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Friday, March 29, 2024

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लोगों को उनके द्वार पर ही न्याय मिले

यूनिवर्सिटी लोक अदालत. 128.56 करोड़ का भुगतान, बोलीं राज्यपाल रांची : लालफीताशाही आम लोगों को न्याय दिलाने में बाधक नहीं बननी चाहिए. आम लोगों को सस्ता व शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए लोक अदालत को आंदोलन का रूप देना होगा. लोक अदालत में दोनों पक्षों में आम सहमति के आधार पर फैसले होते हैं. […]

यूनिवर्सिटी लोक अदालत. 128.56 करोड़ का भुगतान, बोलीं राज्यपाल
रांची : लालफीताशाही आम लोगों को न्याय दिलाने में बाधक नहीं बननी चाहिए. आम लोगों को सस्ता व शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए लोक अदालत को आंदोलन का रूप देना होगा. लोक अदालत में दोनों पक्षों में आम सहमति के आधार पर फैसले होते हैं. आम सहमति से लिया गया फैसला खुशी प्रदान करता है. गांव में लोगों को न्याय उनके द्वार पर उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उक्त बातें राज्यपाल डाॅ द्राैपदी मुरमू ने कही.
वे बताैर मुख्य अतिथि शनिवार को झारखंड हाइकोर्ट परिसर में आयोजित तीसरे यूनिवर्सिटी लोक अदालत को संबोधित कर रहीं थीं. झालसा के सहयोग से झारखंड हाइकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के तत्वावधान में विश्वविद्यालय शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मामलों के निष्पादन के लिए लोक अदालत लगायी गयी थी. राज्यपाल ने कहा कि पांच हजार से अधिक विवि कर्मियों के वर्षों से लंबित मामले का निष्पादन हो रहा है. शीघ्र व सुलभ न्याय के लिए झालसा सहयोग कर रहा है. यह बड़ी उपलब्धि झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल के सक्रिय सहयोग से प्राप्त हुई है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कई समस्याएं विरासत में मिली है. सुशासन कायम करना सरकार की प्राथमिकता है. हमारी सरकार की नियत व नीति साफ है. सरकार नीति बनाने पर ध्यान दे रही है. कई नीतियां लागू भी कर दी गयी है. न्याय अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है.
कानून का सरलीकरण गरीब लोगों को राहत देने के लिए होना चाहिए. हमारी सरकार कानूनों का सरलीकरण करने का काम जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य काफी पीछे है. रांची को ज्ञान की राजधानी बनाना है. वित्तीय वर्ष 2017-2018 के बजट में बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के स्तर से ही कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया जा रहा है. उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट में राशि की बढ़ोतरी की जा रही है. विश्वविद्यालयों के नियमों-परिनियमों का भी सरलीकरण किया जायेगा. शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य चल रहा है.
शिक्षा से ही गरीबी दूर की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि मैं झारखंड में न्याय प्राप्त करनेवाले लोगों का आंकड़े देखने के लिए नहीं, बल्कि न्याय मिलने के बाद लोगों के चेहरे पर छायी खुशी का भाव देखने आये हैं. सामाजिक दायित्व के तहत न्यायपालिका गरीबों के आंसू पोछने का काम करे, ताकि त्वरित न्याय संभव हो सके. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आर भानुमति ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक मामलों का भी निष्पादन होने लगा है.
झालसा बच्चों व सीनियर सिटीजन के मामलों में बेहतर कार्य कर रहा है. झारखंड हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती ने कहा कि वर्षों से लोग न्याय पाने के लिए परेशान थे. आज लोक अदालत में कई मामलों का निष्पादन किया गया. लोक अदालत के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है. शिक्षा मंत्री डाॅ नीरा यादव ने कहा कि लोक अदालत विवि कर्मियों के लिए वरदान साबित हुआ है. इसके लिए जस्टिस डीएन पटेल की सराहनीय भूमिका रही. उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 100 कॉलेज खोले जा रहे हैं.
झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष व हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि 30 वर्षों से विवि कर्मियों के मामले लंबित थे. 5537 कर्मियों के मामले निष्पादित किये गये. पहली बार 128.56 करोड़ रुपये की राशि का चेक विवि कर्मियों को दिया गया. अतिथियों ने झालसा द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन भी किया. 16 आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का पत्र प्रदान किया गया. धन्यवाद ज्ञापन जस्टिस एचसी मिश्रा व मंच संचालन शशि ने किया.
मांडर : राज्यपाल द्रौपदी मुरमू, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, मुख्यमंत्री रघुवर दास आैर शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने शनिवार को संयुक्त रूप से मांडर के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में 500 स्कूलों में शुरू किये जा रहे लीगल लिटरेसी क्लब का आनलाइन उदघाटन किया.
मांडर सहित राज्य के 203 कस्तूरबा गांधी व 297 अन्य विद्यालयों में झालसा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता तथा कल्याण विभाग की ओर संचालित इस लीगल लिटरेसी क्लब के उदघाटन समारोह में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आर भानुमति, झारखंड हाइकोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस सह झालसा के संरक्षक जस्टिस पीके मोहंती, कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, कल्याण सचिव हिमानी पांडेय सहित झालसा, डालसा, हाइकोर्ट के कई जज व शिक्षा विभाग के कई वरीय अधिकारियों के अलावा लिम्का बुक अॉफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि भी पहुंचे थे.
मौके पर राज्यपाल ने कहा कि बच्चे देश के कर्णधार हैं. लीगल लिटरेसी क्लब बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा. इसके माध्यम से बच्चों को बौद्धिक जानकारी देने का ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है. बच्चे शुरू से ही कानून को सीखेंगे और अपने अधिकार व कर्तव्य की जानकारी हासिल करेंगे. भारत का संविधान बच्चों के सभी पाठ्य पुस्तकों के पहले पन्ने पर होना चाहिए, क्योंकि संविधान धार्मिक ग्रंथ की तरह है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां एक साथ 500 स्कूलों में लीगल लिटरेसी क्लब की शुरुअात की जा रही है. आज के इस ज्ञान आधारित युग में हमारा राज्य भी नॉलेज बेस्ड राज्य बने, बच्चे शुरू से ही कानून, अपने अधिकार व कर्तव्य को जाने यह क्लब उसी की एक कड़ी है. शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि लीगल लिटरेसी क्लब से एक साथ 500 स्कूलों को जोड़ना एेतिहासिक क्षण है. क्लब के माध्यम से बच्चे कानून की जानकारी हासिल करेंगे और खुद के साथ अपने परिवार व समाज की भी रक्षा करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि लीगल लिटरेसी क्लब में बच्चे आनंद पूर्ण वातावरण में कानून पढ़ेंगे. इस क्लब से समाज में एक पिरामिड की तरह जागरूकता का एक स्ट्रक्चर तैयार होगा. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आर भानुमति ने कहा कि कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलती है. सफलता के लिए साधारण परिवार का होना कोई मायने नहीं रखता है. झारखंड हाइकोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस व झालसा के संरक्षक पीके मोहंती ने कहा कि लिटरेसी क्लब बच्चों में विधिक जागरूकता आयेगी.
झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेेल ने कहा कि क्लब में कानून की छोटी पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है. हम स्कूलों में बच्चों को पारा लीग वाेलेंटियर की पांच दिवसीय ट्रेनिंग भी देंगे. धन्यवाद ज्ञापन निदेशक माध्यमिक शिक्षा मनीष रंजन ने किया. इस अवसर पर राज्य व जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया.
लोक अदालत में इन्हें मिला नियुक्ति पत्र
राज्यपाल डाॅ द्राैपदी मुरमू व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अनुकंपा के आधार पर आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. गीता उरांव, विजय उरांव, सुधीर कुमार, रमेश टोप्पो, अनिल विक्रांत, दीपक गिरि, मो इमरान, धर्मेंद्र कुमार सिंह, सहजनाथ महतो, प्रियंका देवी, अनूप तिर्की, शाश्वत अर्पण, चंदन कुमार, निरंजन रवानी को नियुक्ति पत्र दिया गया.
32 वर्षों से लंबित था डाॅ उमाशंकर का मामला
रांची विवि से सेवानिवृत्त डाॅ उमाशंकर साहू का मामला वर्ष 1984 से लंबित था. अपने रीडर पद पर प्रोन्नति के बकाया सहित अन्य दावे के भुगतान के लिए विश्वविद्यालय से लेकर कोर्ट का चक्कर लगा रहे थे. लोक अदालत के माध्यम से उन्हें त्वरित न्याय मिल गया. राज्यपाल ने डाॅ साहू को बकाया राशि 2,70,083 रुपये का चेक प्रदान किया.
वहीं 15 वर्षों से विवि कार्यालय व न्यायालय का चक्कर लगा रहे डाॅ केएन गोप को भी छुट्टी व बकाया पेंशन राशि 9,64,310 रुपये का चेक प्रदान किया गया. डाॅ आशा कुमारी प्रसाद को पंचम वेतन से लेकर अब तक बकाया राशि का चेक दिया गया. इसी प्रकार डाॅ रेशमा खलखो, डाॅ मंजू कुमारी, प्रेमलता सिंह, बी कच्छप सहित बड़ी संख्या में विवि कर्मियों को उनके बकाया राशि से संबंधित लोक अदालत में चेक प्रदान किया गया.
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