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बिहार में गया के रास्ते बढ़ी सोने की तस्करी

कौशिक रंजन पटना : बिहार में सोने की तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां के बाजारों में तस्करों को सोने की मांग और इसमें अवैध कमाई का जरिया दिखने लगा है. नेपाल की सीमा पूरी तरह खुली होने के कारण यह रास्ता सोने की तस्करी का पहले से ही बड़ा जरिया रहा […]

कौशिक रंजन
पटना : बिहार में सोने की तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां के बाजारों में तस्करों को सोने की मांग और इसमें अवैध कमाई का जरिया दिखने लगा है. नेपाल की सीमा पूरी तरह खुली होने के कारण यह रास्ता सोने की तस्करी का पहले से ही बड़ा जरिया रहा है. लेकिन अब गया अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी तेजी से ‘सेफ स्मगलिंग पैसेज’ बनता जा रहा है. पिछले तीन सालों में केंद्रीय कस्टम विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़े गये मामलों में दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है.
बिहार के बाजार में सोने की मांग बढ़ने के कारण भी तस्करों के लिए यहां का बाजार धंधे का नया अड्डा दिखने लगा है. एक व्यावसायिक सर्वे के अनुसार, राज्य में पिछले पांच सालों में सोने की मांग में करीब चार गुनी बढ़ोतरी हुई है. पिछले तीन साल में सिर्फ केंद्रीय कस्टम के अधिकारियों द्वारा पकड़े गये मामलों में दो गुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. 2013 में सोने की तस्करी के दो-तीन मामले पकड़े गये थे. सभी नेपाल सीमा से जुड़े जिलों में ही पकड़े गये थे. लेकिन, 2014 में तस्करी के पांच मामले सामने आये. इसमें 1.80 करोड़ रुपये का 6.5 किलो सोना जब्त किया गया. 2015 से अब तक तस्करी के सात मामले पकड़े गये. इसमें करीब 2.25 करोड़ मूल्य का 8.5 किलो सोना जब्त किया गया.
सोना छिपाने को ये जतन
सोना को छिपाने के लिए तस्कर कई आधुनिक तरीकों को अपनाते हैं, जिससे यह किसी तरह के मेटल डिटेक्टर टेस्ट में नहीं पकड़ाता है. इसके लिए सोने की कॉर्बन या व्हाइट प्लेटिंग की जाती है. सोने पर सिल्वर कोटिंग के अलावा इसका कॉर्बन, रोडियम समेत अन्य धातुओं के साथ एलॉय बना दिया जाता है.
नेपाल के बाद गया एयरपोर्ट बना स्मगलिंग पैसेज
नेपाल की सीमा से जुड़े जिलों में सोना तस्करी की छोटी-मोटी खेप पकड़ा जाना सामान्य है. नेपाल में सभी बड़े व्यवसाय भारतीय मुद्रा में होते हैं. इस कारण अवैध तरीके से भारतीय मुद्रा को प्राप्त करने के लिए सोने की तस्करी यहां से होती रही है. लेकिन, अब गया एयरपोर्ट से बैंकॉक, थाईलैंड, श्रीलंका, म्यंमार के लिए सीधी उड़ानें होने से यहां सोने की तस्करी बढ़ी है. बैंकांक के जरिये यहां दुबई से भी सोने की तस्करी की जाती है.
– हाल में गया एयरपोर्ट पर एक तस्कर को पकड़ा गया, जिसने गले और हाथ में मोटी-मोटी सिल्वर की चेन पहन रखी थी. गहन जांच के बाद पता चला कि यह सोना है.
– यहीं से एक तस्कर ने कमर में करीब एक किलो सोने की कॉर्बन प्लेटिंग करवा कर बेल्ट पहन रखा था. पहली बार में तो यह मेटल डिटेक्टर में नहीं पकड़ा गया. बाद में जांच के बाद पकड़ाया.
– मुजफ्फरपुर से एक व्यक्ति पकड़ा गया था, जिसने जूते की सोल को सोने की ढलवा कर इसे रबर से ढक कर ब्लैक कर दिया था.
– रक्सौल से एक व्यक्ति को सोने की ज्वेलरी के साथ पकड़ा गया, जो देखने में नकली लग रही थी.
तस्करी की सूचना देनेवालों को 20% इनाम
सोने की तस्करी के मामले बढ़े हैं. कस्टम ने इस पर नकेल कसने के लिए कई तरह के उपाये किये हैं. विशेष तौर से प्रशिक्षित अधिकारियों की तैनाती संवेदनशील स्थानों पर की गयी है. सोना छिपाने के उन्नत तरीकों को आजमाने के कारण इस मामले में इंटेलिजेंस भी काफी मायने रखने लगा है. तस्करी की सूचना देने वाले आम लोगों को भी कस्टम विभाग की तरफ से 20 प्रतिशत इनाम देने का प्रावधान है. (वी सी गुप्ता, आयुक्त, सेंट्रल कस्टम डिपार्टमेंट)
एक किलो सोने पर तीन लाख की कमाई
अंतरराष्ट्रीय खुला बाजार में सोने पर किसी तरह का अतिरिक्त टैक्स नहीं है, जबकि भारत में इसके आयात पर 10% ड्यूटी टैक्स देना पड़ता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में यहां सोने की कीमत ढाई से तीन हजार रुपये प्रति 10 ग्राम ज्यादा पड़ती है. यह सोने की कीमत घटने और बढ़ने के साथ भी जुड़ा है. तस्करी का मुख्य कारण यही ‘प्रॉफिट मार्जिन’ है. इस आधार पर प्रति किलो सोने पर कम-से-कम 2.5 से तीन लाख की कमाई हो जाती है.

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