Advertisement
बिहार : लावारिस को पालनेवाली माताओं को मिलेगा ”मां” का कानूनी हक!
पटना : प्रदेश की ऐसी 61 माताओं के लिए खुशखबरी है, जिन्होंने किसी और के ‘लाल’ को अपने ‘कलेजे’ से लगाकर रखा है. संतान समझकर उसका भरण-पोषण कर रही हैं. इन माताओं को उन बच्चों की मां कहलाने का कानूनी हक दिलाने के लिए बिहार सरकार ने कदम आगे बढ़ाया है. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो […]
पटना : प्रदेश की ऐसी 61 माताओं के लिए खुशखबरी है, जिन्होंने किसी और के ‘लाल’ को अपने ‘कलेजे’ से लगाकर रखा है. संतान समझकर उसका भरण-पोषण कर रही हैं. इन माताओं को उन बच्चों की मां कहलाने का कानूनी हक दिलाने के लिए बिहार सरकार ने कदम आगे बढ़ाया है. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्दी ही इसे हरी झंडी मिल जायेगी.
लावारिस मिले बच्चों को बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किये किसी न किसी परिवार को देने के कई मामले सामने आये हैं. दरअसल, पुलिस के स्तर से इस तरह की चूक बड़े पैमाने पर हुई है.
नियमानुसार बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करने के बाद ही बच्चे को तात्कालिक रूप से किसी के सुपुर्द किया जा सकता है. परंतु कई केस ऐसे सामने आये कि नियमों की जानकारी के अभाव में पुलिस ने लावारिस मिले बच्चों को देखभाल के लिए किसी न किसी को सौंप दिया.
करीब 61 बच्चे ऐसे हैं, जिनके मां-बाप मिले ही नहीं. भारत सरकार को इस बाबत पूरी रिपोर्ट भेजी गयी है. गुजारिश की गयी है कि इन माताओं को कानूनी मां कहलाने का हक दे दिया जाये. समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव सुनील कुमार ने बताया कि लावारिस मिलने वाले बच्चों के मामले में प्रक्रिया पूरी करने को लेकर पुलिस विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
Advertisement