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Thursday, March 28, 2024

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बिहार परचा लीक आयोग : कई परीक्षा निकायों में बरार की घुसपैठ

पटना : बीएसएससी की परीक्षा में सेटिंग और पेपर लीक में अनंत प्रीत सिंह बरार की संलिप्तता के खुलासे के बाद अब बिहार के अन्य परीक्षा निकायों से भी उसके तार जुड़ रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उसकी भूमिका संदेह के घेरे में है.ऐसा माना जा रहा […]

पटना : बीएसएससी की परीक्षा में सेटिंग और पेपर लीक में अनंत प्रीत सिंह बरार की संलिप्तता के खुलासे के बाद अब बिहार के अन्य परीक्षा निकायों से भी उसके तार जुड़ रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उसकी भूमिका संदेह के घेरे में है.ऐसा माना जा रहा है कि उसने कुछ परीक्षाओं में ओएमआर शीट का टेंडर लिया था. अब इस बात की जांच हो सकती है कि उसने अन्य परीक्षाओं के ओएमआर शीट में हेरफेर की है या नहीं और पेपर लीक कराया था या नहीं. इस कड़ी में एसआइटी ने काफी दस्तावेज भी खंगाल लिये हैं. अभी और जांच होनी है. सूत्रों के अनुसार बरार के तार बिहार बोर्ड में हुए टॉपर घोटाले से भी जुड़े हुए हैं. बरार ने बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो लालकेश्वर प्रसाद सिंह के दामाद विवेक कुमार के जरिये कई तरह के ठेके लिये थे.
इनमें मूल्यांकन केंद्रों पर जैमर और कैमरा लगाने से लेकर छपाई और सप्लाइ तक के ठेके शामिल हैं. हालांकि, ये सभी ठेके बरार ने न केवल अपनी मुख्य कंपनी ‘सर्वत्र इन्फोटेक ग्रुप ऑफ कंपनी’, बल्कि दूसरी कंपनियों के नाम पर भी लिये थे, जिनमें इसकी मुख्य हिस्सेदारी है या इसके परिजनों के नामों पर खोली गयी हैं. इनमें कुछ कंपनियों के नाम और पता बेंगलुरु का है. टॉपर घोटाले में विवेक कुमार भी मुख्य आरोपितों में शामिल है और फिलहाल जमानत पर है.
पिछले माह पेपर सेटिंग मामले में पटना आयी थी पंजाब पुलिस
पंजाब की एक प्रतियोगी परीक्षा में बरार ने सेटिंग की है या नहीं, इसकी जांच तो एसआइटी कर रही है, लेकिन इससे पहले फरवरी में पंजाब पुलिस पेपर लीक मामले की जांच के लिए पटना आयी थी. पंजाब पुलिस संजय सिंह समेत तीन लोगों को तलाश रही थी. उसने एसएसपी कार्यालय और गर्दनीबाग पुलिस से संपर्क भी किया था. अब बरार की गिरफ्तारी के बाद बिहार के कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आये, तो आश्चर्य नहीं होगी.
मगध व भागलपुर िववि में भी ठेका ले चुका है
टॉपर घोटाले के मुख्य अभियुक्त पूर्व अध्यक्ष प्रो लालकेश्वर प्रसाद सिंह के समधी प्रो अरुण कुमार सिन्हा (तत्कालीन वीसी, मगध विवि) से बरार की पुरानी जान-पहचान है. अपने कार्यकाल के दौरान प्रो अरुण ने बरार को मगध विवि और तिलका मांझी भागलपुर विवि में कॉपी और मार्कशीट की छपाई का ठेका दिया था. उस वक्त वह एक साथ तीन विवि के कुलपति के प्रभार में थे. प्रो अरुण मगध विवि में प्राचार्य नियुक्ति घोटाले के मुख्य आरोपित हैं.
वर्तमान में वह जमानत पर हैं और मामला कोर्ट में चल रहा है. इस जान-पहचान का फायदा बाद में बेटे विवेक ने भी उठाया और अपने ससुर के माध्यम से बरार की कई कंपनियों को अलग-अलग चीजों के ठेके दिलवाये. गौरतलब है कि अनंत प्रीत सिंह बरार के पिता प्रो अजैब सिंह बरार अमृतसर स्थित गुरु नानक देव विवि में 2009 से ही कुलपति थे. पंजाब में सरकार बदलने के बाद 15 मार्च, 2017 को उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया.
इसकी स्पष्ट वजह तो सामने नहीं आयी है. लेकिन, बताया जा रहा है कि अपने पिता के ही माध्यम से अनंत की जान-पहचान मगध विवि के पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार से हुई थी, जिसके कारण उसे कई चीजों के टेंडर मिले. पूर्व कुलपति प्रो अरुण कुमार का कार्यकाल वर्ष 2012-13 के दौरान ही रहा है. सूत्र यह बताते हैं कि अनंत की पहचान राजनीतिक गलियारों में है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कुछ बड़े नामों के सामने आने की संभावना है.
सर्वत्र आइटी सर्विसेज सहित दो कंपनियों में डायरेक्टर है बरार
बीएसएससी पेपर लीककांड में दिल्ली से गिरफ्तार अनंत प्रीत सिंह बरार दो कंपनियों में डायरेक्टर है. एक कंपनी सर्वत्र आइटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आइटी और कंप्यूटर संबंधी तमाम तरह के काम करती है, तो दूसरी ​​दनान ग्रुप डिजाइन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आर्किटेक्ट क्षेत्र में काम करती है.बरार दनान ग्रुप में डायरेक्टर हैं, जबकि सर्वत्र ग्रुप में ​उसकी पारिवारिक सदस्य सर्वजीत बरार भी साझीदार हैं, जो फेसबुक पर दी गयी जानकारी के मुताबिक अमृतसर के खालसा कॉलेज पब्लिक स्कूल में प्राचार्य के पद पर हैं. ​दोनों के अलावा सतवंत सिंह बरार और प्रेम पुरी भी इसी कंपनी के डायरेक्टर हैं. सर्वजीत बरार ने ​अपने ​परिवार की तसवीर 15 जुलाई​, ​2013 को​ फेसबुक पर पोस्ट की हैं, जिसमें अनंत प्रीत बरार अपनी बेटी अनहद और पत्नी के साथ दिखाई दे रहा है.
सर्वत्र की पूंजी 10 लाख, दनान की पांच लाख
सर्वत्र आइटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का हेड ऑफिस सफदरगंज इन्क्लेव, न​यी​ ​दिल्ली में है. उसकी कुल अधिकृत पूंजी 10 लाख रुपये बतायी गयी है और देय पूंजी महज दो लाख रुपये की है. 31 मार्च 2016 बैलेंसशीट इस कंपनी ने मेंटेन कर रखा है. दूसरी कंपनी दनान ग्रुप डिजाइन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड आर्किटेक्चरल, इंजीनियरिंग और अन्य टेक्निकल काम करती है, जो पांच लाख रुपये का अथोराइज्ड कैपिटल रखती है. हालांकि, इस कंपनी का बैलेंसशीट 2007 के मार्च के बाद अपडेट नहीं हुआ है.अनंत प्रीत सिंह बरार ने इस पारिवािरक तसवीर को 19 जनवरी, 2015 को फेसबुक प्रोफाइल बनाया था. बीते दो साल से अधिक से उसने फेसबुक पर कोई पोस्ट नहीं डाला है.
अब बीसीइसीइ में बरार की सेटिंग की गांठ खोलेगी एसआइटी
एसआइटी अब बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइ) में सेटिंग की गांठ खोल सकती है. बीसीइसीइ में अनंत प्रीत सिंह बरार की गहरी पैठ है. एक साथ बीएसएससी के अध्यक्ष और बीसीइसीइ के परीक्षा कंट्रोलर रह चुके सुधीर कुमार से बरार के संबंधों का खुलासा तो पहले ही हो चुका, अब एसआइटी को पता चला है कि बरार यहां भी ठेका लेता रहा है.सुधीर कुमार के अलावा एक अन्य अधिकारी से उसकी घनिष्ठता का भरपूर लाभ बरार को मिलता था. अब एसआइटी अनंत से पूछताछ कर रही है कि उसने बीसीइसीइ में सेटिंग या परचा लीक कराया है या नहीं. बीपीएससी के बारे में भी उससे पूछताछ करेगी. पूछताछ में बरार ने अगर बीसीइसीइ और बीपीएससी में सेटिंग का खुलासा करता है, तो जांच का दायरा बढ़ना तय है.
डाॅ मेवालाल की कई शहरों में संपत्ति

बीएयू नियुक्ति घोटाले के मुख्य अभियुक्त पूर्व वीसी व विधायक डॉ मेवालाल चौधरी की कई शहरों में 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है. दिल्ली, गाजियाबाद, बेंगलुरू, मुंबई, पटना समेत कई शहरों में डॉ मेवालाल, उनकी पत्नी और बच्चे के नाम से महंगे फ्लैट व जमीन की जानकारी मिली है. कई अन्य जगहों पर भी उनके निवेश का पता चला है.ऐसे में अब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हो सकता है.

जांच में यह आरोप साबित होने के बाद उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है. सूत्रों की मानें, तो डॉ मेवालाल की विदेश में भी संपत्ति हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है. यह मामला पटना स्थित विजिलेंस कोर्ट ट्रांसफर किया जा चुका है. ऐसे में डॉ चौधरी के खिलाफ जो भी गंभीर आरोप होंगे, उसकी मॉनिटरिंग पटना से की जायेगी.
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