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शिवसेना ने मोदी से पूछा, क्या योग से महंगाई की वेदना को भूला जा सकता है?

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने आज कहा कि योग को विश्व पटल पर स्थापित करना सराहनीय प्रयास है लेकिन इस प्राचीन भारतीय पद्धति को अपनाने से क्या लोगों को मुद्रास्फीति के दर्द से राहत मिलेगी. पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘‘130 देशों को ‘नरेन्द्रासन’ […]

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने आज कहा कि योग को विश्व पटल पर स्थापित करना सराहनीय प्रयास है लेकिन इस प्राचीन भारतीय पद्धति को अपनाने से क्या लोगों को मुद्रास्फीति के दर्द से राहत मिलेगी. पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ‘‘130 देशों को ‘नरेन्द्रासन’ करवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रशंसा के पात्र हैं. दुनिया झुकती है, झुकानेवाला चाहिए.

इस युक्ति की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी ने 130 देशों को योग के बहाने जमीन पर लिटा दिया.” उसने लिखा है, ‘‘अब पाकिस्तान को हमेशा के लिए लिटा देने की जरूरत है. पाकिस्तान को लिटाने का ‘योग’ सिर्फ शस्त्र बल से हो सकता है. पाकिस्तान हमेशा के लिए ‘शवासन’ योग का पात्र है.”

संपादकीय में कहा गया है कि गैर-भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर सकते हैं लेकिन योग एक ऐसा विज्ञान है, जिसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए. मुखपत्र में कहा गया है, ‘‘योग के जरिये बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है लेकिन दैनिक जीवन की महंगाई और भ्रष्टाचार की वेदना को इसके माध्यम से भूला जा सकता है क्या? इस पर रोशनी डाली गयी होती तो उचित होता.” पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था.

दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों ने योग किया और प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है. अक्तूबर 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव से पहले सीटों के समझौते पर सहमति नहीं बन पाने के कारण भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था जिसके बाद से शिवसेना का रुख भाजपा और मोदी सरकार के प्रति हमलावर रहा है. हालांकि चुनाव के बाद शिवसेना महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गयी और केंद्र की सरकार में भी शामिल है लेकिन वह भाजपा पर निशाना साधने का कोई अवसर नहीं छोड़ती है.

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