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राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष को रास नहीं आ रहे कोविद, 22 को होगी यूपीए की बैठक, जानिये क्या है शिवसेना का रुख…?

नयी दिल्ली: शिवसेना को छोड़कर राजग के बाकी सभी घटक दलों ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने का स्वागत किया. वहीं, विपक्षी दलों को यह घोषणा रास नहीं आती लग रही है और उन्होंने कोविंद को समर्थन देने को लेकर रहस्य बरकरार रखा. विपक्षी दल अपना संयुक्त उम्मीदवार भी उतार सकते […]

नयी दिल्ली: शिवसेना को छोड़कर राजग के बाकी सभी घटक दलों ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुने जाने का स्वागत किया. वहीं, विपक्षी दलों को यह घोषणा रास नहीं आती लग रही है और उन्होंने कोविंद को समर्थन देने को लेकर रहस्य बरकरार रखा. विपक्षी दल अपना संयुक्त उम्मीदवार भी उतार सकते हैं. शिवसेना ने कहा कि केवल वोट-बैंक की राजनीति के लिए दलित उम्मीदवार को चुना गया है. इससे पहले पार्टी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और जानेमाने कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन का नाम इस पद के लिए सुझाया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया.

इस खबर को भी पढ़ेंः राष्ट्रपति चुनाव 2017: BJP ने खत्म किया सस्पेंस, बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को बनाया उम्मीदवार

शिवसेना 71 वर्षीय कोविंद को समर्थन देने के संबंध में कल अंतिम फैसला करेगी. दो बार भाजपा के राज्यसभा सदस्य रहे और पार्टी के अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रहे कोविंद के नाम की घोषणा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने की. शाह ने उम्मीद जतायी कि बिहार के राज्यपाल कोविंद के नाम पर सहमति बन जायेगी. हालांकि, कांग्रेस ने आम-सहमति की भाजपा की अपील को खारिज करते हुए कहा कि 22 जून को बैठक के बाद विपक्ष चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने के बारे में फैसला करेगा.

कांग्रेस ने फैसले को बताया एकपक्षीय

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने घोषणा के बाद कहा कि भाजपा ने एकपक्षीय फैसला किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, क्योंकि हम राष्ट्रपति चुनाव पर सभी अन्य विपक्षी दलों के साथ आम-सहमति से निर्णय करना चाहते हैं. अंतिम फैसला 22 जून को सभी विपक्षी दलों की बैठक में लिया जायेगा. भाजपा द्वारा दलित उम्मीदवार को खडा करने के संदर्भ में आजाद ने कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. मैं उम्मीदवार के गुण-दोषों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. सूत्रों के मुताबिक, वाम दलों ने कहा कि विपक्ष एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा कर सकता है और 22 जून की बैठक में इस बारे में चर्चा की जायेगी.

मीरा कुमार, सुशील शिंदे आैर गोपाल गांधी के नाम पर विचार कर रहा विपक्ष

विपक्षी दल जिन कुछ नामों पर विचार कर रही है, उनमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, डॉ बीआर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत और सेवानिवृत्त राजनयिक गोपाल कृष्ण गांधी हैं. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम-सहमति बनाने के लिहाज से सभी दलों से बातचीत के लिए बनायी गयी तीन सदस्यीय समिति में शामिल रहे केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्षी दलों के सुझावों ने राजग द्वारा कोविंद का नाम तय करने में बड़ी भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रामनाथ कोविंद की पृष्ठभूमि, गैर-विवादित प्रकृति और मजबूत कानूनी तथा सामाजिक पृष्ठभूमि को देखते हुए विपक्ष के पास अब उनकी उम्मीदवारी का विरोध करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए. हालांकि, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति में शामिल रहे नायडू और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कोई नाम नहीं सुझाया था.

संघ की पृष्ठभूमि वाले नेता को उतारा गया मैदान में

उन्होंने कहा कि अब उन्होंने आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति का नाम पेश किया है. हम इसके खिलाफ हैं, लेकिन हमें भाकपा और अन्य विपक्षी दलों में इस मुद्दे पर बात करनी होगी. जल्द एक बैठक में इस पर चर्चा होगी. ‘ कोविंद की उम्मीदवारी को लेकर परोक्ष रुप से अपनी पार्टी का ऐतराज प्रकट करते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा उन्हें इसलिए नामित किया गया है, क्योंकि वह अतीत में भाजपा के दलित मोर्चा के नेता रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि देश में और भी बड़े दलित नेता हैं. चूंकि कोविंद भाजपा के दलित मोर्चा के नेता थे, इसलिए उन्हें नामित किया गया है.

विपक्ष की सहमति के बिना की गयी नाम की घोषणा

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा ने एकतरफा तौर पर कोविंद को चुना और गैर-राजग दल देश के इतिहास यह ध्यान में रखते हुए फैसला करेंगे कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दल एक को छोड़कर हर मौके पर चुनाव लड़ते हैं. उन्होंने कहा कि वे विपक्ष के पास वापस नहीं आए और उम्मीदवारी की घोषणा कर दी. राकांपा ने कहा कि विपक्षी दलों के अगले कदम का फैसला 22 जुलाई को होने वाली बैठक में होगा. बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपनी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से टेलीफोन कॉल आने के बाद पटनायक ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद बीजद ने रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है.

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