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Thursday, March 28, 2024

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लाइनबाजार के 44 पैथोलॉजी में पड़ा छापा, संचालकों में हड़कंप

कार्रवाई. प्रशासन के भय से भीड़ में ही शािमल हो तमाशा देखते रहे संचालक शहर में चल रहे मानकविहीन पैथोलॉजी सेंटरों पर मंगलवार को छापेमारी की गयी. इस दौरान संचालकों में हड़कंप मच गया. पूर्णिया : मंगलवार को जिला प्रशासन ने पदाधिकारियों की टीम गठित कर शहर में कुकुरमुत्ते की तरह बिना मानक के चलायी […]

कार्रवाई. प्रशासन के भय से भीड़ में ही शािमल हो तमाशा देखते रहे संचालक

शहर में चल रहे मानकविहीन पैथोलॉजी सेंटरों पर मंगलवार को छापेमारी की गयी. इस दौरान संचालकों में हड़कंप मच गया.
पूर्णिया : मंगलवार को जिला प्रशासन ने पदाधिकारियों की टीम गठित कर शहर में कुकुरमुत्ते की तरह बिना मानक के चलायी जा रही पैथोलॉजी पर एक साथ छापेमारी की. इससे दिन भर लाइन बाजार में अफरातफरी मची रही. छापेमारी के लिए प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों की 12 समेकित जांच दल गठित की गयी थी. करीब 45 से 50 संदिग्ध पैथोलॉजी का औचक निरीक्षण किया गया.
जांच टीम ने पहले लाइन बाजार को चारों तरफ से घेर लिया और फिर संदिग्ध पैथोलॉजी सेंटर में जाकर पूछताछ करनी शुरू कर दी. सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था. पुलिस बल और अधिकारियों को देखते ही लाइन बाजार में अफरा-तफरी मच गयी. बिना मानक के चल रहे पैथोलॉजी संचालक शटर लगा कर भाग निकले.
अधिकारियों ने संचालक को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दिया. बाहर सड़क पर लोगों की भीड़ लग गयी. लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह क्या हो रहा है. लोग एक दूसरे से मामले के बारे में जानने की कोशिश करते देखे गये. कई फर्जी पैथोलॉजी संचालक अपना दुकान बंद कर भीड़ में शामिल होकर आम लोगों की तरह तमाशबीन बने रहे.
फर्जी पैथोलॉजी वाले मालामाल, आम जनता हो रहे हैं कंगाल : शहर में 150 से अधिक पैथोलॉजी संचालित हैं, जिसमें मुश्किल से 30 पैथोलॉजी ही वैध तरीके से संचालित हैं. फर्जी पैथोलॉजी वाले आम जनता के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर जनता के पैसे से खुद तो मालामाल हो रहे हैं, लेकिन आम जनता कंगाल हो रहे हैं. वैसे भी लाइन बाजार में कोई भी छोटी बीमारी या शरीर में तकलीफ होने पर खून, पेशाब, पैखाना का जांच करवाने का डॉक्टरों की आदत सी बन गयी है. डॉक्टर बड़े-बड़े मेडिकल कॉलेज में पढ़ कर आते हैं, लेकिन बिना पैथोलॉजी जांच के बीमारी का पता नहीं चल पाता है.
फर्जी पैथोलॉजियों की दुकान डॉक्टर ही चलाते हैं. डॉक्टर मरीज का ज्यादा से ज्यादा पैथोलॉजी जांच इसलिए करवाते हैं कि पैथोलॉजी से मोटी रकम का कमीशन आता है. डॉक्टरों के कारण ही लाइन बाजार का पैथोलॉजी सेंटर फल-फूल रहा है. यदि डॉक्टर बीमारी का पता खुद से कर लें और पैथोलॉजी जांच कम से कम कराने को कहे तो आधे से ज्यादा दुकान वैसे ही बंद हो जायेगा.
पैथोलॉजी में नहीं टंगा है रेट लिस्ट : लाइन बाजार में 150 से अधिक पैथोलॉजी जांच सेंटर है. इसमें बहुत ही कम पैथोलॉजी वैध रूप से संचालित हैं. शेष पैथोलॉजी उगाही सेंटर के रूप में चल रहे हैं. मेडिकल एक्ट में पैथोलॉजी सेंटर चलाने के लिए कई शर्त रखी गयी है. जिसमें मरीजों के बैठने की जगह, पैथोलॉजी का क्षेत्रफल, लैब में जांच सुविधा, जांच की रेट लिस्ट एवं अन्य कई महत्वपूर्ण शर्तें हैं. शहर के बहुत ही कम ऐसे पैथोलॉजी सेंटर हैं, जो कानून निर्दिष्ट शर्त पर संचालित है.शहर के किसी भी पैथोलॉजी में जांच फीस का रेट लिस्ट टांगा हुआ नहीं है. मरीज से मनमानी ढंग से जांच के नाम पर फीस वसूल की जाती है.
जांच दल में अधिकारियों की 12 टीम रही शामिल
पैथोलॉजी जांच में सरकारी अधिकारियों का कुल 12 टीम शामिल थी. सभी टीम ने अलग-अलग जगहों पर जाकर जांच-पड़ताल किया. अधिकारियों द्वारा मुख्य रूप से पैथोलॉजी का लाइसेंस, डॉक्टर या पैथोलॉजी संचालक का पैथोलॉजी संबंधी डिग्री, अनुभव और मानक संबंधी विषयों पर विशेष रूप से जांच का विषय बनाया. वहीं लाइन बाजार में हुए औचक निरीक्षण में जांच दल ने कुल 45 से 50 पैथोलॉजी का जांच-पड़ताल की. जांच के दायरे में आये पैथोलॉजी और संचालकों से कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है और जिन संचालकों ने पैथोलॉजी का कागज पेश किया है, उनके कागजात की गहनता के साथ हर बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
जांच दल में शामिल अधिकारियों ने बताया कि दोषी पाये जाने पर वैसे पैथोलॉजी और संचालकों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अधिकारियों ने बताया कि जांच दल ने जांच का रिपोर्ट जिला पदाधिकारी के समक्ष दे दिया है. आगे की कार्रवाई जिला पदाधिकारी के आदेश पर की जायेगी. इसमें एडीएम डा रवींद्रनाथ, डीडीसी राम शंकर, एसडीसी अभिराम त्रिवेदी, मो जहांगीर आलम, अर्जुन प्रताप चंद्रा, सदर डीसीएलआर रवि राकेश, बायसी एसडीएम शशांक शुभंकर, बनमनखी के एसडीएम मनोज कुमार, धमदाहा एसडीएम पवन मंडल, बायसी एसडीपीओ सुनीता कुमारी, बनमनखी एसडीपीओ कुंदन कुमार समेत जिले के सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी थे.
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