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कुछ भी हो, बिहार में कानून अपना काम करेगा : नीतीश

महागंठबंधन धर्म का सम्मान, कमी नहीं आने देंगे पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागंठबंधन की एकजुटता को लेकर बीच-बीच में उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया है. सोमवार को रवींद्र भवन में जदयू की राज्य परिषद् की बैठक में उन्होंने कहा कि हम महागंठबंधन धर्म का पालन करते […]

महागंठबंधन धर्म का सम्मान, कमी नहीं आने देंगे
पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागंठबंधन की एकजुटता को लेकर बीच-बीच में उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया है. सोमवार को रवींद्र भवन में जदयू की राज्य परिषद् की बैठक में उन्होंने कहा कि हम महागंठबंधन धर्म का पालन करते हैं.
महागंठबंधन को सम्मान देते हैं. हमारी ओर से इसमें कोई कमी नहीं आयेगी. साथ ही उन्होंने दो टूक कहा कि बिहार में कानून का राज है. यही सरकार की यूएसपी है. इससे किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं होगा.नीतीश कुमार ने कहा कि हम कोई भी फैसला अकेले नहीं, बल्कि महागंठबंधन के तीनों दलों (जदयू-राजद-कांग्रेस) के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत और परामर्श से करते हैं. हमने सात निश्चयों की घोषणा कर दी थी, लेकिन बाद में महागंठबंधन का यह एजेंडा बना. शराबबंदी पर भी तीनों दलों के बीच पूरी सहमति बनी. हम तीनों दलों को आश्वस्त करते हैं कि हमारी ओर से महागंठबंधन को कोई दिक्कत नहीं आयेगी. जनादेश के आधार पर काम करते रहे हैं और करते रहेंगे. कानून के राज के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे, कुछ भी हो जाये, कानून अपना काम करेगा. कानून -व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी या कमजोरी नजर नहीं दिखायी देगी. मेरा विश्वास काम करने में है. सुशासन को मजबूत करने के लिए जब तक शक्ति है, लोगों का विश्वास है, काम करते हैं और करते रहेंगे.
कनफुकवा को करें बेनकाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समाज के किसी तबके को छोड़ते नहीं हैं, सबको जोड़ने का काम करते हैं. कुछ ऐसे तत्व सक्रिय रहते हैं, जो किसी मामले को लेकर उम्माद फैलाते रहते हैं. ऐसे लोगों से महागंठबंधन दलों को सचेत रहने की जरूरत है. पर्व-त्योहार शुरू होनेवाले हैं. बहुत कनफुकवा का काम करते हैं. समाज में विभेद, भड़काने की कोशिश करेंगे, उन्हें बेनकाब करें. सामाजिक सौहार्द के लिए काम करें और समाज-देश में कटुता फैलने न दें.
शराबबंदी से बड़ी नहीं हो सकती कोई सहिष्णुता
नीतीश कुमार ने कहा कि समाज में जोड़ने का काम करते हैं, लेकिन बहुत सारे लोग हैं, जो समाज को तोड़ने का काम करते होंगे. असहिष्णुता भी फैलाते हैं. बिहार में गिने-चुने अमीर व पढ़े-लिखे लोगों को छोड़ शराबबंदी से सभी तबका खुश है. इससे बड़ी सामाजिक क्रांति और सहिष्णुता कुछ और नहीं हो सकती है. हमने बिहार के बाद झारखंड, हरियाणा अौर यूपी में भी शराबबंदी को लागू करने को कहा है. इससे क्या नुकसान होगा? सरकार के खाते में इससे राशि नहीं आयेगी, लेकिन शराब के लिए जो जेब से पैसे निकल रहे थे, वे तो नहीं निकलेंगे. यह अनैतिक व्यापार है.
इसका नफा कोई मायने नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी का व्यापक असर पड़ा है. कुछ लोग नाराज हैं. एक-दो पैग के चक्कर में सामाजिक माहौल बना है, उसे बिगड़ने तो नहीं देंगे. शराबबंदी कानून में जो कमियां थीं, उन्हें दूर किया गया है और दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन उसे लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कहा शराबबंदी कर हमने पुण्य का काम किया, तो उल्टे हम पर दोषारोपण कर रहे हैं, जैसे मैंने कोई पाप किया है. लोग कहने लगे कि यह तालीबानी व ड्राइकोलियन कानून है. हमने जब इसका विकल्प पूछा, तो कुछ नहीं बताया. उनती को राजनीति में कथनी और करनी में फर्क है. बिहार विधानमंडल में संकल्प लिया कि शराब नहीं पीयेंगे और लोगों को नहीं पीने के लिए प्रेरित करेंगे, लेकिन बाहर कुछ और बोल रहे हैं. अब कहते हैं, मुझे ही शराबबंदी का नशा चढ़ गया है. ऐसे अमीर-पढ़े लिखे लोग जो सहमत नहीं हैं, पहले स्टेज पर हैं, उन्हें तीसरे स्टेज पर पहुंचाना है. यह कानून तब सफल होगा, जब जनचेतना आयेगी. शराबबंदी को लेकर सोशल कैंपेन चला और आगे भी चलेगा.
गांव में जाकर चेक करें रियलिटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वेबसाइट पर शराबबंदी पर रियलिटी चेक की जो रिपोर्ट आ रही है, वह तथ्य से परे हैं. डेस्क पर बैठे-बैठे लिखने से अच्छा है कि लिखनेवाले अपनी इच्छानुसार किसी गांव में चले जाएं और वहां की रियलिटी चेक करें. आज गांव में जो शांति है. शादी में बरात लगने में अब देरी नहीं होती है. इसका व्यापक असर पड़ा है. अब कोई रिस्क लेकर शराब ला रहा कि 500 का 5000 में बेच देंगे और मुनाफा कमायेंगे, तो पकड़े जाने पर उस पर कार्रवाई भी हो रही है. कानून का जो उल्लंघन करेगा, उस पर कार्रवाई भी होगी.
सीएम ने भाजपा की वादाखिलाफी पर भी जम कर निशाना साधा. कहा कि हम किसी को हवा में तैरने नहीं दे रहे हैं. जो वादा करते हैं, उन्हें निभाना जानते हैं. हम उस तरह के नहीं हैं कि बोलें कुछ और करें कुछ और. शराबबंदी, मानव विकास के बाद सात निश्चयों पर भी पूरी नजर है.
सात निश्चय की योजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं. मंगलवार से हर घर नल का जल, हर घर शौचालय की शुरुआत हो रही है. हर घर बिजली के लिए सर्वे चल रहा है कि कितनों की इसकी जरूरत है. इसके बाद दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता, वेंचर कैपिटल फंड, स्टार्टअप, कौशल विकास की शुरुआत की जा रही है. सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों समेत शिक्षण संस्थानों में फ्री वाइ-फाइ की सुविधा दी जा रही है, जो फरवरी तक पूरी हो जायेगी. हमने जो वादे किये है, उन्हें एक-एक कर पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2005 की सरकार के बाद विधानसभा चुनाव में इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ी थी, जितना उन्हें 2015 सरकार बनने के बाद करना पड़ रहा है. हम अपने वादों और सात निश्चयों को पूरा करने में लगे हुए हैं.

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