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जब किसाने परेशान थे, तब कहां थीं सोनिया गांधी : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ओला एवं अतिवृष्टि प्रभावित मध्यप्रदेश के नीमच जिले के दौरे से एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी यात्र का स्वागत करते हुए कहा है कि पिछले कुछ सालों, विशेषकर संप्रग सरकार के दौरान जब प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से किसान परेशान रहे, तब वह कहां […]

भोपाल : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ओला एवं अतिवृष्टि प्रभावित मध्यप्रदेश के नीमच जिले के दौरे से एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी यात्र का स्वागत करते हुए कहा है कि पिछले कुछ सालों, विशेषकर संप्रग सरकार के दौरान जब प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से किसान परेशान रहे, तब वह कहां थीं.

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मध्यप्रदेश के ओला एवं अतिवृष्टि प्रभावित किसानों का हालचाल जानने कल नीमच पहुंच रही हैं.मुख्यमंत्री चौहान ने आज कहा, ‘‘वह हमारी मेहमान हैं, इसलिए मध्यप्रदेश में उनका स्वागत है. लेकिन वह तब कहां थीं, जब पिछले साल विशेषकर संप्रग सरकार के कार्यकाल में मध्यप्रदेश पर इससे कहीं अधिक बडी प्राकृतिक आपदा आई थी और किसान बेहद परेशान थे’’.
उन्होने कहा, ‘‘जब संप्रग सरकार सत्ता में थी, तब ऐसी ही प्राकृतिक आपदा के वक्त हमें फसलों को हुए नुकसान की तुलना में बेहद कम मुआवजा दिया गया और केंद्र ने अपनी मदद को उचित ठहराने के लिए कई नियमों का हवाला दिया था’’.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले साल ऐसी ही आपदा के दौरान मध्यप्रदेश ने अपने किसानों को मुआवजे के तौर पर लगभग 5487 करोड रुपये वितरित किए, जिसमें 3300 करोड रुपये राहत और 2187 करोड रुपये फसल बीमा के थे. हमारे अलावा अन्य कोई राज्य ऐसा नहीं है, जिसने आपदाग्रस्त अपने किसानों को इतना पैसा राहत-मुआवजा के तौर पर दिया हो’’.
उन्होने कहा, ‘‘यहां तक कि किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हमने राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनेक प्रावधानों को शिथिल किया, ताकि हम किसानों को अधिक से अधिक मदद दे सकें.ऐसा देश में इससे पहले कहीं नहीं हुआ’’.
चौहान ने कहा, ‘‘इस साल ओला एवं बेमौसम बारिश से लगभग चार लाख हैक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकडा 35 लाख हैक्टेयर का था लेकिन उस समय सोनिया गांधी, पीडित किसानों का हाल जानने यहां नहीं आईं’’.
उन्होने कहा, ‘‘मुङो समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें अब किसानों की याद क्यों आई है मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के इस कदम को भी उपहासजनक बताया, जिसके तहत उसने विधानसभा का एक दिवसीय सत्र समाप्ति के बावजूद सदन के अंदर चार दिनों तक धरना दिया था उन्होने कहा, ‘‘इस तरह विरोध प्रदर्शन के लिए सदन का उपयोग करना उचित नहीं है और वह भी तब जब सत्रवसान हो चुका हो आश्चर्यजनक तो यह भी रहा कि पीडित किसानों की जिन मांगों को लेकर कांग्रेस विधायक धरना दे रहे थे, उन्हें सरकार पहले ही पूरा कर चुकी थी’’.
उल्लेखनीय है कि गत 24 मार्च को एक दिन के लिए बुलाया गया विधानसभा का विशेष सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेसी विधायकों ने चार दिन तक सदन के अंदर धरना दिया था और उनकी कतिपय मांगों पर सरकार से कोई आश्वासन मिले बिना धरना उठा लिया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस धरने के पीछे कोई तार्किक वजह नहीं थी और जिस तरह यह धरना दिया गया, उससे कांग्रेस के हमारे साथियों ने सदन की पवित्रता एवं संसदीय परंपराओं का माखौल उडाया है’’.

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