पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने विपक्ष की ओर मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर आज कांग्रेस और राजदपरजमकर निशाना साधा है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादवकीओर से आज आयोजित इफ्तार पार्टीसेबाहर निकलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा और पूछा कि क्या बिहार की बेटी का चयन हारने के लिए किया गया है. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के साथ मजबूती से खड़े नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाकर बड़ी भूल की है. उन्होंने कहा, मीरा कुमार को हराने के लिए नहीं, बल्किजिताने के लिए उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था.
बता दें कि इससे पहले लालूयादव ने नीतीशकुमार से रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन की अपील की थी.इसीकड़ी में शुक्रवार को सभी की नजरें लालू यादव की इफ्तार पार्टी पर ही टिकी हुईं थीं. इसमें नीतीश-लालू गले तो जरूर मिले, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव पर दोनों की पसंद अलग ही रही. नीतीश ने मीडियासेबातचीत में कहा, मैं मीरा कुमार का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन क्या बिहार की बेटी का चयन हराने के लिए किया गया. जिताने के लिए क्यों नहीं किया गया. नीतीश कुमार ने कहा कि पहले भी दो बार मौका था तबविपक्ष को बिहार की बेटी की याद क्यों नहीं आयी.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बिहार की बेटीका यदि सच में सम्मान करना है तो 2019 में जीत के लिए रणनीति बनाइए और 2022 में बिहार की बेटी को राष्ट्रपति बनाइए. नीतीश कुमार ने कहा कि अभी भी मौका है उन्हें दोबारा सोचना चाहिए. हम लोगों ने हर पहलू पर गौर करके निर्णय लिया है. यह कोईराजनीतिक मुद्दा नहीं है. राष्ट्रपति चुनाव में परिणाम क्या आने वाला है यह सबको पता है. जहां, तक जदयू की बात है पार्टी स्वतंत्र निर्णय लेती है. पिछली बार जब प्रणव मुखर्जी और हामिद अंसारी उम्मीदवार थे तो भाजपा के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी तो मैंने उसकी मुखालफत की थी. एनडीए में रहते हुए हमने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था.
नीतीश ने फिर दुहराया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए वेएनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के साथ हैं. यह उनका सोचा-समझा फैसला है. उन्होंने कहा कि रामनाथ काेविंद ने बिहार के राज्यपाल के रूप में निष्पक्षता के साथ सराहनीय कार्य किया है और अब वे बिहार के राज्यपालसे सीधे राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. यह प्रसन्नता की बात हैऔर इस मुद्दे पर सोच-समझकर जदयू ने उन्हें समर्थन दिया है. भावना स्पष्ट है और बिहार में महागठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मैंने अपने इस फैसले को लेकर पहले ही कांग्रेस और राजद प्रमुख को बता दिया था.
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