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चारा घोटाला मामले में सजल चक्रवर्ती को अब कल सुनायी जायेगी सजा, जानें, क्यों स्थगित हो गयी कोर्ट की कार्रवाई

रांची : झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की सजा का एलान 22 नवंबर तक टल गया है. झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस भगवती प्रसाद को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार को कोर्ट की कार्रवाई स्थगित कर दी गयी. फलस्वरूप बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की […]

रांची : झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की सजा का एलान 22 नवंबर तक टल गया है. झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस भगवती प्रसाद को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार को कोर्ट की कार्रवाई स्थगित कर दी गयी. फलस्वरूप बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की सजा का एलान नहीं हो सका.

इससे पहले 14 नवंबर को सजल को चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 33.70 करोड़ रुपये की निकासी की जानकारी होने के बावजूद दोषियों पर कार्रवाई नहीं करने, चारा घोटाला के आरोपियों से रिश्वत लेने के मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था.

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सीबीआई के विशेष जज शंभूलाल साहू की अदालत ने 14 नवंबर को बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव व चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त सजल चक्रवर्ती को कांड संख्या 68(A)/96 में दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. सजल पर चाईबासाका उपायुक्त रहते ट्रेजरी पर नियंत्रण नहीं रखने का भी आरोप है.

सजल चक्रवर्ती पर रिश्वत लेने का भी आरोप है. इस मामले में बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा को 2013 में ही सजा सुनायी जा चुकी है. हाईकोर्ट ने सजल चक्रवर्ती को इस मामले में बरी कर दिया था. इसके बाद सीबीआई सुप्रीम कोर्टगयी थी. इसके बाद उनके खिलाफ फिर से सुनवाई शुरू हुई और विशेष सीबीआई जज द्वारा चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद सजल को जेल भेज दिया गया. हालांकि, इसके पहले हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद से वह बेल पर थे.

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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के विशेष जज को स्पीडी ट्रायल के जरिये चारा घोटाला मामले का समयसीमा के अंदर निष्पादन करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही है. ज्ञात हो कि सजल चक्रवर्ती अक्तूबर, 2014 में झारखंड के मुख्य सचिव नियुक्त किये गये थे. उन्हें, जनवरी, 2015 में इस पद से हटा दिया गया था.

सजल पर क्या हैं आरोप

-पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) ट्रेजरी से सजल चक्रवर्ती ने कथित तौर पर 37 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में मदद की.

-गलत तरीके से ट्रेजरी से धन की निकासी की जानकारी होने के बावजूद सजल चक्रवर्ती ने फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

-पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त होने के नाते वह ट्रेजरी के इन-चार्ज थे. वह चाहते, तो इस गड़बड़ी को रोक सकते थे.

-चारा घोटाला मामले में वर्ष 2013 में ही बिहार के दो मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व कांग्रेस नेता जगन्नाथ मिश्र समेत 45 लोग दोषी करार दिये जा चुके हैं.

-सजल चक्रवर्ती को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिल गयी थी. हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था, लेकिन सीबीआई के विशेष जज ने उन्हें भी इस मामले में दोषी पाया और 14 नवंबर को ही उन्हें जेल भेज दिया.

-चारा घोटाला के एक अन्य मामले में पहले ही सजल चक्रवर्ती को दोषी करार दिया जा चुका है.

-हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजल चक्रवर्ती को बड़ा झटका दिया. मई, 2017 में देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष सीबीआई कोर्ट ने सजल के खिलाफ फिर से सुनवाई शुरू की.

-सुनवाई के दौरान विशेष सीबीआई जज ने सजल चक्रवर्ती को दोषी पाया. कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया.

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