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Friday, March 29, 2024

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निगम का फॉगिंग सिस्टम फेल

शहर में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू और मलेरिया के मरीज अधिकारियों का दावा रोस्टर बना कर की जा रही है फॉगिंग पटना : शहर में डेंगू से लेकर मलेरिया का कहर जारी है. अब तक डेंगू के 250 से अधिक मरीज मिल चुके हैं, जबकि मलेरिया मरीजों का आंकड़ा 350 से अधिक पहुंच चुका […]

शहर में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू और मलेरिया के मरीज
अधिकारियों का दावा रोस्टर बना कर की जा रही है फॉगिंग
पटना : शहर में डेंगू से लेकर मलेरिया का कहर जारी है. अब तक डेंगू के 250 से अधिक मरीज मिल चुके हैं, जबकि मलेरिया मरीजों का आंकड़ा 350 से अधिक पहुंच चुका है. इसके बावजूद कुछ चुनिंदा इलाकों को छोड़ कर निगम नियमित रूप से किसी भी क्षेत्र में फॉगिंग नहीं करा रही है.
बीते दिनों लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से दस फॉगिंग मशीनों की वाहन सहित खरीद की गयी थी. नूतन राजधानी अंचल में तीन बड़ी मशीनें हैं. जबकि, अन्य अंचलों में दो से तीन बड़ी मशीनों को दी गयी है. फिर भी शहर के 75 वार्डों में से किसी एक वार्ड में एक मशीन भी नहीं पहुंच रही है. लोग मच्छरों के प्रकोप से परेशान हैं.
निगम का दावा हो रही है फॉगिंग : इधर निगम का दावा है कि शहर में मच्छर प्रभावित मोहल्लों को चिह्नित कर फॉगिंग की जा रही है. उप नगर अायुक्त विशाल आनंद बताते हैं कि अंचल कार्यालय के वार्डवार रोस्टर बना कर वार्ड पार्षद व वार्ड के सफाई निरीक्षण की देखरेख में फॉगिंग करायी जा रही है. इसकी नियमित रिपोर्ट मुख्यालय में ली जाती है.
जबकि, वार्ड 22 के पूर्व पार्षद संजीव कुमार के अनुसार न्यू पाटलिपुत्र, विवेकानंद मार्ग, श्रीकृष्ष्णापुरी में डेंगू के मरीजों की संख्या एक दर्जन से भी अधिक है, मगर बीते एक माह से निगम ने इन इलाकों में कभी फॉगिंग नहीं करायी है. वहीं इंद्रापुरी, राजीव नगर, बोरिंग रोड पानी टंकी क्षेत्र में भी फॉगिंग नहीं हो रही है.
चार साल पहले खरीदी गयी थीं 59 मशीनें
नगर निगम के 75 वार्डों में नियमित फॉगिंग नहीं हो रही थी. इसको लेकर चार वर्ष पहले 75 फॉगिंग मशीनें खरीदने की योजना बनी. स्थायी समिति व निगम बोर्ड से स्वीकृति के आलोक में निगम प्रशासन ने 20 लाख की लागत से 59 फॉगिंग मशीनें लोकल एजेंसी से खरीदी गयी, लेकिन खरीदारी की सेवा-शर्त में रखरखाव नहीं था. इस कारण सभी मशीनें एक वर्ष बाद ही खराब हो गयी. निगम प्रशासन ने मेंटेनेंस भी नहीं कराया और जर्जर स्थिति में छोड़ दिया.
मच्छर-मक्खी व कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ा
इधर, बरसात के बाद शहर के विभिन्न मोहल्लों में अचानक से ही मच्छर-मक्खी व कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ गया है. नगर निगम मुख्य सड़कों पर जमा पानी निकाल कर भले ही खुश हो रही हो, लेकिन अब भी निचले इलाके के कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां पर लोकल स्तर पर नाले की सही सफाई नहीं होने से जलजमाव की स्थिति बनी है. चिरैयाटांड़ व नवरत्नपुर के मोहल्लों में तो कई घरों में पानी लगा है. ऐसे में उन मोहल्लों व उनके आसपास मच्छर अधिक दिख रहे हैं.
मशीनों की कमी है और बड़ी मशीनों को खरीदने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा खराब पड़ी छोटी हैंड फॉगिंग मशीनों को भी बनवाने का काम किया जायेगा.
– विशाल आनंद, उप नगर आयुक्त
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