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विद्युत चोरी का मामला गरमाया

आरोप: डेढ़ घंटे में 34 घरों में कैसे हुई छापेमारी और विद्युत चोरी आकलन शेखपुरा : सदर प्रखंड के गवय गांव में विद्युत विभाग के द्वारा 34 लोगों के विरुद्ध विद्युत चोरी की प्राथमिकी में नया मोड़ आने लगा है. इस मामले में ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए न्यायालय में संबंधित […]

आरोप: डेढ़ घंटे में 34 घरों में कैसे हुई छापेमारी और विद्युत चोरी आकलन

शेखपुरा : सदर प्रखंड के गवय गांव में विद्युत विभाग के द्वारा 34 लोगों के विरुद्ध विद्युत चोरी की प्राथमिकी में नया मोड़ आने लगा है. इस मामले में ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए न्यायालय में संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही शुरू कर दी है.
इस बाबत स्थानीय ग्रामीणों में बजरंगी सिंह, ललन सिंह, भोला सिंह, श्रीकांत सिंह, सत्येंद्र प्रसाद, अशोक पांडेय ने आरोप लगाया कि 15 अप्रैल को अधिकारियों ने छापेमारी कर 34 लोगों के घर विद्युत चोरी की जांच करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है.
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि विद्युत अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान एक ही दिन में सुबह छापेमारी का जो आंकड़ा दिखाया है उसमें सुबह 11:05 बजे गांव के कमल राम के घर छापेमारी की गई थी. जबकि उसी दिन 12:35 तक गणेश दत्त के घर में छापेमारी करते हुए 34 लोगों के विरुद्ध विद्युत चोरी का मामला दर्ज कराया था.
ग्रामीणों ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रत्येक घरों में छापेमारी कर समयसीमा अंकित किया गया है वह दो से तीन मिनट का अंतराल है. लेकिन वास्तविक बात यह है कि प्रत्येक घरों में विद्युत जांच के लिए कम से कम 15 मिनट का समय लगना चाहिए. इस मौके पर पूर्व मुखिया महेश राम ने कहा कि उनके घर में पूर्व से ही विद्युत कनेक्शन है और नियमित रूप से विद्युत विपत्र का भी भुगतान करते हैं. इसके बावजूद उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
उन्होंने बताया कि गांव में ऐसे दर्जनभर से अधिक लोग हैं जो या तो कनेक्शनधारी हैं और उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. उन्होंने यह भी कहा कि करीब 6 माह पूर्व गांव में विद्युत विभाग के अधिकारियों ने शिविर लगाकर प्रत्येक विद्युत उपभोक्ता बनाने के नाम पर दो-दो हजार रुपये की वसूली की थी और विद्युत कनेक्शन देने का भरोसा दिलाया था. कुछ घरों में बीपीएल का मीटर घरों में ठोक कर छोड़ दिया गया तो कहीं कुछ भी नहीं दिया गया.
ग्रामीणों ने साफ शब्द में कहा कि विद्युत अधिकारियों के द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी उपभोक्ता के घरों की चौहद्दीयां भी गलत अंकित की गई है.इस छापेमारी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विभाग के अधिकारी गांव में पहुंचकर एक असामाजिक तत्व के द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची के आधार पर आंख बंद कर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की है.ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले को लेकर कार्रवाई नहीं होने पर इस पूरे मामले में साक्ष्य के साथ न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने का फैसला लिया है.

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