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मॉनसून सत्र: विपक्ष का सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप, बाढ़ राहत पर विधानसभा में आपस में भिड़े पक्ष-विपक्ष

पटना: बाढ़ राहत को लेकर बिहार विधानसभा में गुरुवार को पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गये और जमकर हंगामा किया. विपक्ष जहां कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार पर बाढ़ राहत में लापरवाही बरतने व फेल होने का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष ने बाढ़ की भयावहता के बीच राजद की रैली […]

पटना: बाढ़ राहत को लेकर बिहार विधानसभा में गुरुवार को पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गये और जमकर हंगामा किया. विपक्ष जहां कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार पर बाढ़ राहत में लापरवाही बरतने व फेल होने का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष ने बाढ़ की भयावहता के बीच राजद की रैली के आयोजन को संवेदनहीन बताया. पक्ष-विपक्ष के तू तू-मैं मैं के बीच राजद के विधायक वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. शोरगुल व हंगामे की वजह से सदन की पहली पाली मात्र 10 मिनट ही चल सकी.

दूसरी पाली में भी विपक्षी विधायक वेल में आये और विधायक महबूब आलम रिपोर्टिंग टेबल पर चढ़ गये. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने उन्हें सदन की परंपरा व गरिमा का ख्याल रखते हुए आचरण करने का निर्देश दिया और कार्रवाई की बात कही, तब जाकर विधायक महबूब आलम रिपोर्ट टेबल से नीचे उतरे.


विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद की ओर से विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बाढ़ को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोग त्राहिमाम हैं. सैकड़ों लोग बाढ़ में मर गये हैं, सड़कें टूट गयी है. न राहत सामग्री बंट रहा है और न ही दवाएं बाढ़पीड़ितों को मिल पा रही है. अगर सरकार और स्पीकर बाढ़ के महत्व को समझ रहे हैं तो कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकृत कर इस पर विशेष बहस करें. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मॉनसून सत्र के पहले ही दिन उन्होंने साफ कर दिया कि बाढ़ से 18 जिले और एक करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इस पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक कर अलग से तय किया जा सकता है. इस पर संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पहले ही दिन से सरकार चाहती है कि सदन में नियम के अनुसार कार्यवाही हो. सरकार हर मुद्दे पर बहस को तैयार है.
संसदीय परंपरा में जो सवाल लायेंगे सरकार उसका जवाब देगी, लेकिन संसदीय परंपरा से विपरीत कोई चीज होगा तो सरकार जवाब नहीं देगी.
बाढ़प्रभावितों के लिए राजद में नहीं है ममता : नंदकिशोर यादव
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि राजद की बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई ममता नहीं है. वे बाढ़पीड़ितों के दुश्मन हैं और लाश पर राजनीति करते हैं. वे सदन में बाढ़ को लेकर चर्चा करना नहीं चाहते हैं. वे सिर्फ अपना चेहरा चमकाना के लिए रैली करने जा रहे हैं. वे नहीं चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही चले, इसलिए हंगामा करते हैं. इनकी बात सुनने का कोई औचित्य ही नहीं है.
बाढ़ की इतनी ही चिंता तो स्थगित करें रैली : मोदी
बाढ़ पर राजद के कार्यस्थगन पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बाढ़ को लेकर राजद की इतनी ही चिंता है तो 27 अगस्त की रैली को स्थगित कर दे. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बाढ़पीड़ितों के पास जायें. क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ के हालात देखें. बाढ़पीड़ितों को कैसे राहत पहुंचायी जा रही है और सरकार कैसे मदद कर रही है, जाकर देखें. एक तरफ बाढ़ है अौर दूसरी ओर रैली का आयोजन करके तो वे संवेदनहीन हो ही गये हैं. साफ लग रहा है कि बिहार के लोगों से उन्हें कोई मतलब नहीं है, उन्हें सिर्फ बेनामी संपत्ति से मतलब है. हिम्मत है तो रैली को स्थगित कर दें और बाढ़पीड़ितों की सेवा करें.
रैली होगी और सरकार के सीने पर रैली होगी : सिद्दीकी
उपमुख्यमंत्री मोदी की रैली स्थगित करने की मांग पर राजद विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि रैली होगी और आपके सीने पर 27 अगस्त को ही रैली होगी. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद उपमुख्यमंत्री उत्साही हो गये हैं. नियम-कानून को ताक पर रखा दी गयी. देश और राज्य बाढ़ को लेकर गंभीर है और बिहार सरकार के नहीं सुशील मोदी ने बुलाने पर पीएम नरेंद्र मोदी आ रहे हैं.

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