एक विशेष एनआइए अदालत ने आज वर्ष 2008 मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जमानत याचिका खारिज कर दी. जांच एजेंसी ने पिछले महीने प्रज्ञा सिंह को क्लीन चिट दी थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने उनकी जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था.विशेष न्यायाधीश एसडी तेकाले ने बंद कमरेमें हुई सुनवाई में याचिका खारिज की. अपने आवेदनमें प्रज्ञा ने कहा था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं.
उन्हाेंने कहा था कि विस्फोट में प्रयुक्त मोटरसाइकिल की मालिक वह थी लेकिन एक गवाह के अनुसार यह फरार आरोपी रामचंद्र कलसांगरा के पास थी.उन्होंने याचिका में कहा कि कुछ गवाहाें के बयान उन्हें फंसाने के लिए प्रयुक्त हुए थे लेकिन बाद में वे पलट गये और उन्होंने महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते द्वारा यातनाएं देने की शिकायत की थी.
इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए 13 मई को दायर अपने आरोपपत्र में प्रज्ञा और पांच अन्य के खिलाफ सभी आरोप हटा लिये थे.विस्फोटमें घायल निसार अहमद सैयद बिलाल ने हस्तक्षेप याचिका दायर करके उनकी याचिका का विरेाध किया था.
गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में सात लोग मारे गये थे.
मालेगांव हमले में पीड़ित परिवारों ने साध्वी प्रज्ञा का जमानत याचिका का विरोध किया था.पीड़ितों के वकील वहाब खान ने कहा कि अदालत ने इस मामले में एक स्वतंत्र नजरिया पेश किया और एनआइए केनो ऑब्जेक्शन को खारिज कर दिया.उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर से मकोका नहीं हटाया जायेगा.
साध्वी प्रज्ञा के परिवार वालों ने कहा है कि वे इस मामले में अब हाइकोर्ट में अपील करेंगे.