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नोटबंदी के बाद बिहार में हुई 70 छापेमारी, कब्जे आया इतना कालाधन !

कौशिक रंजन पटना : आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश भर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आयकर विभाग ने व्यापक अभियान चला रखा है. इसके तहत बिहार में अब तक 70 से ज्यादा सर्च या छापेमारी की जा चुकी है, जिसके दौरान पांच करोड़ कैश बरामद किया गया है. इसमें किसी […]

कौशिक रंजन
पटना : आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश भर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आयकर विभाग ने व्यापक अभियान चला रखा है. इसके तहत बिहार में अब तक 70 से ज्यादा सर्च या छापेमारी की जा चुकी है, जिसके दौरान पांच करोड़ कैश बरामद किया गया है. इसमें किसी तरह की कोई नयी करेंसी शामिल नहीं है, लेकिन बिहार में बोगस या बेनामी बैंक खातों के जरिये काले धन को सफेद करने की जुगत बड़े स्तर पर सामने आयी है.
ऐसे खातों में 150 करोड़ से ज्यादा रुपये जब्त किये जा चुके हैं. इसके अलावा नोटबंदी के बाद बिहार और झारखंड में दो लाख से ज्यादा और एक करोड़ तक जमा वाले 1764 और एक करोड़ से ज्यादा जमा वाले 1785 संदिग्ध खातों को पहले से ही चिह्नित कर लिया है. इनमें से जिन खातों में ज्यादा बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है, उनकी जांच सिलसिलेवार तरीके से की जा रही है.
अब तक करीब एक दर्जन ऐसे बड़े खातों की जांच की गयी है. इनमें गया के मोती बाबू और पटना के पूर्व एमएलसी और आवामी सहकारिता बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद खाते भी शामिल हैं. इन दोनों ने 70 के आसपास बेनामी बैंक खातों का उपयोग करके अपने काले धन को सफेद किया है. जांच के दौरान मोती बाबू का हवाला कनेक्शन नयी दिल्ली के कुख्यात हवाला कारोबारी जैन बंधु से भी होने का खुलासा हुआ है. इन दोनों मामलों में मनी लॉड्रिंग या मनी ट्रेलिंग (दूसरे का खाता बिना जानकारी के उपयोग करके काले धन को सफेद करना) की बात सामने आने पर आयकर विभाग ने पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई करने के लिए इडी (प्रवर्तन निदेशालय) को केस ट्रांसफर किया है.
बेनामी बैंक खातों से उलटफेर के मामले ज्यादा
नोटबंदी के बिहार के भ्रष्टाचारियों ने काले धन को सफेद करने के लिए सीधे तौर पर बैंक से एक्सचेंज करने के बजाय काले धन की ट्रेलिंग के मामले सबसे ज्यादा सामने आये हैं. दूसरे के बैं खातों, खासकर जनधन खातों में काले धन को डाल कर उसे सफेद करने की कोशिश की गयी है. संबंधित खातेदारों की जानकारी के बिना ही मजदूरों या जनधन के खातों में रुपये डाल कर फिर से इन्हें निकालने का खेल बड़े स्तर पर राज्य में चल रहा है. कई मामलों में बैंकों की भी मिलीभगत सामने आयी है. काले धन को कैश के रूप में बदलने के मामले राज्य में काफी कम ही सामने आये हैं. अब तक पांच करोड़ रुपये ही जब्त किये गये हैं.
नोटबंदी के पूरे देश में 1100 छापेमारी
नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने पूरे देश में 1100 छापेमारी की है. इस दौरान 600 करोड़ रुपये जब्त किये गये हैं. 115 करोड़ रुपये सिर्फ नयी करेंसी है.
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