प्रधानमंत्री के कैशलेस अभियान से प्रभावित होकर 30वें बिटोत्सव को कैशलेस मेला बनाने की बात सोची गयी. इसके लिए इसी संस्थान में कंप्यूटर साइंस के एमएलएन कौशिक नामक छात्र ने इसका सॉफ्टवेयर तैयार किया. पेटीएम की भांति इस साफ्टवेयर से सारे कैंपस को कैशलेस कर दिया गया.
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छात्र ने बनाया सॉफ्टवेयर, 54 लाख का कैशलेस ट्रांजेक्शन
रांची/मेसरा: बीआइटी मेसरा का बीटोत्सव मेला कैशलेस आयोजित हुआ. इसमें 54 लाख रुपये का कैशलेस लेन-देन हुआ. यहां साल में एक बार बिटोत्सव मेला लगाया जाता है. इसके माध्यम से परंपराओं को कायम रखते हुए सामाजिक सांस्कृतिक समरसता का संदेश दिया जाता है. लगातार 29 साल से यह मेला लगता आ रहा है. प्रधानमंत्री के […]
रांची/मेसरा: बीआइटी मेसरा का बीटोत्सव मेला कैशलेस आयोजित हुआ. इसमें 54 लाख रुपये का कैशलेस लेन-देन हुआ. यहां साल में एक बार बिटोत्सव मेला लगाया जाता है. इसके माध्यम से परंपराओं को कायम रखते हुए सामाजिक सांस्कृतिक समरसता का संदेश दिया जाता है. लगातार 29 साल से यह मेला लगता आ रहा है.
मेला को संचालित करने में जहां से पैसा आया, उनमें प्रायोजक, झारखंड सरकार का पर्यटन विभाग, विद्यार्थियों के निबंधन, स्टॉल, छात्रों द्वारा टी-शर्ट बिक्री व बीआइटी विश्वविद्यालय द्वारा दिये गये सहयोग राशि शामिल है. जिस मद में पैसा गया, उसमें कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार, मेला में रंग-रोगन व सजावट, भोजन, होटलों में अतिथियों को ठहराना, ट्रांसपोर्टेशन व सुरक्षा के लिए दी गयी राशि शामिल है.
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