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राज्य में अन्य नशीले पदार्थों पर लग सकता है प्रतिबंध

नशामुक्ति. जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण शुरू पटना : ऐतिहासिक और विश्व कीर्तिमान वाली मानव शृंखला के साथ ही शराबबंदी और नशामुक्ति के लिए जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है. यह अभियान दो महीने तक चलेगा और 22 मार्च को बिहार दिवस के दिन इसका समापन होगा. इसी दिन बिहार […]

नशामुक्ति. जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण शुरू
पटना : ऐतिहासिक और विश्व कीर्तिमान वाली मानव शृंखला के साथ ही शराबबंदी और नशामुक्ति के लिए जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है. यह अभियान दो महीने तक चलेगा और 22 मार्च को बिहार दिवस के दिन इसका समापन होगा. इसी दिन बिहार सरकार अन्य नशीले उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर सकती है. इसके संकेत भी सरकार की ओर से दिये जा चुके हैं. पिछले साल 21 जनवरी से 22 मार्च तक शराबबंदी को लेकर जन जागरूकता अभियान का पहला चरण चला था. इसके बाद एक अप्रैल से देसी और पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी की गयी थी.
शराबबंदी होने के बाद अब सरकार नशाबंदी करने की तैयारी कर रही है. शराबबंदी के पहले चरण और मानव शृंखला की अपार सफलता के बाद अब गांव-गांव, घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. साक्षरताकर्मी लोगों को नशामुक्ति के लिए जागरूक करेंगे. जन शिक्षा निदेशालय ने 124 कला जत्था की टीम का गठन किया है. यह टीम गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक व नुक्कड़ सभा कर शराब के बाद अब नशा के खिलाफ जागरूकता फैलायेगी.
साथ ही शराब-नशा से होने वाले नुकसान और शराबबंदी से होने वाले फायदे के बारे में बतायेंगे. विभाग ने 10 नारा भी चयन किया है, जिसे सरकारी संस्थानों की दीवारों पर लिखा जायेगा. लोकप्रिय गीतों का भी मंचन होगा. गीत, नुक्कड़ नाटक, सूक्तियां और नारों की पुस्तिका का भी वितरण सभी टीमों को कर दिया गया है. 22 मार्च को सभी जिलों की सर्वश्रेष्ठ एक-एक कला जत्था की टीम को बुलायी जायेगी और गांधी मैदान स्थित बनने वाले पैवेलियन में वे नुक्कड़ नाटक-गीतों का मंचन करेंगे. इसमें से तीन का चयन कर पुरस्कृत किया जायेगा. नशामुक्ति से स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ जीविका की दीदियों को भी जोड़ा जायेगा.
पटना. शराबबंदी व नशाबंदी के समर्थन में बनी विशाल मानव शृंखला को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किये जाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मानव शृंखला में तीन करोड़ लोगों के शामिल होने के सरकारी दावों के बाद लिम्का के पदाधिकारी अब तथ्यों की जांच कर रहे हैं. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के पदाधिकारी नरेश चंद्र माथुर खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं. लिम्का ने कई जिलों में अपने पदाधिकारियों को भी तैनात किया था और नरेश चंद्र माथुर खुद पटना के गांधी मैदान में मौजूद थे. कई जिलों से आयी रिपोर्ट के बाद उन्होंने कहा कि कई जिलों की मानव शृंखला का उन्होंने सर्वे कराया.
जहां से रिपोर्ट आयी है कि जहां एक लाइन में लोगों को खड़ा होना था, वहां दो-तीन कतार बनाकर लोग मानव शृंखला का हिस्सा बने हैं. शिक्षा विभाग से भी रिपोर्ट ली गयी है. सोमवार को इस मामले को लेकर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह से भी मिलेंगे. बिहार सरकार के दावों व उनसे तथ्य लेने के बाद लिम्का की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर लिम्का आलाधिकारियों को देगी. इसके बाद वे बिहार में बनी मानव शृंखला को वर्ल्ड रिकॉर्ड का दर्जा मिल सकेगा. शिक्षा विभाग की मानें तो 11,400 किमी और तीन करोड़ लोगों की मानव शृंखला को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए बिहार पहल नहीं करेगा. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम खुद पहल करेगी तो उसे सारे दस्तावेज उपलब्ध कराये जायेंगे.

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