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बाढ़ से अब तक 234.70 करोड़ रुपये का नुकसान

आपदा. 24 जिलों के 3504 गांवों के लोग परेशान, 120 लोगों की गयी जान, 38 लाख हेक्टेयर में लगी फसल तबाह पटना : राज्य में पहले और दूसरे दौर में आयी बाढ़ से अब तक 24 जिलों के 3504 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं. इन गांवों में अब तक जहां 120 लोगों की मौत […]

आपदा. 24 जिलों के 3504 गांवों के लोग परेशान, 120 लोगों की गयी जान, 38 लाख हेक्टेयर में लगी फसल तबाह
पटना : राज्य में पहले और दूसरे दौर में आयी बाढ़ से अब तक 24 जिलों के 3504 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं. इन गांवों में अब तक जहां 120 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 38 लाख हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गयी है. आकलन के अनुसार इसका मूल्य 222.09 करोड़ है. बाढ़ में सभी प्रकार के 11091 घर ध्वस्त हो गये हैं. यह क्षति 1.95 करोड़ आंकी गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आकलन के अनुसार 8.70 करोड़ की सरकारी संपत्तिबरबाद हुई है.
आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने वैशाली और सारण जिलों के आधा दर्जन से अधिक राहत शिविरों के दौरा के बाद बताया कि राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कहीं से भी किसी नदियों के जल स्तर में खतरे के निशान से पानी कम नहीं हो रही है. आपदा प्रबंधन मंत्री ने स्वीकार किया कि पशुचारा नहीं मिलने की शिकायत मिली है, पर सारण के अधिकारियों ने बताया कि सूखा चारा मिल भी नहीं रहा है.
18 अभियंताओं का विशेष दल
बाढ़ग्रस्त संवेदनशील क्षेत्रों के लिए जल संसाधन विभाग ने मुख्यालय स्तर पर छह विशेष दलों का गठन किया है. विशेष दल को बाढ़ सुरक्षा के सभी साधनों से लैस किया गया है. विशेष दल में छह अधीक्षण, कार्यपालक और सहायक अभियंताओं को शामिल किया है. टीम में वाल्मी के दो-दो प्रोफेसर क्रमश: नरेंद्र कुमार तिवारी और ईश्वरचंद्र ठाकुर को भी जगह दी गयी है. विभाग ने विशेष दल में बांध गेट, डैम सुरक्षा, जल विज्ञान, नहर संरचना और बाढ़ नियंत्रण के विशेषज्ञ इंजीनियरों को तव्वजो दिया है.
1866 गांव बाढ़ की चपेट में
राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थित अब भी चिंताजनक बनी हुई है. इन जिलों के 1866 गांवों के लगभग 30 लाख लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगडि़या, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार से अब तक तीन लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अब बाढ़ के कारण 12 जिलों में बाढ़ के कारण 28 लोगों की मौत हो गयी है. जिसमें भोजपुर में 12, वैशाली में छह, भागलपुर में दो, बक्सर में एक, लखीसराय में एक और समस्तीपुर में पांच की मौत शामिल है.
पानी घटने पर सड़कें होंगी दुरुस्त
पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि बाढ़ का पानी 46 जगहों पर सड़कों पर बह रहा है. पानी के तेज बहाव से जहां-जहां सड़कें क्षतिग्रस्त होगी वहां पानी घटने के साथ ही सड़क दुरुस्त करने का काम मुस्तैदी से होगा. ताकि लोगों को आवागमन में कठिनाई नहीं हो.
अभियंताओं को सड़कों के बारे में जानकारी रखने के साथ उसकी मरम्मत करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों पर पानी के बहाव से उसके क्षतिग्रस्त होने की संभावना है.क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने के लिए तत्परता से काम होगा. इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं को क्षतिग्रस्त सड़कों की जानकारी लेकर उसकी मरम्मत करने के लिए तैयार रहने का निर्देश मिला है.
दो हजार किमी सड़क बाधित
पटना. राज्य के एक दर्जन जिले में आयी बाढ़ की वजह से ग्रामीण सड़कें तो क्षतिग्रस्त हुई ही है, निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ है. बाढ़ का पानी घटने के बाद सड़कों की क्षति का सही-सही आकलन हो पायेगा. एक मोटे अनुमान के अनुसार बाढ़ से करीब दो हजार किमी सड़क का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है. बाढ़ से पीएमजीएसवाइ व एमजीएसवाइ दोनों योजनाओं की सड़क के निर्माण कार्य पर प्रभाव पड़ा है.
सुधरेगी पानी निकासी व्यवस्था
पटना. नगर निगम बाढ़ की समाप्ति के बाद गंगा से सटे मुहल्लों की ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त करेगा. गंगा से सटे घरों से निकलने वाले नाली के पानी को पहले व्यवस्थित तरीके से संप हाउस पहुंचाया जायेगा. फिर एसटीपी से पानी साफ होने के बाद भी गंगा में नाले का पानी जायेगा. नगर आयुक्त अभिषेेक सिंह ने बताया कि अभी कुछ ही समय पहले दीघा और मैनपुरा के इलाके पटना नगर निगम में शामिल हुए हैं. वहां की ड्रेनेज व्यवस्था अभी ठीक नहीं है. इस कारण गंगा के जुड़े सभी नालों को बंद कर दिया गया है.
भागलपुर : भागलपुर में बुधवार को गंगा खतरे के निशान से 94 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जल स्तर स्थिर है. लेकिन कई इलाके मेंसड़कों पर नयी जगहों पर पानी बहने लगा है. जिले के विभिन्न नये इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है.
नाथनगर के बुनकरों के मुहल्ले में भी पानी घुस गया है. इसके कारण लगभग 150 बुनकरों का हैंडलूम चलना बंद हो गया है. ट्रेन की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है. सबौर प्रखंड टापू की तरह हो गया है. इस इलाके के घोषपुर बगडेर गांव में 30 लोग बाढ़ में फंस गये, जिन्हें एसडीआरएफ ने निकाला.
मुंगेर जिले के सदर प्रखंड, बरियारपुर, जमालपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर तथा असरगंज प्रखंड के साथ-साथ मुंगेर शहरी क्षेत्र के आठ वार्ड के दर्जनों मुहल्ले बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. .
लखीसराय जिले में भी बाढ़ का कहर जारी है. बुधवार को पिपरिया प्रखंड के मुरवरिया के पास दो जगह नाव पलटने की सूचना है, जिसमें एक पानी की कम गहराई की वजह से नाव पर सवार सभी लोग बाल-बाल बच निकले, लेकिन दूसरी जगह नाव के बिजली के पोल में टकराने की वजह से नाव पलट गयी, जिसपर सवार दो युवकों के गहरे पानी में समा जाने की सूचना है़
खगड़िया के गोगरी में मंगलवार की रात जीएन तटबंध पर मुश्कीपुर कब्रिस्तान के समीप बांध में एकाएक रिसाव होने लगा. रिसाव की खबर पर पहुंचे अधिकािरयों ने ग्रामीणों की मदद से रिसाव को भरने का प्रयास किया, लेकिन इस पर आंशिक काबू ही पाया जा सका है.
कटिहार में बाढ़ की स्थिति में फिलहाल कोई सुधार नहीं है. बुधवार को भी गंगा, कोसी नदी का पानी कई नये इलाके में प्रवेश कर गया है. बाढ़ के कारण पांच प्रखंड के छह दर्जन से अधिक विद्यालय तथा दस दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र बंद हो चुके हैं. जिले के बरारी, कुरसेला, अमदाबाद व मनिहारी के चार दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. खासकर रिंग बांध टूटने के बाद गुरूमेला सीज टोला, दास टोला में चार फीट से अधिक पानी बह रहा है.
पुनपुन नदी से मिले दो शव, पांच की खोज में जुटे गोताखोर
औरंगाबाद. ओबरा के कलेन गांव के समीप पुनपुन नदी में नाव डूबने की घटनाके बाद लापता लोगों की तलाश के लिये एसडीआरएफ की टीम और गोताखोर लगातार प्रयास कर रहे हैं.
घटना के दूसरे दिन एक और शव बरामद हुआ है, जबकि पांच लोगों की तलाश जारी है. घटना के दूसरे दिन अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के समीप एक शव मिला है. शव का पोस्टमार्टम घटनास्थल पर ही सीएस के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा किया गया. डीएम कंवल तनुज ने बताया कि राहत कार्य व शवों को खोजने का काम जारी है. घटना में अब तक मिले दो मृतकों व पांच लापता लोगों के परिजनों को मुआवजा के रूप में चार-चार लाख रुपये के चेक दिये गये हैं.
डीएम ने कहा कि लापता लोगों को नियमानुसार एक माह तक समीक्षा करने के उपरांत मुआवजा दिया जाना है, लेकिन यहां की स्थिति को देखते हुए इन्हें एक माह बाद की तिथि का चेक दिया गया है.
डीएम ने यह भी बताया कि इस घटना में जो तीन बच्चे अनाथ हुए हैं, उनकी परवरिश के लिये जो प्रावधान बने हैं उसके अनुसार डीएम के नाम पर खाता खोला जाना है. इससे आने वाला ब्याज इन बच्चों को मिलेगा और 18 साल पूरा होने पर उन्हें पूरी राशि दे दी जायेगी. खाता खोलने का काम भी पूरा कर लिया गया है. डीएम ने यह भी बताया कि इन बच्चों के लिये परवरिश योजना का लाभ देने के लिये सीडीपीओ और सेविका को निर्देश दिया गया है. इनके अनुसार घटनास्थल पर चिकित्सकों की टीम लगातार कैंप कर रही है.
राहत शिविरों में बांटे गये 83 हजार लीटर पानी पाउच
जल शुद्धता के लिए बांटा जा रहा ब्लीचिंग पावडर व हैलोजन टेबलेट
शिविरों में 513 चापाकल चालू, 545 बने अस्थायी शौचालय
पटना : राज्य के 12 जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्राें में बने राहत शिविरों में पीड़ितों के बीच शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 83 हजार लीटर पानी पाउच उपलब्ध कराया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल की शुद्धता के लिए ब्लीचिंग पावडर व हैलोजन टेबलेट बांटा जा रहा है. शिविरों में रह रहे पीड़ितों को पेयजल व स्वच्छता को लेकर परेशानी नहीं हो इसके लिए 158 नये चापाकल गाड़ा गया. साथ ही 353 नये अस्थायी शौचालय बनाये गये है. राहत शिविरों में 513 चापाकल चालू व 545 अस्थायी शौचालय है.
राहत शिविरों में रह रहे लोगों को पेयजल व स्वच्छता को लेकर
परेशानी नहीं हो इसका मानीटरिंग पीएचइडी मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा कर रहे हैं. उन्होंने राहत शिविरों में व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को गंभीर रहने का निर्देश दिया है. कोताही बरतनेवाले पर कार्रवाई किये जाने की बात कही है. बाढ़ पीड़ितों के लिए बने 250 राहत शिविरों में 355 पुराने चापकल की मरम्मत कर उसे चालू किया गया है. कंफेड द्वारा उपलब्ध कराये गये पानी पाउच पटना में 5000, भागलपुर 2100, बेगूसराय 30000, खगड़िया 12000,लखीसराय 6000, भोजपुर 2000, समस्तीपुर 7000 लीटर पानी पाउच शिविरों में बांटे गये. जल शुद्धता के लिए पटना, वैशाली व भागलपुर में दो-दो मोबाइल जलदूत, बख्तियारपुर में एक मोबाइल जलदूत कार्यरत है.
राहत शिविर बना खटाल, सफाई नदारद, संक्रमण का खतरा बढ़ा
पटना : एक तरफ स्कूलों में नियमित क्लास चलने की बातें हो रही हैं. इसके लिए शिक्षक और छात्रों पर दबाव डाला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हर कुछ दिनों पर किसी न किसी कारण से स्कूलों को बंद कर दिया जाता है. अभी 15 अगस्त पर पुलिस फोर्स का ठहराव सरकारी स्कूल परिसर में किया गया तो अब बाढ़ पीड़ितों के ठहराव के लिए राहत शिविर भी सरकारी स्कूलों में ही बनाये गये हैं. आपदाएं आयें या कोई सरकारी कार्यक्रम हो या फिर दिवस का आयोजन, प्राइवेट स्कूल परिसर में कुछ नहीं होता है. हमेशा बलि का बकरा सरकारी स्कूल ही होते हैं और इससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो जाती है.
340 स्कूलों में बंद है पढ़ाई
बाढ़ राहत शिविर बनने के बाद पटना जिला के 340 स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गयी है. इसमें 40 हाइ स्कूल और तीन सौ माध्यमिक विद्यालय हैं. ये सारे के सारे सरकारी स्कूल हैं. इन स्कूलों में बाढ़ पीड़ितों को ठहराया गया है. जब तक यह शिविर रहेगा तब तक इन स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप रहेगी. कई ऐसे स्कूल हैं जहां पर शिविर बनाने के लिए जगह की काफी कमी है, लेकिन फिर भी स्कूल में शिविर बना दिया गया है. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई हो रही है, वहीं सरकारी स्कूल जनकल्याण के कार्य में लगे हैं.
बाढ़ आपदा को लेकर स्कूल कितने दिन तक बंद रहेगा, यह तो कहा नहीं जा सकता है, लेकिन एक अक्तूबर से दशहरा काे स्कूल बंद रहेगा, इसकी घोषणा तो पहले ही हो चुकी है. दशहरा उसके बाद दीपावली और फिर छठ तक स्कूल में पढ़ाई बाधित होती है. पूरा अक्तूबर स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती.
गुरु पर्व को लेकर प्रकाशोत्सव मनाया जायेगा. इसको लेकर पटना सिटी से दानापुर तक के लगभग चार सौ स्कूलों की बुकिंग हो चुकी है. इन सरकारी स्कूलों में श्रद्धालुओं को ठहराने की व्यवस्था की गयी है. दिसंबर अंतिम सप्ताह से जनवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम के शुरू होने के दस दिन पहले से ही स्कूल में पढ़ाई बंद कर दिया जायेगा. इसके बाद फरवरी और मार्च में इंटर और मैट्रिक की परीक्षाएं होने के कारण स्कूल में पढ़ाई बंद रहेगा.

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