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एनजीओ के नाम पर पैसे वसूल रहे स्कूल

बचपन बचाओ आंदोलन के नाम पर अभिभावकों से लेते हैं पैसा पटना : स्कूल की मनमानी आये दिन अलग-अलग तरीके से सामने आ रही है. कभी शैक्षणिक विकास के नाम पर तो गरीब बच्चों को पढ़ाने के नाम पर भी पैसे की वसूली की जा रही है. यह वसूली कोई एक महीने नहीं होती है, […]

बचपन बचाओ आंदोलन के नाम पर अभिभावकों से लेते हैं पैसा
पटना : स्कूल की मनमानी आये दिन अलग-अलग तरीके से सामने आ रही है. कभी शैक्षणिक विकास के नाम पर तो गरीब बच्चों को पढ़ाने के नाम पर भी पैसे की वसूली की जा रही है. यह वसूली कोई एक महीने नहीं होती है, बल्कि अधिकांश स्कूलों में हर तीन से चार महीने पर चैरिटी के नाम पर बच्चों को पैसे जमा करने को कहा जाता है. इस चैरिटी बॉक्स में बच्चों के फैमिली के अलावा पड़ोस के लोग भी शामिल होते हैं. बच्चों को फैमिली के हर सदस्य से पैसे लेना होता है.
गोलमाल में शहर के प्रमुख स्कूल हैं शामिल : एनजीओ के नाम पर चैरिटी के लिए पैसे लेने में कोई एक स्कूल शामिल नहीं है. इसमें अशोक राजपथ, पाटलिपुत्र इलाका, बाइपास, कुर्जी, दीघा, दानापुर, बेली रोड, गोला रोड, सगुना मोड़ आदि इलाकों के कई मिशनरी व पब्लिक स्कूल शामिल हैं जहां पर एनजीओ के लिए चैरिटी के नाम पर स्टूडेंट्स से पैसे लिये जाते हैं. पूरी जानकारी नहीं होने और बच्चे की पढ़ाई प्रभावित होने के डर से अभिभावक मामले पर कुछ नहीं बोलते हैं.
स्कूल प्रशासन द्वारा जिन एनजीओ के नाम पर पैसे लिये जाते हैं, उसकी जानकारी खुद संबंधित एनजीओ तक को नहीं है. सूत्रों के अनुसार सेव दि चिल्ड्रेन और बचपन बचाओ आंदोलन के नाम पर स्कूल प्रशासन पैसे की वसूली करते हैं, लेकिन इसकी जानकारी इन एनजीओ को नहीं है. सूत्रों की मानें तो स्कूल एनजीओ के नाम पर पैसे तो लेती है, लेकिन इसके लिए कोई रसीद नहीं देती है. एनजीओ के नाम का जो स्लिप बच्चों को दिया जाता है, उसे वापस ले लिया जाता है.
अधिक पैसा लाने वाले बच्चों को इनाम देने का देते प्रलोभन : स्कूल बच्चों को कोई फिक्स प्राइस लाने को नहीं कहता है, लेकिन अधिक पैसे लाने वाले बच्चे को स्कूल इनाम देने की घोषणा जरूर करता है. एक अभिभावक ने बताया कि बच्चे की जिद होती है कि उनके पास सबसे ज्यादा चैरिटी के पैसे जमा हों. इसके लिए आस पड़ोस के लोगों की मदद लेनी होती है. पैसे देने वालों का नाम भी दर्ज करना होता है. अब यह बच्चों के लिए स्टेट्स सिंबल बनता जा रहा है.
बोर्ड के अनुसार चैरिटी के नाम पर पैसे लेना गलत : सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के नियमावली की बात करें तो स्कूल किसी भी चैरिटी के नाम पर बच्चों या अभिभावकों से पैसे नहीं ले सकता. चैरिटी के नाम पर अगर कोई स्कूल पैसे लेता है तो ऐसे स्कूल पर बोर्ड द्वारा कार्रवाई की जायेगी. दोनों ही बोर्ड के एफिलिएशन बाइ लॉज में यह शामिल है.
स्कूल से चैरिटी का काम नहीं करवाते हैं
हम स्कूल से कोई चैरिटी का काम नहीं करवाते हैं. जो भी होता है खुद करते है. हमें किसी से पैसे चाहिए होता है तो हम व्यक्तिगत तौर पर पैसे मांगते है. किसी स्कूल के माध्यम से हमने आज तक पैसे नहीं मांगे हैं.
मुख्तारूल हक, को-ऑर्डिनेटर, बचपन बचाओ आंदोलन
खुद फंड मिलते हैं तो स्कूल से क्यों कहेंगे
हमारी संस्था बच्चों के लिए काम करती है. हमें खुद फंड मिलते है, हम क्यों किसी स्कूल के माध्यम से बच्चों से पैसे की वसूली करेंगे. हमारा किसी भी स्कूल के साथ कोई टाइ-अप नहीं है.
विपिन कुमार, कोर्डिनेटर, सेव दी चिल्ड्रेन
शिकायत आती है, तो होगी कार्रवाई
निजी स्कूलों मेें एनजीओ के लिए बच्चों से राशि वसूले जाने के मामले की जानकारी नहीं मिली है. इस संबंध में अगर कोई शिकायत आती है तो राशि वसूली के उद्देश्य की पड़ताल करते हुए कार्रवाई की जायेगी.
अजय कुमार, प्रभारी डीएम, पटना

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