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बारिश ने बदला मौसम, फैल रहा संक्रमण

पूर्णिया: पिछले तीन दिनों से हुई वर्षा ने जहां सीमांचल के इलाके में मौसम को चेंज कर दिया है, वहीं सर्दी ने दस्तक दे दी है. इस चपेट में अधिकांश लोग सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार,फ्लू आदि से लोग परेशान हो गये हैं. हर जगह लोग फ्लू से जूझते दिख रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना […]

पूर्णिया: पिछले तीन दिनों से हुई वर्षा ने जहां सीमांचल के इलाके में मौसम को चेंज कर दिया है, वहीं सर्दी ने दस्तक दे दी है. इस चपेट में अधिकांश लोग सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार,फ्लू आदि से लोग परेशान हो गये हैं. हर जगह लोग फ्लू से जूझते दिख रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इनफ्लूंजा वायरस ठंड के मौसम में ही पनपता है. यह वायरस नमी का लाभ उठाते हुए आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर देता है. खास बात यह है कि मौसम जनित इस रोग से बचाव के लिए व्यक्ति को खुद ही तैयार रहना होगा, ताकि अस्पताल और चिकित्सकीय परामर्श से छुटकारा मिल सके.

दूर करने के कुछ घरेलू उपाय : सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार को दूर करने के एलोपैथी,आयुर्वेद ,होमियोपैथ में दवा व उपचार की भरमार है.किंतु इनफ्लूंजा के इलाज के लिए घरों में भी कई सामान मौजूद होते हैं. जिसका प्रयोग कर घर में आसानी से बनाए जानेवाले घरेलू उपाय जिनकी मदद से आप सर्दी-जुकाम से चंद घंटों में निजात पा सकते हैं. ऐसे प्रयोग हमारे समाज में पीढ़ी दर पीढी चली आ रही है. जिस समय विज्ञान प्रगति नहीं किया था,उस समय इन्हीं सामानों को औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता था. गर्म पानी या फिर गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से सर्दी जुकाम में तेजी से फायदा होता है. हल्दी एंटी वायरल और एंटी बैक्टेरियल होता है जो सर्दी जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है. अदरख की चाय सर्दी-जुकाम में राहत देती है. नींबू और शहद के इस्तेमाल से सर्दी और जुकाम में फायदा होता है. दो चम्मच शहद में एक चम्मच नींबू का रस एक ग्लास गुनगुने पानी या फिर गर्म दूध में मिलाकर पीने से इसमें काफी लाभ होता है. लहसून सर्दी-जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है. लहसून में एलिसिन नामक एक रसायन होता है जो एंडी बैक्टेरियल, एंटी वायरल और एंटी फंगल होता है. वहीं तुलसी और अदरख को सर्दी-जुकाम के लिए रामबाण माना जाता है. इसके सेवन से इसमें तुरंत राहत मिलती है.

इन दिनों हर तीसरा व्यक्ति है इनफ्लूएंजा का शिकार

इस मौसम में हर तीसरा व्यक्ति बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित होता है. इनफ्लूएंजा से पीड़ित मरीजों का सदर अस्पताल आना जारी है.शायद यही वजह है कि ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखने को मिलती है.फ्लू का हर साल आना और लोगों के इससे पीड़ित होने के पीछे इसके खतरों, लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूक न होना माना जा रहा है.डॉक्टरों के अनुसार फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को खांसी, जुकाम और बुखार रहता है. बिना बुखार के खांसी-जुकाम एलर्जी हो सकते हैं, जिनका इलाज एंटी-हिस्टामाइन्स से किया जा सकता है. हल्के फ्लू के लिए फोन और इंटरनेट के जरिये सहायता ली जा सकती है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के साथ-साथ सांस फूलने की शिकायत हो, तो उसे अस्पताल या डॉक्टर को दिखाने में देर नहीं करनी चाहिए.

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