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BIHAR : बाढ़ राहत के लिए जारी किये 1935 करोड़, प्रति परिवार 6 हजार की मदद

राज्य कैबिनेट ने आकस्मिकता निधि से पैसे जारी करने की दी मंजूरी पटना : राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए 1935 करोड़ रुपये जारी किया है. राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार आकस्मिकता निधि से इतने रुपये के निकासी करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. बिहार के बाढ़ प्रभावित […]

राज्य कैबिनेट ने आकस्मिकता निधि से पैसे जारी करने की दी मंजूरी
पटना : राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ित लोगों को मुआवजा देने के लिए 1935 करोड़ रुपये जारी किया है. राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार आकस्मिकता निधि से इतने रुपये के निकासी करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी प्रभावित परिवारों को प्रति परिवार छह हजार रुपये का मुआवजा भी दिया जायेगा.
इसमें तीन हजार रुपये नगद के रूप में और तीन हजार खाद्यान्न के लिए दिये जा रहे हैं. मुआवजे की यह राशि सीधे संबंधित पीड़ित परिवारों के बैंक खातों में भेजी जायेगी. करीब 90 फीसदी परिवारों का बैंक एकाउंट खुल गया है. बचे हुए जिन 10 फीसदी परिवारों का बैंक एकाउंट नहीं खुला है, उन्हें जिला और प्रखंड स्तर पर शिविर लगाकर बैंक पहले एकाउंट खोला जायेगा. इसके बाद इनमें पैसे भेजे जायेंगे. मुआवजे की राशि देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का आदेश जारी किया गया है. बाढ़ प्रभावित सभी संबंधित जिलों के डीएम को इस कार्य को तेजी से करने का आदेश दिया गया है.
अब तक बाढ़ से हुई क्षति का किये गये आकलन के अनुसार, अररिया, किशनगंज, दरभंगा, खगड़िया, सीवान, सारण, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में 30 लाख से ज्यादा परिवार प्रभावित हैं. इन्हें तुरंत राहत पहुंचाने की जरूरत है. इतने लोगों के बीच जल्द से जल्द मुआवजा वितरण कराने की कवायद शुरू कर दी गयी है
इस मुआवजा के वितरण के बाद समूचे बाढ़ प्र‌भावित इलाके में मकान और फसल की क्षति के आकलन का काम शुरू किया जायेगा. इसके बाद मकान और फसल क्षति का मुआवजा दिया जायेगा. इस क्रम में मकान क्षति का मुआवजा पहले दे दिया जायेगा. जबकि, फसल की क्षति के आकलन में थोड़ा समय लगेगा. इसके बाद ही संबंधित लोगों को मुआवजा मिलेगा. फसल की क्षति का सही आकलन बाढ़ का पानी निकलने के बाद ही हो सकेगा.
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
राज्य में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई 12 प्रमुख पथों की मरम्मती के लिए 453.03 रुपये जारी किये गये हैं.
राइस मिलर के मामलों की सुनवाई के लिए पांच सिविल जज की नियुक्ति की गयी है.
एशियन डेवलपमेंट बैंक से भागलपुर जलापूर्ति परियोजना फेज-2 के लिए 253.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं.
कृषि विभाग में मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 37 करोड़ 40 लाख रुपये के व्यय की अनुमति दी है.
एनसीसी कैडटों को बेहतर सुविधा देने के लिए उनके कैंप, वर्दी और पेट्रोल खर्च को बढ़ा दिया गया है. इसमें अब केंद्र सरकार 75 फीसदी और राज्य सरकार 25 फीसदी अंशदान देगी. कैंप में 130 रुपये प्रति कैडेट रुपये खर्च किये जायेंगे.
गैर सरकारी अल्पसंख्यक स्कूलों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम और छठे वेतन पुनरीक्षण के लिए पैंतीस करोड़ मंजूर
12 प्रमुख सड़कों की सूची
-निमियाडीह से चितौली, डेहरी आनसोन-15.60 किमी
-हिलसा- बसबिगहा, 11.48 किमी
-खगड़िया गौशाला मोड़ से बदलाघाट स्टेशन, 20.50 किमी
-औरंगाबाद में सिन्हा कालेज मोड़ से रफीगंज, 21.60 किमी
-सहरसा में बलवा हाट से पूर्वी कोसी बांध, 10.68 किमी
-मुजफ्फरपुर में औरायी से कटायी, 13.16 किमी
-बिहारशरीफ में सोयवा पर से कतरीसराय, 12 किमी
-छपरा में हरिहरनाथ से पहलेजाघाट, 9 किमी
-छपरा में भरपुरा मंदिर से एनएच 19, आठ सौ मीटर
-सीवान में अफराद मोड़ से गोरियाकोठी तक, 14 किमी
– दरभंगा में जटमल पुर से हथौड़ी कोठी, 16.20 किमी
– भागलपुर में गोराडीह से मोहनपुर, 18.60 किमी
ब्लैक स्पॉट पर हादसे रोकने के होंगे उपाय: नंदकिशोर
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि राज्य में ब्लैक स्पॉट पर सड़क दुर्घटनाओं के रोकने के उपाय होंगे. इसके लिए विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम की दिशा में काम शुरू कर दिया है. सड़कों पर ब्लैक स्पॉट (एक्सीडेंटल जोन) को चिहिंत कर उसके निराकरण का निदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के भीतर घटी सड़क दुर्घटनाओं व उसमें हताहतों की संख्या के आकलन पर राज्य में 124 ब्लैक स्पाॅट चिहिंत किये गये हैं. उन स्थानों पर वर्ष 2014 से 2016 के बीच सड़क दुर्घटना की 860 से अधिक घटनाएं घटी.
इसमें चार सौ से अधिक लोग इसके शिकार हुए. उक्त अवधि में राजधानी पटना में ही ‘ब्लैक स्पाॅट’ के कारण सड़क दुर्घटना की 167 घटनाएं घटी, जिसमें 56 लोग हताहत हुए. मंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग के साथ-साथ एनएचएआइ व राज्य पुलिस प्रशासन ने भी ऐसे ब्लैक स्पॉट (एक्सीडेंटल जोन)की पहचान की है. घनी आबादी व अत्यधिक यातायात के कारण चिहिंत ब्लैक स्पाॅटों पर दुर्घटनाएं अधिक होती है.
उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया है कि राज्य में पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों पर चिहिंत ऐसे ब्लैक स्पॉटों का शीघ्र निदान करें. अधिकारियों को ब्लैक स्पाॅटों की सूची दे दी गयी है. इसके लिए अल्पकालीन व दीर्घकालीन पैमाने के तहत कार्य करने का आदेश दिया गया है. एनएचआइ से राज्य में नेशनल हाइवे पर चिहिंत वैसे स्पाटों की पहचान कर निराकरण की दिशा में की गई कार्रवाई से पथ निर्माण विभाग को अवगत कराने को कहा है.

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