शेखपुरा : रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र के नासिक पहुंचा शेखपुरा के ओठवां गांव निवासी रामगढ़ी तांती का पुत्र राकेश ने मध्य प्रदेश में 11वीं कक्षा की छात्रा से मंदिर में शादी रचा ली. लेकिन, शादी के बाद राकेश ने जब अपने विवाहित होने के साथ-साथ तीन बच्चों के पिता होने की बात अपनी दूसरी पत्नी को बतायी, तब प्रेम विवाह में थोड़ी खलल पहुंची. अपने मायके से चोरी-छिपे शादी करने वाली मध्यप्रदेश के बड़वानी जिला स्थित निवाली थाने के कानपुरी गांव निवासी अनिता कुमारी ने अपने प्रेमी पति के साथ ही जीवन गुजारने का फैसला लिया.
अंतरजातीय विवाह में 15 दिन बाद ही पति राकेश अपनी पहली पत्नी के ऑपरेशन कराने की बात कह कर वापस शेखपुरा के ओठवा गांव पहुंच गया. लेकिन, निर्धारित समय में जब वह वापस नासिक नहीं पहुंचा, तो अनिता किसी तरह ओठवां गांव स्थित अपने ससुराल पहुंच गयी. लेकिन, वहां उसे ससुराल वालों का विरोध का सामना करना पड़ा, तब बहू होने का अधिकार पाने के लिए अनिता ससुराल की चौखट पर धरने पर बैठ गयी. जब वहां ग्रामीणों की भीड़ जुटी,
तो अनिता ने गांव वालों से यह कह कर न्याय मांगी कि वह अपने मां-पिता को छोड़कर पति के पास चली आयी, अब किसके सहारे जिंदगी पार लगेगी. नवविवाहिता की बात सुन कर गांव वालों ने राकेश के परिवार वालों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. आखिरकार करीब चार घंटे बाद अनिता को सफलता मिल ही गयी और राकेश के पूरे परिवार ने उसे बहू के रूप में स्वीकार लिया. हालांकि राकेश की पहली शादी बरबीघा के चमर बीघा गांव में हुई है. पहली पत्नी रूबी देवी ने बताया कि उसके पति ने दूसरी शादी करने की जानकारी उसे टेलीफोन पर दी थी, लेकिन उसे विश्वास नहीं हुआ था. गांव वालों के प्रयास से रूबी और अनिता दोनों अब राकेश की पत्नी के रूप में साथ-साथ गुजर-बसर करेंगी. ओठवां गांव का राकेश अपने जीविकोपार्जन के लिए महाराष्ट्र के नासिक में राजमिस्त्री का काम करने गया था.