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गंगा व कोसी में फिर उफान : 24 घंटे में दीघाघाट पर गंगा का घटेगा जल स्तर, भागलपुर में बढ़ेगा

पटना : राज्य में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. 24 घंटे पहले डाउन फाॅल पर जा रही प्रदेश की प्रमुख नदियों में बुधवार को फिर उफान आया. गंगा मोकामा को छोड़ शेष सभी जगहों पर खतरे के निशान से 68 से 161 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. गंगा, बूढ़ी गंडक और […]

पटना : राज्य में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. 24 घंटे पहले डाउन फाॅल पर जा रही प्रदेश की प्रमुख नदियों में बुधवार को फिर उफान आया. गंगा मोकामा को छोड़ शेष सभी जगहों पर खतरे के निशान से 68 से 161 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. गंगा, बूढ़ी गंडक और कोसी के उफान को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण कोषांग ने पटना, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया और कटिहार में सतर्कता बढ़ा दी है.
अगले 24 घंटे में दीघाघाट पर गंगा के जल स्तर में छह सेंटीमीटर कमी आने, जबकि बक्सर, मुंगेर, भागलपुर में छह से 16 सेंटीमीटर तक वृद्धि की संभावना है. भागलपुर प्रमंडल के कई जिलों में स्थिति भयावह बनी हुई है. भागलपुर शहर के कई इलाकों में गंगा का पानी फैल गया है. पटना, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर व मुंगेर में नेशनल हाइवे और राजकीय पथों पर तीन फुट से अधिक पानी बह रहा है. इसके अलावा जिलाें की अधिकतर सड़कों पर बाढ़ का पानी फैला हुआ है. पटना से भागलपुर को जोड़नेवाले एनएच- 80 पर पानी का दवाब बना हुआ है. बाढ़ के कारण अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है.
बुधवार को सिर्फ सीवान में घाघरा का उफान थमा रहा. वह खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर नीचे बह रही थी, हालांकि, बूढ़ी गंडक और कोसी 24 घंटे में डेंजर लेबल से 12 सेंटीमीटर तक ऊपर पहुंच गयी हैं. खगड़िया में कोसी 24 घंटे पहले खतरे के निशान के बराबर पहुंच गयी थी. बुधवार को वह 12 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गयी है. अगले 24 घंटे में खगड़िया में बूढ़ी गंडक का जल स्तर बढ़ने, जबकि बलतारा व कुरसेला में कोसी के जल स्तर में कमी की आने की संभावना है.
बिहार में तो बुधवार को बारिश तो नहीं हुई, लेकिन नेपाल की सीमा क्षेत्र में आठ से 46 मिलीमीटर बारिश हुई. इसने भी नदियों में उफान लाने में बड़ी भूमिका निभायी है.
पटना और वैशाली जिलों के दियारा इलाकों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. बाढ़ग्रस्त 12 जिलों के लगभग 55 से 60 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है. राहत और बचाव में एनडीआरएफ की चार और टीमें सहित कुल 21 टीमों को लगाया है. बड़ी संख्या में लोगों का राहत शिविरों में आना जारी है. पीड़ितों के लिए अब तक 179 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है. इन शिविरों में 1.10 लाख से अधिक बाढ़पीड़ितों ने शरण ली है.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ चलाया जा रहा है. राहत शिविरों में दिन और रात में भोजन के साथ ही सुबह के नाश्ते में चूड़ा व फूला हुआ चना देने की व्यवस्था की गयी है.
कुछ शिविरों में सुबह के नाश्ते की व्यवस्था नहीं हो पायी थी, वहां उसका प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत शिविरों में आनेवाले लोगों को स्टील का बरतन देने को कहा गया है और मुख्यमंत्री राहत कोष में भी इसका प्रावधान कर दिया गया है. साथ ही राहत शिविरों में न्यूनतम जो भी जरूरतें हैं, उनके अनुसार कपड़े भी दिये जायेंगे. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी डीएम को इसका निर्देश भी दिया है. उन्होंने कहा कि एक-एक चीज पर सरकार की नजर है और जहां से लोगों को निकालना है, वहां से उन्हें हटाया जा रहा है. एक-एक चीज की जानकारी ली जा रही है और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव भी नियमित समीक्षा कर रहे हैं.
नहीं महसूस किया भूकंप का झटका : मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भूकंप का झटका महसूस नहीं हुआ. मैं 1, अणे मार्ग स्थित पहली मंजिल पर बैठ कर काम कर रहा था. भूकंप की जानकारी होने के बाद सभी जगहों से रिपोर्ट मंगायी जा रही है कि किसी प्रकार के नुकसान या क्षति की कोई घटना तो नहीं घटी.
पटना. पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार में बाढ़ की जानकारी मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह से ली. मुख्य सचिव के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने बाढ़ से हो रही परेशानी और राहत व बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी ली. कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री बिहार में आधार कार्ड को लेकर हुई प्रगति की जानकारी लेनेवाले थे. मुख्य सचिव उन्हें इस मामले में जानकारी भी दी, पर पीएम ने मुख्य सचिव से बाढ़ के बारे में ही ज्यादातर सवाल किये. मुख्य सचिव ने पीएम को बाढ़ से हुई क्षति और राहत व बचाव कार्य के बारे में बताया.
गंगा टावर का निर्माण अवैध, होगी कार्रवाई : मंत्री
पटना : बाढ़ का पानी घुसने को लेकर सुर्खियों में आये गंगा टावर के निर्माण को नगर विकास व आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने अवैध बताया है. उन्होंने कहा कि इसे बनानेवाले बिल्डर और इसके निर्माण का आदेश देनेवाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी. टावर में सीवर लाइन गंगा में निकाल दी गयी है.
इसको लेकर भी कार्रवाई होगी. सभी मामलों की उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी और जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई होगी. मालूम हो कि टावर के परिसर में गंगा का पानी आने से यहां के लोगों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया था.
बाढ़ के कारण कटी है अपार्टमेंट की बिजली
अपार्टमेंट में लगभग 100 फ्लैट हैं. बाढ़ के कारण मंगलवार तक सभी फ्लैटों की बिजली काटी गयी थी. लेकिन, बुधवार को अाधे फ्लैटों की बिजली को बहाल कर दिया गया. नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद ने बताया कि अब गंगा का पानी अपार्टमेंट में नहीं आ रहा है. सभी आउटलेट को सील कर दिया गया है. लेकिन, बगल के नाले और अपार्टमेंट के घरों का पानी ड्रेनेज संरचना खराब होने के कारण अपार्टमेंट में लगा है. इसके साथ ही अब नगर निगम ने अपार्टमेंट से पानी निकालना बंद कर दिया है. वहां लगे तीन मोटरों में से दो को नगर निगम ने हटा लिया है.
दो माह पहले ही नगर निगम में जुड़ा है क्षेत्र
अपार्टमेंट मैनपुरा क्षेत्र में आता है, जो पहले से पंचायत क्षेत्र में था. अब पांच पंचायतों को नगर निगम में जुड़ने की कार्रवाई के तहत इस क्षेत्र को भी नगर निगम ने दो माह पहले अपने क्षेत्र में लिया है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह बताते है कि चूंकि पहले से मामला नगर निगम के क्षेत्र से बाहर था, इसलिए निगम के पास बहुत अधिक जानकारी नहीं है. हालांकि, अब विभाग की ओर से जैसा अादेश आयेगा, उसके मुताबिक कार्रवाई की जायेगी.

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