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Friday, March 29, 2024

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इंटर रिजल्ट घोटाला : रूबी टेस्ट में 100% फेल, गिरफ्तार, तीन अन्य टॉपर्स के खिलाफ वारंट

लालकेश्वर का निजी पीए व स्टोरकीपर भी पकड़ाये बेटी व िरश्तेदार को टॉपर बनाने के िलए बच्चा ने लालकेश्वर की पत्नी को िदये थे 15 लाख पटना : इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय को शुक्रवार की शाम पांच बजे बोर्ड ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया गया. वह मेरिट टेस्ट में शामिल होने के लिए […]

लालकेश्वर का निजी पीए व स्टोरकीपर भी पकड़ाये
बेटी व िरश्तेदार को टॉपर बनाने के िलए बच्चा ने लालकेश्वर की पत्नी को िदये थे 15 लाख
पटना : इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय को शुक्रवार की शाम पांच बजे बोर्ड ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया गया. वह मेरिट टेस्ट में शामिल होने के लिए बाेर्ड ऑफिस आयी थी. जैसे ही टेस्ट खत्म हुआ, वैसे ही पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया. वहीं, अन्य तीन टॉपर्स के खिलाफ भी गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है.
पुलिस उन तीनों टॉपर्स और उनके अभिभावकों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. इसके अलावा लालकेश्वर के निजी पीए व बड़े बेटे के साले विकास चंद्रा और बोर्ड के सहायक स्टोरकीपर राम भूषण झा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है.
इंटर रिजल्ट घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने बोर्ड में चार तरह के घोटालों का खुलासा किया. पुलिस ने अब तक छह लोगों को सरकारी गवाह बनाया है और 164 के तहत बयान भी करा लिया है. एसआइटी के प्रभारी व एसएसपी मनु महाराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एफआइआर दर्ज होने के बाद रिजल्ट घोटाले का अनुसंधान शुरू हुआ था, पर जैसे-जैसे कार्रवाई आगे बढ़ी, अन्य घोटालों की कड़ियां भी जुड़ती गयीं. अब तक के अनुसंधान में चार तरह के घोटाले सामने आये हैं. इनमें रिजल्ट, स्कूलों की मान्यता, स्कूलों को अनुदान (मार्क्स फाइल घोटाला), उत्तर पुस्तिका की प्रिंटिंग व अन्य टेंडरों में घपले शामिल हैं.
खास बात यह है कि इसके लिए अलग-अलग दलालाें की फौज खड़ी की गयी थी, जो पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर से सीधे जुड़े थे. प्रिंटिंग घोटाले में लालकेश्वर का दामाद विवेक कुमार और स्कूलों की अनुदानवाली फाइलों में हेरफेर करने में लालकेश्वर के बड़े बेटे का साला व निजी पीए विकास चंद्रा का नाम सामने आ चुका है. विकास चंद्रा गिरफ्तार हो चुका है, जबकि विवेक की तलाश जारी है. विवेक मगध विवि के पूर्व वीसी अरुण कुमार का बेटा है.
रिजल्ट घोटाला : बेटी और रिश्तेदार को टॉपर के लिए बच्चा ने दिये थे 15 लाख
इसमें स्कूल संचालकों से पहले सेटिंग हो जाती थी व उसके हिसाब से परीक्षा केंद्र, विशेष मूल्यांकन केंद्र बनाये जाते थे. इसकी मास्टरमाइंड लालकेश्वर की पत्नी उषा सिन्हा थी. पैसा उसके पास ही पहुंचता था और फिर लालकेश्वर पूरा खेल रचता था. जिनको टॉपर बनाना होता था, उनकी कॉपी मूल्यांकन केंद्र से लालकेश्वर खुद बोर्ड लेकर आता था.
इसके बाद कॉपियों से छेड़छाड़ की जाती थी. इस बार टॉपर के लिए बच्चा राय से सेटिंग हुई थी. बच्चा राय ने उषा सिन्हा को उसके घर जाकर 15 लाख रुपये दिये थे. इसमें उसकी बेटी व दूर के रिश्तेदार को टॉपर बनाना था. पहली सूची में रिश्तेदार काे टॉपर बना दिया गया था, जबकि बेटी को स्क्रूटनी के बाद टॉपर बनाया जाना था.
कॉलेज को मान्यता देने में 1-4 लाख लेती थी उषा :
लालकेश्वर ने बड़ी संख्या में वैसे कॉलेजों को मान्यता दी है, जो मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इसकी भी सेटिंग उषा सिन्हा के माध्यम से होती थी. इसके लिए 1-4 लाख रुपये की वसूली की जाती थी.
इसकी शुरुआत संबंधित जिले के डीइओ के स्तर से होती थी. कॉलेज संचालक की फाइल पर डीइओ इसकी पुष्टि करते थे कि यह कॉलेज मानकों को पूरा करता है और इसे मान्यता दी जा सकती है. इस खुलासे के बाद अब यह तय हो गया है कि जिन कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता दी गयी है, वहां के डीइओ भी फसेंगे. लालकेश्वर ने ऐसे 208 कॉलेजों काे मान्यता दी है, जो जांच के घेरे में हैं. इसमें अजित शक्तिमान, संदीप झा, विकास चंद्रा का बड़ा रोल होता था.
कॉलेजों को अनुदान दिलाने के लिए होता था मार्क्स फाइल घोटाला
2010 में राज्य सरकार ने वित्तरहित कॉलेजों को रिजल्ट के आधार अनुदान देने की घोषणा की थी. इसमें प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी व तृतीय श्रेणी में पास होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से अनुदान मिलता है. इसके लिए बोर्ड काउंसिल में पैसा लिया जाता था और कॉलेजों को अनुदान का लाभ पहुंचाने के लिए गलत तरीके से फेल विद्यार्थियों को प्रथम श्रेणी में पास कराया जाता था. इसमें लालकेश्वर के दामाद विवेक का खास रोल था. वह मथुरा प्रिटिंग प्रेस से एक ही सीरियल नंबर की दो कॉपियां प्रिंट कराता था. इस तरह की करीब 10 हजार कॉपियां छपती थीं. इसके बाद फेल छात्रों को पास कराने के लिए मूल्यांकन केंद्र से कॉपियों को लाकर उनसे छेड़छाड़ की जाती थी.
कॉपियों की प्रिटिंग में गुणवत्ता, नहीं कमीशन देखते थे लालकेश्वर
अनुसंधान के क्रम में बोर्ड में प्रिंटिंग घोटाला भी उजागर हुआ है. टेंडर किसे देना है, यह लालकेश्वर का दामाद विवेक कुमार तय करता था. इसमें सहायक स्टोरकीपर विकास कुमार समेत अन्य लोगों द्वारा संचिका पर टिप्पणी भी की जाती थी.
क्रय समिति की बैठक में भी टिप्पणी की जाती थी कि मथुरा प्रिटिंग प्रेस को टेंडर नहीं देना है. गुणवत्ता की जांच सहारनपुर से करायी गयी थी, उसमें भी मथुरा प्रिंटिंग के खिलाफ रिपोर्ट थी. इसके बावजूद उसी की रेट पर उसे टेंडर दिया गया. इसमें बोर्ड को 80 लाख रुपये का घाटा हुआ है. सही टिप्पणी करने पर विकास चंद्रा व लालकेश्वर के अन्य लोग सस्पेंड कराने की धमकी देते थे.
बॉक्स
तीन टॉपर्स के मार्क्स एक ही थे, पर बनाया गया चौथे को टाॅपर
एसआइटी ने अनुसंधान में साफ किया है कि जिन चार परीक्षार्थियों को टॉपर्स बनाया गया है, सभी के मार्क्स एक ही थे. लेकिन, फर्स्ट टॉपर चौथी वाली को बनाया गया है. वहीं, कोलकाता की प्रोसेसिंग यूनिट की रिपोर्ट में साफ हुआ है कि एक टॉपर, जिसकी कॉपी बाद में गंगा देवी महिला कॉलेज, पटना में मिली, वह परीक्षा में गैरहाजिर थी. इसकी पुष्टि क्रॉस लिस्ट, उपस्थित रजिस्टर व सीसीटीवी फुटेज से भी हो चुकी है.
बोर्ड में चार तरह के घोटालों का खुलासा
रिजल्ट में हेरफेर व टॉपर बनाने का खेल
पहले स्कूल के संचालक से सेटिंग, फिर उषा सिन्हा लेती थी रुपये. इसके बाद लालकेश्वर मूल्यांकन केंद्र से कॉपियां लाकर करते थे छेड़छाड़
अनुदान िदलाने को मार्क्स फाइल घोटाला
फेल विद्यार्थियों को गलत तरीके से प्रथम श्रेणी में पास कराया जाता था. इसमें लालकेश्वर के दामाद विवेक का खास रोल था.
कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता
पहले उषा िसन्हा के माध्यम से सेटिंग. फिर 1-4 लाख की वसूली. संबंधित डीइओ की भी मिलीभगत
कॉपियों की प्रिंटिंग के टेंडर में कमीशन का खेल
प्रतिकूल रिपोर्ट के बावजूद मथुरा प्रिंटिंग को उसी की रेट पर टेंडर, बोर्ड को 80 लाख रुपये का हुआ घाटा
मेरिट टेस्ट में रूबी हुई फेल, रिजल्ट हुआ रद्द
पटना.इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय मेरिट टेस्ट में फेल हो गयी है. शनिवार को बोर्ड ऑफिस में उसका टेस्ट लिया गया. इसके लिए हर विषय के एक्सपर्ट को रखा गया था. लेकिन, रूबी एक्सपर्ट पैनल के सामने टिक नहीं पायी. इसके बाद एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने उसका रिजल्ट रद्द कर दिया.
रूबी को इससे पहले दो बार तीन जून और 11 जून को बोर्ड बुलाया गया था. लेकिन, वह नहीं आयी. 11 जून को भी नहीं आने पर बोर्ड ने 25 जून को उसे अंतिम मौका दिया था व उसके रिजल्ट पर रोक लगा दी गयी थी. रूबी के मेरिट की जांच के लिए चार विषयों के विशेषज्ञों और कदाचार जांच कमेटी के तीन सदस्यों को रखा गया था.
3:05 बजे से 4:55 बजे तक टेस्ट चला. हर विषय के एक्सपर्ट ने लगभग 15 मिनट का समय लिया. इस दौरान एक्सपर्ट ने रूबी से वहीं प्रश्न पूछे, जो परीक्षा में पूछे गये थे. लेकिन किसी भी विषय में रूबी एक भी प्रश्न का जवाब सही नहीं दे पायी. अधिकतर प्रश्न पर या तो वो चुप रही या फिर गलत उत्तर दिया. एक्सपर्ट्स की मानें, तो रूबी टेस्ट में 100% फेल रही.
– हैंडराइटिंग पर शक, होगी फोरेंसिक जांच
रूबी की हैंडराइटिंग में भी अंतर पाया गया है. इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिका और शनिवार को लिखवाये गये उत्तर से जब उसकी हैंडराइटिंग का मिलान किया गया, तो उसमें अंतर पाया गया.
अब उसकी हैंडराइटिंग की फोरेंसिक जांच करवायी जायेगी.
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी को शनिवार को पक्ष रखने के लिए मौका दिया गया था. वह समय से आयी. लेकिन, एक्सपर्ट द्वारा पूछे गये अधिकतर प्रश्नों का उत्तर उसने गलत दिया. जबकि सारे प्रश्न वही थे, जो परीक्षा में पूछे गये थे. एक्सपर्ट की रिपोर्ट और जांच के आधार पर उसका रिजल्ट रद्द कर दिया गया है.
एक्सपर्ट के तौर पर हिंदी से विनोद कुमार मंगलम, पाेलिटिकल साइंस से डाॅ रवींद्र कुमार वर्मा, इंगलिश से डाॅ शिवेश रंजन, भूगोल से डाॅ राजीव रंजन सिन्हा, गृह विज्ञान से प्रो वंदना सिंह मौजूद थी. कदाचार जांच कमेटी की ओर से वाल्मीकि प्रसाद, गोविंद झा और राजराम प्रसाद मौजूद थे.
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