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शारदीय नवरात्र : आकार लेने लगे पंडाल, रोशन होने को शहर है तैयार

मां दुर्गा के अागमन के पहले सजने लगी राजधानी, पूजा पंडालों को दिया जा रहा अंतिम रूप, लाईटों से होगा जगमग पटना : राजधानी के सभी मंदिरों, पूजा पंडालों में मां आदिशक्ति का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है. प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार हो रही है. पंडालों को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया […]

मां दुर्गा के अागमन के पहले सजने लगी राजधानी, पूजा पंडालों को दिया जा रहा अंतिम रूप, लाईटों से होगा जगमग
पटना : राजधानी के सभी मंदिरों, पूजा पंडालों में मां आदिशक्ति का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है. प्रतिमाएं सज-धज कर तैयार हो रही है. पंडालों को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया है. शहर के सड़कें भी बिजली के रंग-बिरंगे बल्बों से जगमग करने लगी है. अब बस इंतजार मां के आगमन का है.
डाकबंगला चौराहा से लेकर कोतवाली मोड़ तक सड़क को बिजली के रंग-बिरंगे बल्बों से कोलकाता के कुशल कलाकारों द्वारा सजाया जा रहा है.
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए कोतवाली मोड़ पर विशाल तोरणद्वार बनाया जा रहा है. पूरा बोरिंग रोड जगमग करने लगा है. पंत भवन लेकर राजापुर पुल तक बोरिंग कैनाल रोड में सुंदर सजावट की तैयारी पूरी हो गयी है. कदमकुआं में ठाकुरबाड़ी रोड, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, चुड़ी मार्केट, दरियापुर ब्रह्मास्थान, मछुआटोली, नाला रोड, बेली रोड में राजाबाजार, शेखपुरा, खाजपुरा एवं रुकनपुरा में भव्य सजावट लोगों का मन मोहेगी.
27 को सुबह 9:40 से देर शाम तक खुलेगा पट
यदि मुहूर्त की बात करें तो 27 सितंबर सप्तमी तिथि को सुबह 9.40 बजे से देर शाम तक माता रानी के पट खुलने का शुभ मुहूर्त है. पटना के पंडालों में भी इसका विशेष पालन किया जायेगा. आचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जातक को हर मुश्किल से छुटकारा मिल जाता है. सभी को मां की कृपा पाने के लिए नवरात्र में पूजा अवश्य करनी चाहिए.
श्रीकृष्णापुरी पूजा पंडाल का पट 27 को खुलेगा
पटना. श्रीकृष्णापुरी पूजा पंडाल का पट 27 सितंबर को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खोलेंगे . वे मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करेंगे. इस समय पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद रहेंगे. यह जानकारी पूजा समिति के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने दी.
सिद्धियों की प्राप्ति के लिए साधकों ने की मां चंद्रघंटा की आराधना
आज शारदीय नवरात्र के चौथे दिन होगी मां कूष्मांडा की पूजा
पटना. नवरात्र की तृतीया तिथि को मां आदिशक्ति दुर्गा के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा माता की पूजा की गयी. माता के इस स्वरूप में मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होता है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है.
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन इनकी पूजा-अर्चना पूरे विधि विधान से संपन्न हुई. दुर्गा सप्तशती के अनुसार इससे साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होनेवाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. मां चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों को भौतिक, आत्मिक, आध्यात्मिक सुख और शांति मिलती है. उपासना से घर-परिवार से नकारात्मक ऊर्जा यानी कलह और अशांति दूर होती है.
मां शेर पर प्रसन्न मुद्रा में विराजमान होती हैं. दिव्य रूपधारी माता चंद्रघंटा की दस भुजाएं हैं. मां के इन 10 हाथों में ढाल, तलवार, खड्ग, त्रिशूल, धनुष, चक्र, पाश, गदा और बाणों से भरा तरकश है. मां चंद्रघंटा का मुखमंडल शांत, सात्विक, सौम्य किंतु सूर्य के समान तेजवाला है. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा सुशोभित है. मां के घंटे की तरह प्रचंड ध्वनि से असुर सदैव भयभीत रहते हैं.
मां चंद्रघंटा का स्मरण करते हुए साधकजनों ने अपना मन मणिपुर चक्र में स्थित किया. आचार्य श्रीपति त्रिपाठी कहते हैं कि मां चंद्रघंटा नाद की देवी हैं. मां चंद्रघंटा की कृपा से स्वर इतना मधुर होता है कि हर कोई उसकी तरफ खिंचा चला आता है. आज मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा संपन्न होगी.

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