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साथिया एप : किशोर व किशोरियों को मिलेगी स्वास्थ्य की जानकारी

स्वास्थ्य विभाग जल्द ही करेगा इसकी लांचिंग पटना : राज्य में दो करोड दो लाख किशोर व किशोरियों को स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग साथिया किट और साथिया एप लांच किया जायेगा. 10-19 आयु वर्ष के किशोर व किशोरियों को इस उम्र में उत्पन्न होनेवाली स्वास्थ्य समस्या के बारे में बताया जायेगा. […]

स्वास्थ्य विभाग जल्द ही करेगा इसकी लांचिंग
पटना : राज्य में दो करोड दो लाख किशोर व किशोरियों को स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग साथिया किट और साथिया एप लांच किया जायेगा. 10-19 आयु वर्ष के किशोर व किशोरियों को इस उम्र में उत्पन्न होनेवाली स्वास्थ्य समस्या के बारे में बताया जायेगा.
साथ ही अन्य तरह की सामान्य जानकारी भी दी जायेगी. घरेलू हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य जैसी जानकारियां दी जायेगी. राज्य के उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. साथिया किट और साथिया एप से अब हर जिले के किशोर व किशोरियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्या के समाधान का रास्ता मिलेगा.
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डा वाईएन पाठक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इस तरह का किट और एप तैयार किया गया है. इसकी लांचिंग भी की जा चुकी है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के 10 उच्च प्राथमिकता वाले जिले जिसमें गया,जमुई, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और शिवहर शामिल हैं उसमें कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इन जिलों का चयन इस आधार पर किया गया है कि यहां के स्वास्थ्य मानक सबसे नीचे हैं. कार्यक्रम के तहत किशोर व किशोरियों को छह तरह की समस्याओं की जानकारी दी जाती है. पोषाहार के बारे में कि इस उम्र में क्या क्या खाना चाहिए. स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों की महत्ता क्यों है.
साथ ही इस उम्र में यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य की जानाकारी दी जाती है. साथ ही नन कॉम्यूनिकेबल बीमारियों की जानकारी दी जाती है. किशोरियों के बताया जाता है कि खून की कमी से क्या-क्या समस्या हो सकती है. साथ ही मादक पदार्थों के दुरूपयोग के लेकर भी जानकारी दी जाती है. अकसर इस उम्र में ही किशोरों के बीच मादक द्रव्य के प्रयोग की लत शुरू हो जाती है. इससे बचाव और होनेवाले नुकसान के बारे में बताया जाता है.
बहुत से परिवारों में बच्चियों पर अभिभावकों द्वारा प्रताड़ना की जाती है. उन्हें स्कूल नहीं भेजा जाता है. अगर ऐसा होता है तो उनको सलाह दी जाती है. साथ ही इस उम्र के किशोर व किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में भी बताया जाता है. राज्य स्तर व जिला स्तर पर गठित कमेटी द्वारा इसकी मानिटरिंग की जाती है. इस योजना के तहत सभी सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्र-छात्राओं को इसकी जानाकारी दी जाती है.

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