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मॉनसून सत्र : सृजन घोटाले को लेकर हंगामा, बिना चर्चा के यह चार विधेयक पारित..आज होगी इसपर चर्चा

पहली पाली में विस में 13 मिनट व दूसरी पाली में 25 मिनट में सिमटा कामकाज पटना : सृजन घोटाला को लेकर बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन दोनों सदनों में बाहर और भीतर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के कारण दोनों सदनों में कम समय तक ही कामकाज हो सका. विधानसभा […]

पहली पाली में विस में 13 मिनट व दूसरी पाली में 25 मिनट में सिमटा कामकाज
पटना : सृजन घोटाला को लेकर बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन दोनों सदनों में बाहर और भीतर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के कारण दोनों सदनों में कम समय तक ही कामकाज हो सका. विधानसभा में पहली पाली में मात्र 13 मिनट की कार्यवाही चल सकी, वहीं भोजनावकाश के बाद सदन पच्चीस मिनट ही चल पाया. विधान परिषद में दो बार में 34 मिनट की कार्यवाही हो सकी.
भोजनावकाश के पहले सदन दो बार स्थगित हुआ. भोजनावकाश के बाद मात्र 15 मिनट तक सदन की कार्यवाही हुई. राजद के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करते रहे.आज भी सृजन घोटाले पर हंगामा होने की संभावना है.
इधर, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करने लगे. विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण भी नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित करनी पड़ी. बिहार विधानसभा में मंगलवार की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष की ओर से अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सृजन घोटाला को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया और विधानसभा अध्यक्ष से लगातार उसे स्वीकृत करने की मांग करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अल्पसूचित का पहला प्रश्न ही सृजन घोटाला से जुड़ा हुआ है और पहला ध्यानाकर्षण भी इसी को लेकर है. विधानसभा ने इसे महत्वपूर्ण माना है.
प्रश्नकाल बाधित करने से क्या फायदा? इससे अन्य विधायकों के जनहित के सवाल भी बाधित नहीं होंगे और सृजन घोटाले पर सरकार की ओर से उचित जवाब भी मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरे मामले की अलग से विमर्श का मामला लाये, जिससे अन्य सदस्यों के हित के प्रश्नों के बाधित हुए बिना काम हो सके. किसी सवाल के लिए एक समिति अवधि में बात करना उचित नहीं है.
वेल में आये विपक्ष के सदस्यों से कहा कि वे अपनी सीट से कोई बात कहेंगे तो आसन उसे सुनेगा. हम आपकी बातों को सुनना चाहते हैं. बावजूद इसके विपक्ष के विधायक वेल में हंगामा करते रहे. विपक्ष के नेता हाथों में प्ले कार्ड लेकर खजाना चोर गद्दी छोड़ो और सरकार विरोधी नारे लगाते रहे. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजन अवकाश तक स्थगित की.
उपसभापति ने कहा, रिपोर्टर टेबुल को डिस्टर्ब नहीं करें, होगी कार्रवाई: विधान परिषद में राजद सदस्यों के वेल में पहुंच कर रिपोर्टर टेबुल को डिस्टर्ब करने पर उपसभापति मो हारुण रशीद ने कार्रवाई होने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि रिपोर्टर टेबुल को डिस्टर्ब नहीं करें अन्यथा कार्रवाई होगी. उपसभापति बोले कि कार्रवाई करने के लिए मजबूर नहीं करे.
इसके बावजूद उपसभापति के निर्देश की अनदेखी करते हुए राजद सदस्य रिपोर्टर टेबुल की ओर बढ़ते रहे. सदस्यों ने रिपोर्टर टेबुल को धक्का दिया. गनीमत रही कि रिपोर्टर टेबुल नहीं उल्टा. इससे सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करनेवाले को उठना पड़ा. इस दौरान गैर सरकारी संकल्प की कार्यवाही चल रही थी. इसके बाद हंगामे को लेकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
शोर-शराबे में होती रही संकल्प की कार्यवाही
राजद सदस्यों के शोर-शराबे में संकल्प की कार्यवाही होती रही. सदस्यों द्वारा लाये गये संकल्प पर संबंधित मंत्री जवाब भी दे रहे थे. इसके बाद सदस्य अपना संकल्प वापस लिया. वीरेंद्र नारायण यादव के संकल्प पर शिक्षामंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के संबंध में राजस्व व भूमि सुधार विभाग व प्रमंडलीय आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा गया है.
डॉ संजीव कुमार सिंह के संकल्प पर शिक्षामंत्री ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रबंधन बोर्ड में बिहार विधान मंडल के सदस्यों के मनोनयन का प्रावधान नहीं है. राधाचरण साह के संकल्प पर मंत्री ने कहा कि बक्सर जिला में ब्रह्मपुर प्रखंड के नियोजित शिक्षकों का लंबित वेतन भुगतान की कार्रवाई चल रही है. सीपी सिन्हा के संकल्प पर परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने कहा कि बिहटा से नवीनगर रेलवे लाइन निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु केंद्र सरकार से बिहार सरकार सिफारिश करेगी.
आवाज बंद करनी है तो नहीं चलाएं सदन : राबड़ी
मंगलवार को विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बाढ़ राहत व सृजन घोटाले मामले को लेकर राजद सदस्य हंगामा करने लगे. हंगामा कर रहे राजद सदस्यों को अपनी सीट पर बैठने के लिए बार-बार उपसभापति मो हारुण रशीद के कहने पर राबड़ी देवी ने कहा कि आवाज बंद करनी है तो सदन नहीं चलाइये. सदन में भी आवाज बंद कराया जा रहा है. कोई राजद सदस्य नहीं बैठेगा. सब वहीं चिल्लायेगा. राजद सदस्य वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से इस्तीफा की मांग करने लगे.
हंगामे को लेकर 15 मिनट में ही सदन कार्यवाही हुई. वेल में सुबोध कुमार, रण विजय सिंह, राधा चरण सेठ, दिलीप राय, संजय प्रसाद, कमरे आलम हाथ में सरकार विरोधी नारे की तख्ती लिये पहुंचे. कांग्रेस सदस्य डॉ दिलीप कुमार चौधरी अपनी सीट पर खड़े होकर साथ दिये. अन्य सदस्य बैठे रहे. सदन में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी पूरे तेवर में दिखी. अपने सीट पर खड़ी होकर सरकार के खिलाफ बोलती रही.राबड़ी देवी ने कहा कि सृजन घोटाले की जांच जब सीबीआइ को दिया गया है तो बिहार पुलिस क्यों जांच कर रही है. सब लीपापोती करने के लिए हो रहा है.
नीतीश कुमार व सुशील मोदी अपना बचने के लिए यह सब करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार को जदयू व भाजपा मिल कर लूट लिया है. सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच होनी चाहिए. उन्होंने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की. पीड़ितों को रहने के लिए पोलिथीन व खाने के लिए राहत सामग्री नहीं मिल रही है.गरीब आदमी के वोट पर सरकार आयी थी.
लहराया प्लेकार्ड स्पीकर ने लगायी फटकार
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक महबूब आलम की ओर से प्ले कार्ड दिखाये जाने पर स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने नाराजगी जतायी और फटकार लगायी. उन्होंने मार्शल से बोलकर तुरंत प्लेकार्ड को विधायक के हाथों से हटवाया. स्पीकर ने कहा कि सदन की मर्यादा जायेगी तो विधायकों की मर्यादा भी नहीं बचेगी. अपनी बात करने के लिए प्ले कार्ड लहराने का तरीका सही नहीं है. गंभीर से गंभीर बात कहने का अपना तरीका होता है. नियम के अनुसार अपनी बात कहनी चाहिए.
नहीं बख्शा जाये कोई, गवाहों की मौत की भी हो जांच : स्पीकर
पटना : बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि भागलपुर में सृजन घोटाले की बात सामने आयी है. पूरा सदन इसमें एकमत है कि इसकी गहरायी से जांच होनी चाहिए. सरकार ने जांच के लिए सीबीआइ से भी अनुशंसा की है. इस मामले में कोई भी बख्शा नहीं जाये. गवाह की मौत हुई है उसकी भी जांच होनी चाहिए. ऐसे में विपक्ष यह तय करे कि क्या वह प्रश्नकाल बाधित कर इस मामले में जवाब चाहता है या फिर नियम के अनुसार चाहता है.
सृजन घोटाले में सरकार की संलिप्तता, व्यापम की हो चुकी शुरुआत : राजद विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि सृजन घोटाला से बिहारियों पर काला धब्बा लगा है. देश दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है, जिससे बिहार की बदनामी हो रही है. इसमें सरकारी की पूरी संलिप्तता है.
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत भाजपा के नेता पूरे मामले को महिमामंडित करते रहे हैं. अब तक गवाहों को भी मारा जा रहा है. सृजन घोटाला व्यापम घोटाला का रूप ले रहा है और इसकी शुरुआत हो चुकी है. इसमें बड़े लोग संलिप्त है. ऐसे में सदन कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकृत करे और उस पर पूरे मामले पर विशेष बहस कराये. सदन में एेसी परंपरा रही है कि भयंकर मामले जिससे देश व राज्य प्रभावित होता है तो उसे उठाया गया है व स्वीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकृत होने पर सदन चलेगा, नहीं तो विपक्ष अपने अधिकार के अनुसार काम करेगा.
शोर-शराबे के बीच बिना चर्चा के विधानसभा में चार विधेयक पारित
पटना : विपक्ष के शोर-शराबे और बिना किसी तरह के चर्चा के मंगलवार को विधानसभा में बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोवस्त संशोधन विधेयक 2017 सहित कुल चार विधेयक पारित हो गया. महज 25 मिनट चली सदन की कार्यवाही में पूरे समय राजद के सदस्य बेल में आकर शोरगुल और नारेबाजी करते रहे रिपोर्टर टेबुल को भी आड़ा-तिरछा कर दिया. विपक्ष इतना शोरगुल कर रहा था कि सदन में कुछ सुनायी भी नहीं पड़ रहा था. आसन पर खुद अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी थे. सदन में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित अधिकांश मंत्री मौजूद थे.
भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन का कार्रवाई शुरू हुई तो उपमुख्यमंत्री मोदी ने वित्तीय वर्ष 1981-82, 1986-87, 1989-90, 1993-94 और 1995-96 के अधिकाई व्यय का विवरण रखा. इस पर राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सृजन घोटाले का मामला उठाया और कहा कि पैसे की लूट हो रही है. इतने पर पूरा विपक्ष बेल में आ गया और शोरगुल करने लगा.
शोरगुल के बीच ही बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) विधेयक 2017, बिहार काश्तकारी संशोधन विधेयक 2017, बिहार भूमि दाखिल खारिज संशोधन विधेयक 2017 तथा पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने बिहार पंचायत राज संशोधन विधेयक 2017 रखा. इस पर बिना किसी चर्चा के सभी विधेयक पारित हो गया. दो बजकर 25 मिनट पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी.

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