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Thursday, March 28, 2024

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सुहागिनों ने की पति के दीर्घायु होने की कामना

सीतामढ़ी : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को महिलाओं द्वारा खास कर मिथिलांचल क्षेत्र में सदियों से मनाये जाने वाली वट सावित्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया. अहले सुबह से हीं महिलाएं नहा-धो व सज-धज कर वट वृक्ष के समीप पहुंचना शुरू कर दी. मौके पर मौजूद आचार्य द्वारा कराये जा रहे मंत्रोच्चारण […]

सीतामढ़ी : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को महिलाओं द्वारा खास कर मिथिलांचल क्षेत्र में सदियों से मनाये जाने वाली वट सावित्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया.

अहले सुबह से हीं महिलाएं नहा-धो व सज-धज कर वट वृक्ष के समीप पहुंचना शुरू कर दी. मौके पर मौजूद आचार्य द्वारा कराये जा रहे मंत्रोच्चारण के बीच सुहागन महिलाएं अपने पति को दीर्घायु होने की कामना से वट वृक्ष की पूजा की. इससे पूर्व वट वृक्ष के समक्ष विभिन्न प्रकार के फलों व मिष्टानों का भोग लगाया गया. आचार्य द्वारा कथा सुनने के बाद महिलाएं अपने-अपने घर को प्रस्थान की. यह सिलसिला दो पहर के बाद तक चलता रहा. यह स्थित जिले के विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न स्थानों की है.
खास कर नव विवाहिताओं द्वारा सभी प्रकार के श्रृंगार कर व नये वस्त्र धारण कर पति के लंबी उम्र की कामना की जाती है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोक-लाज के चलते अधिकांश नव विवाहिताएं अपने घर के आंगन में बट वृक्ष की डाली को स्थापित कर उसकी पूजा करते हैं.
शहर के कोर्ट बजार, नहर चौक, सीओ ऑफिस गली, बसबरिया, रघुनाथपुरी व रामपदार्थ नगर समेत अन्य मुहल्लों में वट वृक्ष के समीप महिलाओं द्वारा पूजा-अर्चना की गयी.
डुमरा : जिला मुख्यालय डुमरा स्थित चित्रगुप्त मंदिर के समीप, चंडीधाम कैलाशपुरी के समीप, कुमार चौक, प्रखंड कार्यालय परिसर, साई मंदिर शंकर चौक, बड़ी बाजार स्थित महारानी स्थान के समीप स्थित वट वृक्षों के समक्ष महिलाओं द्वारा वट वृक्षों की पूजा-अर्चना की गयी. मौके पर मौजूद महिला व्रतियों ने कहा कि महिलाओं द्वारा यह व्रत सनातन काल से हीं मनाया जा रहा है. ऐसी धारणा है कि माता पार्वती ने सबसे पहले वट सावित्री का व्रत रख व वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति के दीर्घायु होने व सात जन्मों तक पति से मिलने की कामना करती है.
बोखड़ा : प्रखंड के खड़का गांव में अलग-अलग स्थान स्थित वट वृक्ष के समीप से सुहागन नव विवाहिताओं द्वारा धूमधाम से पूजा की गयी. सुहागन राखी देवी, जुली देवी, ललिता देवी, सविता देवी, हेना, आशा, मिक्की व गुड़िया समेत अन्य ने बताया कि यह व्रत सबसे पहले माता गौरी द्वारा की गयी. ऐसी मान्यता है कि नियम निष्ठा इस व्रत को करने से महिलायें सात जन्मों तक सदा सुहागन रहती है.
सुरसंड : प्रखंड क्षेत्र की सुहागन महिलाओं ने गुरुवार को वट सावित्री व्रत रख पति के दीर्घायु रहने की कामना करते हुए वट वृक्ष की पूजा- अर्चना कर रक्षा सूत्र बांधी. बाबा गरीबनाथ परिसर व बूढ़ा पोखर स्थित कंकाल बाबा के समीप स्थित वट वृक्षों की पूजा-अर्चना कर महिलाओं ने सदा सुहागन रहने की वरदान मांगी.
बाजपट्टी : प्रखंड परिसर स्थित मंगलाधाम मंदिर में गुरुवार को वट सावित्री व्रत को लेकर वट वृक्ष के समीप सुहागन महिलाओं की भीड़ घंटों लगी रही. वैदिक मंत्रोचार के बीच महिलाओं ने विधिवत पूजा- अर्चना की. बाद में व्रतियों ने वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर व रक्षा सूत्र बांध अपने पति के दीर्घायु होने की कामना की. आचार्य कृष्ण कुमार झा ने बताया कि सावित्री व्रत व वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करने से महिलाएं अचल सुहागवती व उनके पति दीर्घायु होते हैं.
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