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बिहार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक : मुख्यमंत्री

भागलपुर :बिहार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी है. कितना पैसा लगेगा, इसकी परवाह किये बगैर पहले हमलोगों को सभी पीड़ितों की सहायता करनी है. उक्त बातें बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अररिया के हांसा डाकबंगला चौक स्थित रामानुग्रह उच्च […]

भागलपुर :बिहार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी है. कितना पैसा लगेगा, इसकी परवाह किये बगैर पहले हमलोगों को सभी पीड़ितों की सहायता करनी है. उक्त बातें बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अररिया के हांसा डाकबंगला चौक स्थित रामानुग्रह उच्च विद्यालय हांसा कमलपुर परिसर में बाढ़ पीड़ितों को संबोधित करते हुए कहीं. मुख्यमंत्री ने बुधवार को अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के हांसा, किशनगंज प्रखंड के मिल्लिया इंजीनियरिंग कालेज व कटिहार जिले के कदवा में राहत शिविर का जायजा लिया.

राहत शिविर के हालात का जायजा लेने किशनगंज पहुंचे मुख्यमंत्री ने अपनी भावनाओं से बाढ़ पीड़ितों के दर्द को बांटने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि कुदरत के सामने किसी का जोर नहीं चलता है, लेकिन कुदरत हमें सबक जरूर सीखा देती है. इस बार की जो बाढ़ आयी है, इसने एक सबक सिखाया कि अब तक का तर्जुबा पर्याप्त नहीं है. इस पर चिंतन की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने मौके पर पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पैकेट वितरण को लेकर कहा कि यह तत्काल सहायता है. इसके बाद सभी बाढ़ पीड़ितों को और सहायता दी जायेगी. अनाज, कपड़ा व बर्तन सहित अन्य आवश्यक चीजों के लिए पैसा दिया जायेगा. जितने लोगों के घर ध्वस्त हुए हैं. फसल की जहां-जहां क्षति हुई है. सबके लिए पैसा दिया जायेगा. तत्काल जो सहायता मिलनी चाहिए, ध्यान में रख कर वो किया जा रहा है. राहत पैकेट वितरण के तुरंत बाद आरटीजीएस के माध्यम से लोगों को धनराशि दी जायेगी.

इससे पहले मुख्यमंत्री पूर्णिया से अररिया मार्केटिंग यार्ड स्थित राहत वितरण शिविर का निरीक्षण किया. इसके बाद वे रानीगंज प्रखंड के हांसा के लिए रवाना हो गये. शिविर में उन्होंने पैकेजिंग सिस्टम का अवलोकन किया. पैकेट में आलू की जगह सोयाबीन दिये जाने का कारण पूछा. बताया गया कि आलू पैकेट में दिये जाने में परेशानी हो रही थी. उसके बाद किशनगंज पहुंचे. वहां किशनगंज प्रखंड मुख्यालय से सटे मिल्लिया इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में बने राहत वितरण शिविर व वितरण कार्य का निरीक्षण किया़ निरीक्षण के दौरान सीएम ने फूड पैकेट, दवा सहित पीने के पानी की शुद्धता को लेकर जांच की़ कॉलेज परिसर में ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की व राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. उसके बाद वे कटिहार के लिए रवाना हो गये.

कदवा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदपुर में बाढ़ पीड़ितों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महानंदा नदी ने कटिहार सहित अररिया, किशनगंज में भारी तबाही मचायी है. इससे निबटने में सरकार को काफी परिश्रम करना होगा. भयावह बाढ़ से बड़े पैमाने पर घर बह गये, सड़क, पुल-पुलिया, फसल का काफी नुकसान हुआ है. इसका आकलन सरकार करा रही है. सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जायेगा. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. जब तक स्थिति समान्य नहीं हो जाती है, तब तक राहत शिविर का संचालन होता रहेगा.

घर बनाने के लिए मिलेगी राशि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ में बड़े पैमाने पर घर बह गये, गिर गये, क्षतिग्रस्त हो गये हैं. सभी को घर बनाने के लिए राशि दी जायेगी. उन्होंने कहा कि घर गिरने से कपड़ा, बर्तन, अनाज व घर के अन्य सामान बरबाद हो गये हैं. इसके लिए भी सरकार सभी पीड़ितों को राशि मुहैया करायेगी, ताकि वे घर का सारा सामान खरीद कर अपना जीवन बेहतर ढंग से जी सकें. कटिहार में राहत शिविर का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री पूर्णिया के लिए रवाना हो गये. वे पूर्णिया हवाई अड्डा पहुंचे. वहां कुछ देर रुकने के बाद वे पटना के लिए रवाना हो गये.

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