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प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार जायेंगे पदाधिकारी

पारा शिक्षक . 65 हजार प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भेजा गया है राज्य के पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार भेजा गया है. बीएसइबी ने इसके लिए झारखंड से अधिकारी भेजने को कहा है. रांची : राज्य के पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने झारखंड को अपना […]

पारा शिक्षक . 65 हजार प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भेजा गया है

राज्य के पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार भेजा गया है. बीएसइबी ने इसके लिए झारखंड से अधिकारी भेजने को कहा है.
रांची : राज्य के पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने झारखंड को अपना अधिकारी भेजने को कहा है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश पर सभी जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा पारा शिक्षकों का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा गया है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक साथ इतने अधिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन में असमर्थता जताते हुए अपना पदाधिकारी भेजने को कहा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने की बात कही है. अब पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए जिलास्तर से प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को बिहार भेजा जा रहा है. कुछ जिलों से पदाधिकारी बिहार भेजे गये हैं.
78 हजार पारा शिक्षकों में से लगभग 65 हजार पारा शिक्षक का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भेजा जा चुका है. इनमें से अब तक 8271 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई है. 8,271 सत्यपित प्रमाणपत्राें में से 304 पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच में फरजी पाये गये़ फरजी प्रमाणपत्र के आधार पर कार्यरत 29 पारा शिक्षकों की सेवा अब तक समाप्त कर दी गयी है, जबकि 49 पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है़
ये पारा शिक्षक वर्षों से फरजी प्रमाणपत्र के आधार पर कार्यरत थे़ अब तक हुई जांच में सबसे अधिक बोकारो जिले के पारा शिक्षकों का प्रमाणपत्र फरजी पाया गया है़ गिरिडीह में 78 पारा शिक्षकों का प्रमाणपत्र फरजी पाया गया़ उल्लेखनीय है कि झारखंड में कार्यरत पारा शिक्षकों में से 90 फीसदी से अधिक शिक्षक बिहार बोर्ड से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास की है.
सत्यापन कार्य 31 मार्च तक पूरा करने का दिया गया था समय
पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन का कार्य 31 मार्च तक पूरा करने को कहा गया था. पर अब तक पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र का सत्यापन नहीं हुआ है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को जल्द-से-जल्द प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने को कहा गया है.
पारा शिक्षकों की नियुक्ति के पूर्व स्कूलों में छात्र संख्या का सर्वेक्षण किया जाता था. छात्र संख्या के आधार पर आवश्यकता के अनुरूप जिला स्तर से विद्यालय के नाम व आवश्यक शिक्षकों की संख्या के अनुरूप विज्ञापन जारी किया गया था़ पारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की जाती थी. इस कारण प्रारंभ में प्रमाणपत्रों की जांच नहीं हो सकी.
आठ हजार बने स्थायी शिक्षक
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है़ प्राथमिक व मध्य विद्यालय में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिनमें से आठ हजार पदों पर पारा शिक्षकों की नियुक्त हुए है़ं बिना प्रमाणपत्र सत्यापन के ही पारा शिक्षकों को आरक्षण का लाभ दे दिया गया़ जानकार बताते हैं कि जो पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बन गये हैं, उनमें से भी कुछ शिक्षकाें का प्रमाणपत्र फरजी होगा़
बच्चों से करवाते थे घरों की रेकी
बरियातू पुलिस की टीम ने घर और ऑफिस में घुस कर चोरी करने के आरोप में विशाल राम और अनीश गिरि को गिरफ्तार किया है. दोनों ने पिछले 16 जून को वन वृंदावन कॉलोनी स्थित अतुल पावर टेक के ऑफिस में घुस कर चोरी की थी. पुलिस ने दोनों के पास से चोरी के सामान भी बरामद कर लिये हैं.
रांची : चोरी करनेवाले गिरोह में दोनों के अलावा तीन अन्य बच्चे भी शामिल हैं. किसी को संदेह न हो, इसलिए तीनों बच्चे से बंद घर और ऑफिस की रेकी करवाते थे. इसके बाद खुद घर और ऑफिस में घुस कर चोरी कर लेते थे. यह जानकारी शनिवार के दिन बरियातू थाने में सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में दी.
डीएसपी ने बताया कि चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण लाने और चोरी करनेवाले को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया था. टीम में शामिल अफसरों ने ब्रांबे आवास और चिरौंदी के आसपास छापेमारी की. इसी दौरान शुक्रवार को दो संदिग्ध युवक ब्रांबे आवास के बाहर पहाड़ के पास से पकड़े गये थे. दोनों ने पूछताछ में चोरी की घटना में अपनी संलिप्तता की बात स्वीकार की. उनकी निशानदेही पर चोरी के सामान बरामद किये गये.
डीएसपी ने बताया कि अनीश गिरि को वर्ष 2014 में लालपुर थाना की पुलिस जेल भेज चुकी है. दोनों कुछ अन्य घटनाओं में शामिल हो सकते हैं. इस बिंदु पर दोनों से पूछताछ की जा रही है. दोनों चोरी के बाद सामान कहां बेचते थे, इसके संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है.

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