नयी दिल्ली : बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने खुफिया जांच एजेंसी आईबी से सोनिया गांधी पर नजर रखने को कहा था इतना ही नहीं सोनिया के घर 10 जनपथ पर भी उस दौरान नजर रखी जा रही थी. इसका खुलासा लेखक विनय सीतापति की आने वाली किताब- ‘हाफ लाइन: हाउ पीवी नरसिम्हा राव ट्रांसफॉर्म इंडिया’ में किया गया है. किताब के अनुसार राव ने सोनिया गांधी को समर्थन करने वाले कैबिनेट में शामिल नेताओं की लिस्ट भी तैयार करावाई थी.
किताब में दावा किया गया है कि बाबरी कांड को लेकर मई, 1995 में सोनिया और राव के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी. सोनिया ने कांग्रेस नेताओं को राव पर और राव ने आईबी को 10 जनपथ पर नजर रखने के लिए लगाया था. किताब की माने तो राव ने एक आईबी अफसर से पूछा था कि कितने नेता प्रो-हाईकमांड (राव) और कितने प्रो-10 जनपथ हैं?
आपको बता दें कि राजीव गांधी की मौत के बाद नरसिम्हा राव को दो साल तक सरकार की कमान दी गई थी लेकिन 1992 से अर्जुन सिंह ने राव का विरोध शुरू कर दिया. एनडी तिवारी, नटवर सिंह और बाकी कांग्रेस नेता भी सोनिया से राव की शिकायत किया करते थे.
राव के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण सोनिया ने इसे हल्के में लिया था. किताब के अनुसार राव के निर्देश के बाद आईबी ने अपनी लिस्ट में नेताओं के नाम के आगे राज्य, जाति, उम्र, ईमानदारी और कमेंट के कॉलम बनाए थे. जैसे- मणिशंकर अय्यर के लिए तमिलनाडु, ब्राह्मण, 52, प्रो-10 जनपथ, बाबरी कांड में पीएम की नाकामी मानने वाले.