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नेपाल भूकंप: मरने वालों की संख्‍या 5000 के पार, 84 घंटे बाद युवक को मलबे से जिंदा निकाला गया

काठमांडू/नयी दिल्ली:नेपाल में फंसे भारतीयों को लाने का लगातार प्रयास जारी है.बुधवार सुबह एयर इंडिया का विमान नेपाल से 314 लोगों को लेकर दिल्ली पहुंचा. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विमान में 7 भारतीयों के शव भी हैं. वहीं दूसरी ओर भूकंप के 84 घंटे बाद एक युवक को मलबे से जिंदा निकाला गया है. […]

काठमांडू/नयी दिल्ली:नेपाल में फंसे भारतीयों को लाने का लगातार प्रयास जारी है.बुधवार सुबह एयर इंडिया का विमान नेपाल से 314 लोगों को लेकर दिल्ली पहुंचा. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस विमान में 7 भारतीयों के शव भी हैं. वहीं दूसरी ओर भूकंप के 84 घंटे बाद एक युवक को मलबे से जिंदा निकाला गया है. इस युवक को इलाज के लिए फौरन अस्पताल भेज दिया गया. घटना गोंगबू इलाके की है.आज सुबह तक प्राप्त जानकारी के अनुसार मरने वालों की संख्‍या 5057 तक पहुंच चुकी है. नेपाल में तीन दिन का राष्‍ट्रीय शोक घोषित किया गया है.

एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने कहा कि हमारा फोकस सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर है. हमने अभी तक 11 लोगों को जिंदा मलबे से बाहर निकाला है. हमें 84 शवों को मलबे से बाहर लाने में सफलता मिली है. कल हमने मलबे से एक महिला का शव निकाला जो पिछले 36 घंटे से मलबे में दबी हुयी थी.

मंगलवार कोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप प्रभावित नेपाल की मदद के लिए हर संभव कदम उठाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी और कहा कि त्रासदी की इस घडी में वह अकेला नहीं है. इधरनेपाल में जलजले के बाद राहत व बचाव अभियान यद्ध स्तर पर जारी है, जिसमें भारतीयों के साथ अन्य देशों की एजेंसियां भी मदद कर रही हैं. भारत ने भूकंप की वजह से भयंकर तबाही झेलन वाले नेपाल में अपने राहत एवं बचाव अभियान में एनडीआरएफ की छह और टीमें लगा दीं.इस आपदा के चौथे दिन चार और टीमें राहत एवं बचाव अभियान में लगाए जाने के साथ ही नेपाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों की संख्या बढकर 16 हो गयी हैं. दस टीमें पहले से ही वहां पिछले कुछ दिनों से बचाव अभियान में जुटी हैं. हर एनडीआरएफ टीम में करीब 45 कर्मी हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से करीब 50,000 गर्भवती महिलाओं के प्रभावित होने की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या गतिविधि कोष की शुरुआती अनुमान से संकेत मिलता है कि करीब 50,000 गर्भवती महिलाएं जीवित बचे लोगों में शामिल हो सकती है. उसने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं की जरुरत है.

10000 के मरने की आशंका : कोइराला

तबाही के चार दिन बाद भी मंगलवार की सुबह नेपाल फिर से कांपा उठा. तड़के एक घंटे के अंदर दो झटके महसूस किये गये. पहला झटका सुबह 4 बज कर 10 मिनट पर व दूसरा 5 बज कर 5 मिनट पर आया. अब तक नेपाल में मरनेवालों की संख्या 5000 के आसपास पहुंच गयी है व घायलों की संख्या 10 हजार के आसपास. नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने कहा है कि मौतों का आंकड़ा 10 हजार के पार जा सकता है. वहीं, अन्य संस्थाओं के अनुसार मरनेवालों की संख्या 15 हजार से ऊपर हो सकती है. मंगलवार को बारिश के कारण राहत कार्य बाधित हुआ.

विशेषज्ञों की कमी से मदद में देरी

नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने एक सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार लोगों तक राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास को लेकर बेहद संवेदनशील है. लोगों से रक्तदान करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार बड़ी संख्या में पीड़ितों को टेंट, दवाएं, भोजन और पेयजल उपलब्ध कराने के साथ -साथ स्वयंसेवक दलों को भी राहत कार्यो के लिए भेज रही है. देश को बाहर से अच्छी मदद मिल रही है लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण प्रभावितों को ठीक से सहायता नहीं पहुंच पा रही है.

दहला रहा नेपाल का दृश्य

जैसे-जैसे मलबा हटाया जा रहा है, मरने वालों की तादाद में इजाफा होता जा रहा है. लोग मलबे में दबे अपने परिजन के जिंदा होने की उम्मीद भी खो रहे हैं. बीते चार दिनों में मलबे से हजारों शव निकाले जा चुके हैं. राजधानी की सड़कों पर कतार में पड़े शवों की फोटोज दिल दहलाने वाली हैं. परिजन पर शवों को अंतिम संस्कार करने का दबाव है. इसके लिए लकड़ी की कमी होने लगी है. एक शव के दाह-संस्कार के लिए 250 किलोग्राम लकड़ी की जरूरत पड़ती है.

‘ऑपरेशन मैत्री’ का दायरा बढ़ा

एनडीआरएफ और भारतीय वायुसेना के दल युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चला रहे हैं. रक्षा सचिव आर के माथुर ने कहा कि भारतीय सेना के हेलीकॉप्टरों ने काठमांडू के बाहर प्रभावित इलाकों में उड़ान भरी. एक एएन-32 विमान पोखरा में उतरा. विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि सड़कों से बड़े पैमाने पर लोगों को लाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. पहले चरण में 80 बसों में करीब 4,000 भारतीय मंगलवार की रात भारत पहुंचे. गृह सचिव एल सी गोयल ने कहा कि राहत और बचाव के लिए मंगलवार को राहत सामग्री लेकर कई बसें और ट्रक भी काठमांडू पहुंचे हैं. इसके अलावा भारत ने अब तक अस्थायी अस्पताल, भोजन, पानी, दवाएं, तलाशी व बचाव दल, बिजली की आपूर्ति बहाल करने वाले दल, इंजीनियरों की दो टीमें, राशन और जरुरी दवाएं उपलब्ध करवाई हैं.

अभियान को सराहा

नेपाल के प्रधानमंत्री कोइराला ने भारत की ओर से चलाये जा रहे राहत एवं बचाव अभियान के लिए आभार व्यक्त किया. भारतीय राजदूत रंजीत राय ने अब तक के अभियान की जानकारी उन्हें दी.

70 पर्वतरोहियों को बचाया

सेना के डॉक्टर मेजर रितेश गोयल ने माउंट एवरेस्ट आधार शिविर पर 70 पर्वतरोहियांे का न केवल प्राथमिक उपचार किया, बल्कि की जख्म से पीड़ित आठ लोगों को 14 घंटे तक संभाला. सेना के पर्वतारोहण दल ने अबतक अन्य देशों के 19 पर्वतारोहियों को बचाया है.

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