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Thursday, March 28, 2024

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दो माह में बंद हो सकता है राजधानी-दूरंतो एक्सप्रेस से फ्लैक्सी फेयर

आनंद तिवारी पटना : राजधानी व दूरंतो एक्सप्रेस से कमाई बढ़ाने को लेकर शुरू की गयी फ्लैक्सी फेयर बहुत प्रभावी साबित नहीं हो रही है. इसको देखते हुए पटना सहित पूरे भारत में चलनेवाली राजधानी, शताब्दी व दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर हटाने की तैयारी की जा रही है. सामान्य से डेढ़ गुना अधिक […]

आनंद तिवारी
पटना : राजधानी व दूरंतो एक्सप्रेस से कमाई बढ़ाने को लेकर शुरू की गयी फ्लैक्सी फेयर बहुत प्रभावी साबित नहीं हो रही है. इसको देखते हुए पटना सहित पूरे भारत में चलनेवाली राजधानी, शताब्दी व दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर हटाने की तैयारी की जा रही है. सामान्य से डेढ़ गुना अधिक किराया होने के कारण रेल यात्री हवाई सफर का रुख कर रहे हैं.
इससे इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है. पहले की तुलना में अब वेटिंग लिस्ट भी काफी कम जा रही है. रेलवे सूत्रों की मानें, तो कमाई की बजाय रेलवे की किरकिरी होते देख मंत्रालय ने बोर्ड को विचार कर हटाने का निर्देश जारी किया है. फ्लैक्सी फेयर हटाने और नहीं हटाने को लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारी दो भागों में बंट गये हैं. दानापुर मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड में अधिकारियों का एक वर्ग फ्लैक्सी लागू रहे, इसको लेकर अड़ा है. इसलिए राजधानी, शताब्दी और दूरंतो में खाली बर्थ भरने के लिए विकल्प योजना की बात कह रही है. इसमें मेल ट्रेनों में प्रतीक्षा वाले यात्रियों सेअतिरिक्त किराया लिये सफर का मौका दिया जा रहा है. वहीं, दूसरा पक्ष विकल्प वाले फाॅर्मूले के कामयाब
संसद में उठ चुका है मामला
फ्लैक्सी फेयर से राजधानी, शताब्दी, दूरंतो एक्सप्रेसों में खाली बर्थ का मुद्दा मार्च महीने में संसद में उठ चुका है. खुद रेल मंत्री ने स्वीकार किया है कि राजधानी में पांच और शताब्दी में 20 फीसदी बर्थ खाली जा रहे हैं. रेलवे सूत्रों का कहना है कि फ्लैक्सी फेयर से कमाई के बजाय रेलवे की खराब छवि से रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी खुश नहीं है. इसको देखते हुए अगले दो महीने यानी अगस्त तक इसे बंद करने की बात चल रही है.
लक्ष्य की तुलना में कमाई हुई कम
रेलवे को फ्लैक्सी फेयर से सालाना एक हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाई होने का अनुमान था. लेकिन रेल यात्रियों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. इस लिए पिछले छह माह में महज 300 करोड़ रुपये की आय हुई है. इसके अलावा इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या भी घट रही है. हालांकि पूर्व मध्य रेलवे का दावा है कि यहां भले ही टिकट की वेटिंग लिस्ट में कमी आयी है, लेकिन रेवेन्यू व यात्रियों की संख्या में कमी नहीं आयी है.
सितंबर, 2015 से हुआ था लागू
रेलवे मंत्रालय ने राजधानी, दूरंतो व शताब्दी एक्सप्रेसों में 9 सितंबर, 2015 से फ्लैक्सी फेयर का नियम लागू किया गया है. पटना रेलवे रूट से पटना-राजधानी व डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस और पटना कोलकाता दूरंतो एक्सप्रेस का परिचालन किया जाता है. जबकि, वर्तमान में पूरे भारतीय रेल के कुल 16 जोनों को मिला कर 25 राजधानी, 22 दूरंतो और 38 जोड़ी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं.
समझें फ्लैक्सी फेयर का किराया
अगर किसी ट्रेन में कुल 100 बर्थ है, तो पहले 10 बर्थ का किराया 100 रुपये सामान्य रहेगा. उसके बाद 11 से 20 बर्थ का 110 रुपये, 21 से 30 बर्थ का 120 रुपये, 31 से 40 बर्थ का 130 रुपये, 41 से 50 बर्थ का 140 रुपये होगा. शेष बाकी बचे बर्थ का 150 रुपये किराया यात्रियों को देना होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
यह सही है कि फ्लैक्सी फेयर से
टिकट की वेटिंग लिस्ट व रेवेन्यू में थोड़ी बहुत कमी आयी है, लेकिन इससे यात्रियों को काफी फायदा हो रहा है. क्योंकि, टिकट कंफर्म नहीं होने की स्थिति में यात्री दूसरे विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, इस नियम को हटाने की बात भी चल रही है, लेकिन पूर्व मध्य रेलवे में अभी इस तरह का कोई आदेश रेलवे बोर्ड से नहीं आया है. बोर्ड से आदेश आने के बाद ही यहां नियम को लागू किया जायेगा.
अरविंद कुमार रजक, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूमरे
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