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बाल मित्र थाना का मॉडल पूरे देश में लागू कराने का होगा प्रयास : जस्टिस पटेल

अभी तक 111 पुलिस थानों को दिया जा चुका है बाल मित्र थाना का प्रमाण पत्र पुलिस अधिकारी किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुरूप कार्रवाई करें रांची : झारखंड का बाल मित्र थाना काफी अच्छा काम कर रहा है़ इसे रोल मॉडल बना कर पूरे देश में लागू करने का प्रयास किया जायेगा़ झारखंड हाइकोर्ट […]

अभी तक 111 पुलिस थानों को दिया जा चुका है बाल मित्र थाना का प्रमाण पत्र
पुलिस अधिकारी किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुरूप कार्रवाई करें
रांची : झारखंड का बाल मित्र थाना काफी अच्छा काम कर रहा है़ इसे रोल मॉडल बना कर पूरे देश में लागू करने का प्रयास किया जायेगा़ झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश तथा किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष जस्टिस डी एन पटेल ने यह बातें कही. जस्टिस पटेल सीआइडी विभाग और यूनिसेफ के द्वारा मंगलवार को होटल कैपिटोल हिल में आयोजित बाल मित्र थाना प्रमाणन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बाल मित्र थाना द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के 21 मानक पर खरा उतरने व उसकी कार्यशैली की सराहना की़
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने लालपुर स्थित बाल मित्र थाना का निरीक्षण किया था़ उन्होंने भी इस थाना की काफी सराहना की थी़ कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि अभी तक 111 पुलिस थानों को बाल मित्र थाना का प्रमाण पत्र दिया जा चुका है़ 2015 में पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, पाकुड़, साहेबगंज, कोडरमा, रांची, खूंटी, दुमका, देवघर और जमशेदपुर के 27 पुलिस थानों को बाल मित्र पुलिस थाना का प्रमाण पत्र दिया गया था़ इस दौरान बताया गया कि बाल मित्र थाना की शुरुआत 2012 में रांची जोन से हुई थी, जो बाद में विस्तारित होकर राज्य के 502 पुलिस थानों तक पहुंच गयी.
बच्चों से जुड़े मामलों के प्रति संवेदनशील बनें : सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा कि बाल मित्र थाना का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों खासकर थाना के बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों (सीडब्ल्यूपीओ) और थाना प्रभारियों को बच्चों से जुड़े मामलों के प्रति संवेदनशील बनाना है़
पुलिस अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) के अनुरूप कार्रवाई करने तथा बच्चों के हित में अपनी भूमिका निभानी है. यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 बच्चों के हित में है, इसे तुरंत लागू करने की आवश्यकता है़ बाल मित्र पुलिस थाना इसी दिशा में उठाया गया कदम है. इसके तहत यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बच्चों के साथ थानों में मित्रवत व्यवहार किया जायेगा और उनके हितों को प्राथमिकता दी जायेगी़
बाल मित्र थाना के लिए बने हैं 21 मानक : सीआइडी और यूनिसेफ के द्वारा बाल मित्र थाना के लिए 21 मानक बनाये गये हैं. इस मानक को संसाधन और समुदायों तक पुलिस की पहुंच को ध्यान में रख कर तैयार की गयी है़ 95 से अधिक सीडब्ल्यूओपी तथा झारखंड के सभी जिलों की विशेष किशोर न्याय पुलिस इकाई के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षकों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
उन्होंने बाल मित्र थाना की पहल को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए किये गये प्रयासों के बारे में अपने अनुभव साझा किये.
कार्यक्रम में कई अधिकारी थे उपस्थित : कार्यक्रम में सीआइडी एडीजी अजय कुमार सिंह, सीआइडी एसपी नरेंद्र कुमार सिंह, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, सिटी डीएसपी शंभु सिंह, यूनिसेफ की प्रीति श्रीवास्तव सहित कई पुलिस अधिकारी व यूनिसेफ के लोग उपस्थित थे़

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