26 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

गुरु आदित्य योग में बहनें बांधेंगी राखियां

बिहारशरीफ : भाई-बहन के रिश्ते की सबसे पवित्र का पर्व है रक्षा बंधन. इस रिश्ते को रसूख तभी मिल सकता है जब हम इस तहे-दिल से मानें. रक्षा बंधन सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार 29 अगस्त को रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व है. 12 वर्ष बाद गुरु आदित्य योग […]

बिहारशरीफ : भाई-बहन के रिश्ते की सबसे पवित्र का पर्व है रक्षा बंधन. इस रिश्ते को रसूख तभी मिल सकता है जब हम इस तहे-दिल से मानें. रक्षा बंधन सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है.
इस बार 29 अगस्त को रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व है. 12 वर्ष बाद गुरु आदित्य योग में राखी का त्योहार मनाया जायेगा. इस दिन भाइयों द्वारा बहनों को दिया गया उपहार दोनों के लिए ऐश्वर्य एवं समृद्धि देने वाला है. ज्योतिषियों के अनुसार रक्षा बंधन पर दोपहर एक बज कर 49 मिनट तक भद्रा नक्षत्र रहेगा. इसके बाद ही रक्षा बंधन का पर्व मनाया जायेगा. शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेगी. ज्योतिषाचार्य पंउित श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि 29 अगस्त शनिवार को घनिष्ठा नक्षत्र के साथ कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षा बंधन का पर्व आयेगा. इस दिन गुरू व सूर्य सिंह राशि में गोयर रहेगा. सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर जब घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बनता है तो विशेष धन व लाभकारी माना जाता है. इस दृष्टि से इस दिन बहनों को उपहार के रूप में दी गयी. स्वर्ण व रजत की वस्तुएं ऐश्वर्य एवं शुभ समृद्धि देने वाली मानी जाती हैं.
यह उपहार शुभ है:गुरु आदित्य योग में बहनों को चांदी की वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद जैसे मोबाइल
,लैपटॉप,आइपॉड,घड़ियां,एलसीडी आदि उपहार में देना शुभ फलदायी रहेगा.शुभ मुहूर्त में स्वर्ण का दान करना भाई बहन की आयु में वृद्धि के कारण हैं.
रक्षा बंधन पर पूजा विधि:
रक्षा बंधन के दिन सुबह में भाई-बहन स्थान करके भगवान की पूजा करते हैं. इसके बाद बहनें अपने भाइयों के ललाट पर कुमकुम, रोली व अक्षत से तिलक करती है. फिर भाई की दायीं कलाई पर रेशम की डोर से बंधी राखी बांधती है और मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती है. राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को रक्षा का आशिर्वाद एवं उपहार देता है. राखी बांधते समय बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना करती है.
पुरोहित भी यजमान को बांधते हैं राखी:
रक्षा बंधन का पर्व एक दूसरे का रक्षा के बंधन से बांधने का पर्व हे. इस दिन बहन के अलावा पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बांधते हैं और उनकी मंगल की कामना करते हैं.
सदियों से चली आ रही राखी बांधने की परंपरा:
रक्षा बंधन का पर्व कब से शुरू हुआ यह कहना तो मुश्किल है. मगर यह पर्व सदियों पुराना हैं. द्वापर युग में द्रौपदी ने श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग जाने पर कपड़ा बांधी थी. जिसके बाद श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को बहन मान कर उसकी रक्षा करने का वादा यिका था. युगल काल में चितौड़ की रानी कर्णावती ने हुंमायु का राखी भेज कर अपना भाई बनाया था. बाद में हुंमायु ने गुजरात के राजा के आक्रमण से चितौड़ की रक्षा की थी.
कब बांधें राखी:
29 अगस्त को दोपहर एक बज कर 49 मिनट तक भद्रा नक्षत्र रहेगा. इसके बाद ही भगवान पूजन एवं राखी, बांधने का कार्य शुरू होगा. दोपहर एक बज कर 50 मिनट से लेकर आठ बज कर 58 मिनट तक राखी बांधने का समय शुभ है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें