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बदल रही है कल्याण विभाग के स्कूलों की स्थिति

रांची. कल्याण विभाग के 132 आवासीय विद्यालयों को बेहतर बनाने की कवायद जारी है. राज्य गठन के बाद पहली बार इन स्कूलों में पठन-पाठन की अपेक्षित सुविधा व साधन मुहैया कराये जा रहे हैं. स्कूलों व छात्रावासों के भवनों की मरम्मत की जा रही है व नये भवन का निर्माण किया जा रहा है. बेंच-डेस्क […]

रांची. कल्याण विभाग के 132 आवासीय विद्यालयों को बेहतर बनाने की कवायद जारी है. राज्य गठन के बाद पहली बार इन स्कूलों में पठन-पाठन की अपेक्षित सुविधा व साधन मुहैया कराये जा रहे हैं. स्कूलों व छात्रावासों के भवनों की मरम्मत की जा रही है व नये भवन का निर्माण किया जा रहा है. बेंच-डेस्क समेत अन्य सुविधाएं बच्चों को मुहैया करायी जा रही हैं. कुल मिला कर कल्याण के आवासीय विद्यालय बदल रहे हैं. पढ़ें यह रिपोर्ट.

पहले ऐसी थी स्कूलों व छात्रावासों की दुर्दशा
पूर्व में कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों की हालत का अंदाजा दो विभागीय रिपोर्ट से लगाया जा सकता है. पहली विद्यालयों के मूल्यांकन वाली रिपोर्ट (सितंबर 2009) व दूसरी छात्रावासों की स्थिति पर रिपोर्ट (अक्तूबर 2011). कुल 108 स्कूलों तथा 34 छात्रावासों का सर्वे किया गया था. क्षमता से अधिक बच्चों वाले तथा ज्यादातर जर्जर छात्रावासों में बुनियादी सुविधाएं (शौचालय, बिजली, पानी, बरतन व फर्नीचर) भी नहीं थीं. कई स्कूलों व छात्रावासों में शौचालय तक नहीं था. 68 स्कूलों व 40 से अधिक छात्रावासों के भवनों की मरम्मत की जरूरत थी. वहीं 44 स्कूलों के फर्श बुरी तरह टूटे थे. रिपोर्ट में 560 दरवाजे व 1035 खिड़कियों की मरम्मत तुरंत कराने की अनुशंसा की गयी थी. उधर, आठ बालिका छात्रावासों में चहारदीवारी नहीं थी.
भाग गये थे छात्रावास अधीक्षक : स्कूल व छात्रावास के औचक निरीक्षण के दौरान दुमका के ऊपर मुरगा थाली स्कूल के छात्रावास के करीब 361 वर्गफीट के कमरे में 88 बच्चों के सोने की सूचना थी. चौकी के ऊपर चौकी रख कर बच्चे सोते थे. वहीं निरीक्षण करने जब टीम जामताड़ा के एक स्कूल पहुंची, तो वहां छात्रावास अधीक्षक ने हॉस्टल का ताला तो खोल दिया. फिर उल्टे पांव भाग गये थे. संताल परगना के ही एक स्कूल में छात्रावास की क्षमता 245 थी. इसके विरुद्ध यहां रजिस्टर में 187 बच्चों का नाम दर्ज था, लेकिन जांच टीम को वहां 50 बच्चे भी नहीं मिले थे. टीम को कहीं मेस रजिस्टर नहीं दिखाया गया था. ज्यादातर स्कूल भवन जर्जर थे. सिर्फ एक फीसदी स्कूलों में ही बिजली मिली थी. रिपोर्ट विभाग के तत्कालीन सचिव सुखदेव सिंह को सौंप दी गयी थी. उन्होंने मामले में कार्रवाई शुरू ही की थी कि उनका तबादला हो गया था. वहीं इसके बाद किसी विभागीय मंत्री व अधिकारियों ने इन आवासीय विद्यालयों पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया.
अब आवासीय विद्यालयों में निजी स्कूलों सा माहौल
विभागीय अधिकारियों के प्रयास से कल्याण के आवासीय विद्यालय अब बदल रहे हैं. पठन-पाठन का बेहतर माहौल तैयार करने के साथ-साथ बच्चों को खेलकूद व जीवन कौशल से जोड़ने के लिए कई कार्य किये गये हैं. बेबस व लाचार छवि वाले आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की जीवन शैली भी बदल रही है. बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम सहित अनुशासन बढ़ाने के लिए भी कई कार्य हुए हैं. स्कूल व छात्रावास भवनों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. वहीं नये भवन भी बन रहे हैं.
चिह्नित स्कूलों के प्राचार्य हर रोज मुख्यालय को अपने विद्यालय की गतिविधियों की तस्वीर भेजते हैं.
इन कार्यों के जरिये सुधर रहे हालात
1
विद्यार्थियों को भोजन, पोशाक व पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रति विद्यार्थी तय राशि अाठ वर्षों बाद 14590 रुपये से बढ़ा कर 32410 रुपये की गयी.
2
10वीं व 12वीं में बेहतर प्रदर्शन वाले विद्यार्थियों को नकद राशि, मेडल व प्रमाण पत्र मिलने लगे.
3
सभी आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम शुरू.
4
जहां आवास उपलब्ध है, वहां प्राचार्य, शिक्षक व छात्रावास अधीक्षक को स्कूल कैंपस में ही रहना अनिवार्य किया गया.
5
ड्रॉप अाउट रोकने के लिए 65 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित (10वीं तक) किया गया.
6
पूर्व के सात के अलावा 14 आश्रम व एकलव्य विद्यालयों की स्वीकृति. इनमें से 11 का संचालन शुरू
7
अाश्रम व एकलव्य विद्यालयों को जैक के बदले सीबीएसइ से संबद्धता दिलाने की प्रक्रिया शुरू
8
पहली बार शिक्षक नियुक्ति, प्रोन्नति व सेवा शर्त नियमावली बनी.
9
शिक्षकों के सभी रिक्त पदों (करीब 500) पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू. अभी सभी रिक्त पदों पर अस्थायी शिक्षक नियुक्त.
10
विद्यार्थियों को बेहतर पोशाक के साथ टाई तथा ब्लेजर (जाड़े में) देने का निर्णय. खेलकूद ड्रेस, स्लीपर व अंदरूनी वस्त्र भी.
11
पहली बार अंतर विद्यालय फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित हुआ. बेहतर सौ खिलाड़ियों को टाटा फुटबॉल एकेडमी के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण शुरू.
12
दिसंबर-2017 में अंतर विद्यालय एथलीट मीट का होगा आयोजन, तैयारी शुरू

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