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Thursday, March 28, 2024

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#BIHAR : शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 50 साल से अधिक उम्र वाले शिक्षक जबरन किये जायेंगे रिटायर

पटना : बिहार में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और संबंधित जिले के शिक्षा पदाधिकारियों को जबरन रिटायर किया जायेगा. गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में इन पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद […]

पटना : बिहार में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और संबंधित जिले के शिक्षा पदाधिकारियों को जबरन रिटायर किया जायेगा. गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में इन पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में आयोजित समीक्षा बैठक में पांच प्रतिशत से भी कम रिजल्ट देने वाले स्कूलों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों व शिक्षा पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी. इनमें 50 साल से जिनकी उम्र ज्यादा हो चुकी होगी, उन्हें जहां जबरन सेवानिवृत्त कर दिया जायेगा. वहीं 50 साल से कम उम्र वाले शिक्षकों को चेतावनी देकर या फिर वेतन वृद्धि रोक कर छोड़ा जा सकता है. साथ ही दक्षता परीक्षा में तीन बार फेल हो चुके नियोजित शिक्षकों को भी हटाया जायेगा.

समीक्षात्मक बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालयों में अब तक 933 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति कर ली गयी है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि बीपीएससी को प्राथमिकता के आधार पर विषयों का इंटरव्यू लेने को कहा जा सकता है. नयी नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन हो रहा है. विधानमंडल के मॉनसून सत्र में इसके लिए एक्ट लाया जायेगा. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, सचिव आरएच चोंगथू समेत विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.

मुख्य सचिव ने बताया कि हाइ व प्लस टू स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंगरेजी के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में इ-लर्निंग के जरिये स्कूलों में पढ़ाई की जायेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में पैन ड्राइव के जरिये गणित के फॉर्मूले, विज्ञान के सिद्धांत और अंगरेजी के बारे में बताया जायेगा. जब तक शिक्षक नहीं मिलते हैं, इसे चलाया जायेगा और भविष्य में और बेहतर किया जायेगा.

अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक नहीं मिलने में सबसे बड़ी समस्या आ रही है कि एमएससी के साथ बीएड या एमएड किये अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं. केंद्र सरकार से मांग की जायेगी कि जब तक ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तब तक एमएससी पास को ही मौका दें. साथ ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में अगर कोई इंजीनियरिंग पास हैं या सेवानिवृत्त हैं, तो उन्हें भी मौका दिया जायेगा. इसके अलावा बिहार बोर्ड और एससीइआरटी को निर्देश दिया गया है कि वे प्रश्न बैंक तैयार करने को कहा गया है और ऑब्जेक्टिव पर ज्यादा जोर दिया जायेगा, ताकि सीबीएसइ व अन्य बोर्ड की तर्ज पर बिहार बोर्ड के छात्र का भी बेहतर नंबर आ सके.

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