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जीएसटी का असर : कैंसर, शूगर व बीपी की दवाएं गायब

पटना : जीएसटी में दवाओं पर कर के बारे में भ्रम की स्थिति से फुटकर दवा विक्रेताओं ने दवाओं की खरीद सीमित कर दी है. इससे नयी कर प्रणाली लागू होने से पांच दिन पहले ही दवाओं की किल्लत हो गयी है. हालांकि गोविंद मित्रा सहित सभी थोक बाजार में दवाओं का स्टॉक भरा पड़ा […]

पटना : जीएसटी में दवाओं पर कर के बारे में भ्रम की स्थिति से फुटकर दवा विक्रेताओं ने दवाओं की खरीद सीमित कर दी है. इससे नयी कर प्रणाली लागू होने से पांच दिन पहले ही दवाओं की किल्लत हो गयी है. हालांकि गोविंद मित्रा सहित सभी थोक बाजार में दवाओं का स्टॉक भरा पड़ा है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों के तिमारदारों को दवाओं खासकर कैंसर, शूगर, बीपी की दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है.
दवा के लिए मरीज परेशान : शहर के बोरिंग रोड, कंकड़बाग, राजाबाजार, बुद्धा कॉलोनी, कदमकुआं आदि इलाकों में फुटकर दवा की दुकानों में रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली दवाओं की किल्लत बनी है. यहां तक कि जीवन रक्षक दवाएं नहीं मिल रही हैं.
कैंसर, शूगर और बीपी की दवाओं के लिए मरीज परेशान हो रहे हैं. शूगरमेट और निकार्डिया जैसी प्रचलित दवाओं के लिए मरीज जीएम रोड थोक मंडी में पहुंच रहे हैं.
दवा के लिए मरीज परेशान, इन दवाओं की ब्लैक में हो रही है बिक्री
जीएसटी के डर से दुकानों ने स्टाॅक किया कम, दवाओं के लिए मंडी पहुंच रहे लोग
इंजेक्शन की हो रही ब्लैक बिक्री : पीएमसीएच में इलाज कराने आये राहुल राज नाम के एक मरीज को डॉक्टरों ने प्रोटीन के लिए लिखा. इसके लिए एल्बुमिन नाम का इंजेक्शन परची पर लिखा गया, लेकिन पीएमसीएच के सामने वाले फुटकर दवा दुकानों में इंजेक्शन नहीं मिल पाया. राहुल के पिता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि एल्बुमिन नाम का इंजेक्शन ब्लैक में बिक रहा है. इसके लिए चार दुकानों का चक्कर लगाना पड़ा. अधिक दाम देने पर ही मिल पाया.
बिना रजिस्ट्रेशन वाले दुकानों पर परेशानी : बिहार केमिस्ट एंड दवा एसोसिएशन के सचिव संतोष कुमार का कहना है कि जो रजिस्टर्ड दुकान नहीं हैं, उनको ही दिक्कत हो रही है, क्योंकि वे लोग सीमित दवाएं मंगा रहे हैं, रजिस्ट्रेशन वाले दुकानदारों को परेशानी नहीं है. हालांकि कुछ ऐसे भी केमिस्ट हैं जो पहले के मुकाबले दवाएं अधिक नहीं खरीद रहे हैं. इस लिए थोक दवा मंडी में बिक्री के प्रभाव पर असर पड़ा है. उम्मीद है कि एक जुलाई से कमी दूर हो जायेगी.
इन दवाओं की हो रही है किल्लत
एल्बुमिन इंजेक्शन, इंजेक्शन वोवेरॉन, कैंसर के इंजेक्शन, डेकाडान, डेक्सोना, रैबीपुर, पेन्यूमो-23, हेपेटाइटिस, चिकनपॉक्स, डिप्थिरिया की वैक्सीन, निकार्डिया, शूगरमेट
जीएसटी में दवाओं की प्रस्तावित दरें
इंसुलिन, अन्य जीवनरक्षक इंजेक्शन, दवाएं – 5 प्रतिशत
सिरप आदि दवाएं – 12 प्रतिशत
फूड सप्लीमेंट आदि – 12 प्रतिशत
कुछ अन्य दवाएं – 18 प्रतिशत

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