संगठन श्री खाटू श्याम सेवा मंडल है. श्याम बाबा के परम भक्त व संगठन के संस्थापक ट्रस्टी पंकज गीदड़ा का कहना है कि निःस्वार्थ सेवा ही सच्चा धर्म है. इसी उद्देश्य से 1994 में वसंत पंचमी के दिन 11 ट्रस्टी श्याम भक्तों ने संगठन […]

सिलीगुड़ी: धर्म और सेवा का दूसरा नाम सिलीगुड़ी का नामी धार्मिक संगठन श्री खाटू श्याम सेवा मंडल है. श्याम बाबा के परम भक्त व संगठन के संस्थापक ट्रस्टी पंकज गीदड़ा का कहना है कि निःस्वार्थ सेवा ही सच्चा धर्म है. इसी उद्देश्य से 1994 में वसंत पंचमी के दिन 11 ट्रस्टी श्याम भक्तों ने संगठन की नींव रखकर धर्म और सेवा की समाज में अलख जगायी. धर्म और सेवा का यह सिलसिला 23 वर्षों से लगातार जारी है. आज 42 ट्रस्टियों द्वारा यह सेवा की जा रही है.
संगठन के संस्थापक ट्रस्टी
श्री खाटू श्याम सेवा मंडल सिलीगुड़ी इकाई के मुख्य संस्थापक ट्रस्टी में ओम प्रकाश गीदड़ा, शिव भगवान गोल्यान, ओमप्रकाश अग्रवाल ‘ज्योति’, द्वारका प्रसाद गोल्यान, निर्मल चौधरी, देवी दत्त गर्ग, नेमचंद डाबड़ीवाल ‘नौगांव’, पंकज गीदड़ा, निर्मल गीदड़ा, सांवरमल परेशरामपुरिया व सुभाष शर्मा शामिल हैं. आज ट्रस्टी सदस्यों की संख्या बढ़कर 42 हो चुकी है. इन मुख्य ट्रस्टियों में ओम प्रकाश गीदड़ा संगठन और बाबा के दरबार के मुख्य प्रभारी के रुप में लगातार 14 वर्षों तक काम करते रहे. 2008 में सेवानिवृत होकर अपनी जिम्मेदारी श्री गीदड़ा ने श्याम सुंदर सरावगी को सौंप दी. श्री सरावगी आज प्रधान के रुप में अपनी सेवा देते आ रहे हैं.
संगठन के वर्तमान पदाधिकारी और सदस्य
श्री खाटू श्याम सेवा मंडल सिलीगुड़ी इकाई के वर्तमान पदाधिकारी और सदस्यों की सूची में अध्यक्ष श्याम सुंदर सरावगी, उपाध्यक्ष शिव भगवान गोल्यान, सचिव सुशील गीदड़ा, सह-सचिव अशोक कुमार धनावत, कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल ‘ज्योति’, उप कोषाध्यक्ष रतन लाल चिरानिया, मंदिर प्रभारी व जनसंपर्क अधिकारी पंकज गीदड़ा, कानूनी सलाहकार गौरी शंकर गीदड़ा के जिम्मे हैं. वहीं कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की सूची में ब्रजमोहन गोल्यान, विनोद कुमार गीदड़ा, सुशील कुमार अग्रवाल, जगदीश गीदड़ा, अशोक अग्रवाल (अलिपुरद्वार), हेमंत गीदड़ा, अरुण कंदोई, चंद्रप्रकाश सिंहल, विष्णु मित्तल, विनय सिंघी, पवन बंसल व प्रशांत बजाज हैं. जो अपनी जिम्मेदारी सत्र 2017-20 तक निभायेंगे.
18 वर्षों से 24 घंटे जल रही है बाबा की जोत
पंकज गीदड़ा ने खाटू श्याम मंदिर की खास विशेषता की जानकारी देते हुए बताया कि बाबा के दरबार में 18 वर्षों से 24 घंटे लगातार बाबा की जोत जल रही है. यह जोत राजस्थान के खाटू धाम से पैदल यात्रा कर सिलीगुड़ी लायी गयी थी. बाबा के दो परम भक्त सिलीगुड़ी निवासी दशरथ प्रसाद गर्ग ‘अग्रवाल’ व संजय दाय मा 1999 में 25 नवंबर को श्याम बाबा की जोत लेकर खाटू से रवाना हुए. दोनों श्याम भक्तों की भक्ति बोलें या फिर बाबा की विशेष कृपा, दोनों ने खाटू से सिलीगुड़ी की कुल 1973 किलोमीटर की पैदल यात्रा तीन महीने में पूरी की. 26 जनवरी 2000 को दोनों जोत के साथ सिलीगुड़ी पहुंचे. पैदल यात्रा के दौरान दोनों के साथ सहयोग के तौर पर 10 सहयोगी और तीन वाहन हमेशा साथ थे.
वर्ष भर आयोजित होनेवाले कार्यक्रम
श्री खाटू श्याम सेवा मंडल द्वारा वर्ष भर कई धार्मिक व सेवा मूलक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इनमें प्रमुख है बसंत उत्सव, मथुरा-वृंदावन के तर्ज पर ‘फाल्गुन उत्सव, होली उत्सव, गुरु पुर्णिमा, जन्माष्टमी, अन्नकुट, कार्तिक उत्सव, 31 दिसंबर की रात को नये वर्ष का धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ‘वेलकम’ कार्यक्रम व रक्तदान, निःशुल्क चिकित्सा शिविर के अलावा कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के विरोध में जन जागरुकता कार्यक्रम हैं. इनके अलावा कन्या विवाह और जरुरतमंदों को आर्थिक मदद करना भी सेवा कार्य में शामिल है. साथ ही श्याम भक्तों का सबसे प्रमुख सेवा कार्य है गौसेवा. संगठन के सचिव सुशील गीदड़ा ने बताया कि मंडली द्वारा श्याम भक्तों के घरों में हमेशा कीर्तन आयोजित किया जाता है. उससे मंडली को जो आय होती है उसका 80 फीसदी हिस्सा गौसेवा और 20 फीसदी हिस्सा कन्या विवाह व जरुरत मंदों की सेवा में खर्च होता है. उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा हल्दीबाड़ी गौशाला, मालबाजार गौशाला, राजस्थान के चौमु, पथमेड़ा व राजगढ़ के गौशाला को हमेशा आर्थिक अनुदान दिया जाता है.
श्री खाटू श्याम सेवा मंडल सिलीगुड़ी का इतिहास
श्री खाटू श्याम सेवा मंडल सिलीगुड़ी इकाई के संस्थापक ट्रस्टी सह जन संपर्क अधिकारी पंकज गीदड़ा ने प्रभात खबर के साथ संगठन के इतिहास को साझा किया. उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा स्थानीय चर्च रोड में श्याम बाबा का भव्य दरबार सजाया गया जो आज भी भक्तों के लिए खुला है. 1994 में संगठन के रजिस्टर्ड होने के ठीक एक वर्ष बाद ही 1995 में वसंत पंचमी के दिन संगठन ने शहर के अढ़ाई माइल सेवक रोड में श्याम मंदिर के लिए जमीन खरीदी. एक वर्ष बाद ही 1996 में वसंत पंचमी के दिन ही श्याम बाबा के भव्य मंदिर के लिए भूमि पूजन हुआ. चार वर्ष बाद 2000 में 10 फरवरी यानी वसंत पंचमी के दिन ही मंदिर में श्याम बाबा का प्राण-प्रतिष्ठा हुआ और भव्य व विराट मंदिर समाज को समर्पित कर दिया गया.
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