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डॉक्टरों को मरीजों की सेवा के लिए वेतन मिलता है जिन्हें काम नहीं करना, वे वीआरएस लेकर चले जायें: स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मंगलवार को रिम्स का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान कई डॉक्टर ओपीडी से नदारद मिले. इससे नाराज स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल से कहा,‘आप अपने डॉक्टरों से कहिए कि वे काम करें. सरकार उन्हें मरीजों की सेवा के लिए तनख्वाह देती है. काम नहीं करना है, […]

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मंगलवार को रिम्स का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान कई डॉक्टर ओपीडी से नदारद मिले. इससे नाराज स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल से कहा,‘आप अपने डॉक्टरों से कहिए कि वे काम करें. सरकार उन्हें मरीजों की सेवा के लिए तनख्वाह देती है. काम नहीं करना है, तो वीआरएस लेकर चले जायें.’
रांची : राज्य के सबसे बड़े रिम्स की बीते कुछ दिनों से लगातार किरकिरी हो रही है. इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मंगलवार को यहां औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. सुबह 9:45 बजे ही वे ओपीडी में डॉक्टरों की उपस्थिति का जायजा लेने निकल पड़े.

शिशु विभाग की ओपीडी में डॉ अमर वर्मा की ड्यूटी थी, लेकिन वह उपस्थित नहीं थे. वहीं, हड्डी विभाग में डॉ एके वर्मा, पीएमआर में डॉ चैतन्य कुमार, स्कीन में डॉ डीके मिश्रा, स्त्री विभाग में डॉ मधुलिका होरो ओपीडी में नहीं मिली. डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर श्री चंद्रवंशी काफी नाराज हुए. उन्होंने रिम्स के निदेशक डॉ बीएल शेरवाल को निर्देश दिया कि वे ओपीडी से नदारद डॉक्टरों को शोकॉज जारी करें. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री वार्ड का भ्रमण करने निकल पड़े. उन्होंने मरीजों से जानना चाहा कि उन्हें दवा, नाश्ता और खाना समय पर मिलता है या नहीं. बाद में स्वास्थ्य मंत्री ने किचन और कैदी वार्ड का भी जायजा लिया. कैदी वार्ड में एक मरीज द्वारा शिकायत करने पर मंत्री जी भड़क गये. उन्होंने कहा कि हम सब व्यवस्था कर रहे हैं, इसलिए रिम्स को बदनाम नहीं करो. निरीक्षण के दौरान निदेशक डॉ बीएल शेरवाल, अधीक्षक डॉ एसके चौधरी आदि मौजूद थे.
दोपहर में ओपीडी से नदारद रहे कुछ डॉक्टर
रिम्स के कुछ डॉक्टरों पर स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स प्रबंधन की सख्ती का असर नहीं पड़ रहा है. मंगलवार सुबह स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण के दौरान पांच डॉक्टर ओपीडी से नदारद थे. वहीं, दोपहर की पाली में जब प्रभात खबर की टीम ने ओपीडी का जायजा लिया, तब भी कई डॉक्टर नदारद थे. आई, गायनी, इएनटी में जूनियर मरीजों को परामर्श दे रहे थे. वहीं, अन्य ओपीडी में यूनिट इंचार्ज के बजाय उनके अधीनस्थ मरीजों को देख रहे थे.
एक माह में सुधार नहीं किया, तो सस्पेंड कर देंगे
कैदी वार्ड का निरीक्षण करने के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने हड्डी विभाग के डॉक्टर गोविंद गुप्ता को बुलाने का आदेश दिया. डॉ गुप्ता वार्ड पहुंचे. मंत्री ने कहा कि आपके बारे में लगातार शिकायत मिल रही है कि आप ऑपरेशन देरी से करते हैं. मरीजों को अनावश्यक परेशान करते हैं. एक माह का समय दिया जा रहा है. अगर आपके कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ, तो अापको सस्पेंड कर दूंगा. मंत्री को नर्स व कैदी मरीजों ने बताया कि वार्ड में एक सप्ताह से पीने का पानी नहीं है. शिकायत करने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है. मंत्री ने कहा कि पीडब्लूडी व पीएचइडी को कहा कि शीघ्र पानी की व्यवस्था वार्ड में करें.
हेल्थ मैप व मेडॉल को इमरजेंसी में जांच का निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्थ मैप व मेडॉल को निर्देश किया शाम पांच बजे के बाद व सुबह जांच घर खुलने से पहले आनेवाले इमरजेंसी, दुर्घटना व पीआइआर मरीजों की जांच नि:शुल्क करें. यह लगता है कि मरीज की अार्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो उसकी जांच भी सुनिश्चित करें. वह मंगलवार को नेपाल हाउस में सचिव सुधीर त्रिपाठी, निदेशक डॉ बीएल शेरवाल व अधीक्षक डॉ एसके चौधरी के साथ बैठक कर थे. निदेशक ने स्वास्थ्य मंत्री से जांच एजेंसियों को लिखित निर्देश देने का आग्रह किया. रिम्स निदेशक द्वारा मैन पावर की कमी बताने पर स्वास्थ्य सचिव डॉ सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान में 10 मेडिकल अफसरों को भेजा जायेगा. इसके अलावा मल्टीपरपस कर्मचारियों को नियुक्ति किया जायेगा, जो हर वार्ड में मरीजों को सहयोग करेंगे.

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