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प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट सिटी परियोजना की शुरुआत की, कहा – गरीबी को पचाने की ताकत शहर में

पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पुणे में स्मार्ट सिटी परियोजना का शुभारंभ किया. इसके साथ ही पहले चरण में चुने गये 20 शहरों में स्मार्ट सिटी योजना पर काम शुरू हो जायेगा. प्रधानमंत्री द्वारा परियोजनाओं का शुभारंभ किये जाने के अवसर पर पहले बैच के समस्त 20 स्मार्ट शहरों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के […]

पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पुणे में स्मार्ट सिटी परियोजना का शुभारंभ किया. इसके साथ ही पहले चरण में चुने गये 20 शहरों में स्मार्ट सिटी योजना पर काम शुरू हो जायेगा. प्रधानमंत्री द्वारा परियोजनाओं का शुभारंभ किये जाने के अवसर पर पहले बैच के समस्त 20 स्मार्ट शहरों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा गया.

स्मार्ट सिटी परियोजना की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मराठी में की. प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि हमारे देश में पहले काम नहीं होता था लेकिन इसके बावजूद भी कई देश हमारे बाद आजाद होने वाले, आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी कम समय में हमसे आगे निकल गये. मैं लगातार यह सवाल अपने आप से पूछता रहता हूं, सोचता रहता हूं. मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि हम सबसे स्मार्ट देश का नागरिक है.

देश में गरीब और पिछड़ों की प्रतियोगिता थी अब आगे जाने की कोशिश

हमारा देश ऐसा है कि सड़क के इस तरफ काम हो तो दूसरी तरफ के लोग आंदोलन करते हैं कि इस तरफ क्यों नहीं. जिन शहरों को चुना गया वो हमने नहीं चुना वो उनकी मेहनत है. वसुंधरा जी ने हमें धन्यवाद दिया,मैं कहता हूं हमें धन्यवाद नहीं दें,जयपुर, उदयपुर केनागरिकों कोदें. नागरिकों में यह इच्छा जगी है कि हमारा शहर भी नंबर एक होना चाहिए.

गरीबी को पचाने की ताकत शहर में

देश में गरीब और पिछड़ों की प्रतियोगिता थी अब आगे जाने की कोशिश है. किसी शहर के विकास का खाका दूसरे शहर में बैठकर नहीं बनाया जा सकता. पहले योजना के नाम पर केंद्र से पैसे आते थे तब लगता था कि कुछ हुआ, लेकिन स्वच्छता इतनी लोकप्रिय हुई कि यह अभियान सबसे सफल रहा. पहले शहरीकरण को एक समस्या समझा जाता था हम क्यों ना इसे अवसर समझें. हम अपने शहर को लेकर अभी से सोचना शुरू करेंगे तो यह एक अवसर में बदल जायेगा. हम मानें या ना मानें शहर में वो ताकत होती है जिसके ऊपर हमारे आर्थिक क्षेत्र के लोग ग्रोथ सेंटर के रूप में देखते हैं. अगर गरीबी को पचाने की ताकत किसी में है तो शहर में है. गरीबी से निकलकर लोग शहर आते हैं और कमाते हैं. हमें यहां शहर को और मजबूत करना है ताकि ज्यादा गरीबी पचा सकें.

सरकार का एक लाख करोड़ रुपया बचेगा

हर शहर को इमारतों से रास्तों से नापा नहीं जा सकता. हर शहर की अपनी खूबसूरती होती है. जयपुर ने नाइट वॉक की एक योजना बनायी है. इसके लिए उन्हें नयी व्यवस्था करनी होगी. बिजली का इंतजाम करना होगा इसका मतलब है कि शहर अब रात को भी जागेगा. शायद ही कोई भारतीय महिला होगी जिसको बनारसी साड़ी का पता नही होगा. एलईडी अभियान का लक्ष्य पूरा हो गया तो सरकार का एक लाख करोड़ रुपया बचेगा. इससे बिजली भी बचेगी. कूड़े से उर्वरक बनाया जायेगा. इसको खरीदने के लिए भी सरकार किसानो को सब्सिडी देगी. कैमिकल उर्वरकसे जमीन खराब होगी.

सबको पीने का पानी मिले, बिजली मिले

पानी की समस्या इतनी है कि अब हम क्रिकेट खेल नहीं खेल सकते. अरे मैच नहीं होगा तब भी मैदान को हरा रखने के लिए पानी देते हैं. मीडिया ने इस बढ़ावा दिया और देश के लोगों ने मान लिया. मकान मिलते ही लोग घर की चिंता करते हैं. परदे नहीं खरीद सकते तो साड़ी का परदा बनाते हैं. घर के बाहर एक कपड़ा रख देते हैं ताकि लोग आयें तो पैर साफ करके आयें. मैं देश के सभी लोगों को चुनौती देता हूं स्वच्छता की स्पर्धा, स्मार्ट सिटी में आना होगा सब स्पर्धा से होगा. स्मार्ट शब्द से कुछ लोग हैरान हो जाते हैं उन्हें लगता है कि कुछ अलग होने जा रहा है ऐसा कुछ नहीं है मेरी कोशिश है कि सबको पीने का पानी मिले, बिजली मिले.

वेंकैया नायडू ने क्या कहा

हम बहुत पहले से विकास की बात सुनते रहे हैं. स्मार्ट का क्या मतलब है, यह नहीं है कि दिखने में स्मार्ट हो. स्मार्ट सिटी का मतलब लोगों के जीवन को आसान बनाना है. वेंकैया ने यहां पुणे शहर की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस शहर में कई खूबियां हैं इसलिए इस शहर से स्मार्ट सिटी परियाजना की शुरुआत हो रही है.

यह प्रधानमंत्री का सपना है कि शहरों को स्मार्ट बनाया जाए और उन्होंने हमें यह जिम्मेदारी दी. जिन शहरों को चुना गया है वहां के लोगों में गजब की जागरूकता है. पहले लोगों के मन में यह था कि सब काम सरकार करेगी और हम बैठेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के सहयोग के बगैर देश आगे नहीं बढ़ेगा. इसलिए प्रधानमंत्री ने नारा दिया टीम इंडिया का. देश के लोगों को हमें रास्ता दिखाना पड़ेगा. यह सिर्फ एक शुरुआत है कई शहरों को और जोड़ा जाना है. प्रधानमंत्री कई क्षेत्रों में देश को आगे ले जाना चाहते हैं. जबतक अंतिम लाइन में खड़े लोगों का विकास नहीं होगा देश का विकास नहीं होगा. गरीब लोगों को मकान, रोजगार जैसे सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी. पहले मैं वाजपेयी के सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री था लेकिन फिर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपके कार्यकाल में जो लोग शहर आये अब उनकी देखभाल करो. अब मैं शहरी विकास मंत्री हूं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीसने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही विजन था कि उन्होंने गांवों के विकास के साथ शहरों के विकास पर जोर दिया. उन्होंने गांव से शहर आकर काम कर रहे लोगों की चिंता की और शहरों के विकास पर पूरी तरह सोच कर विचार कर उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना की परिकल्पना की.

कई अन्य शहर भी जुड़ेे

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्यों में विकास कार्यों की चर्चा की. उन्होंने बिजली और एलईडी बल्ब को लेकर सरकार के लक्ष्यों के प्राप्त होने की चर्चा की. उन्होंने सरकार द्वारा चलायी जा रही कई योजनाओं का जिक्र किया. चंद्रबाबू ने केंद्र सरकार की नीतियों को सराहा. कार्यक्रम में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी सरकार के इस परियोजना की तारीफ की. जयपुर की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी राज्य में चलाये जा रहे विकास कार्यो का जिक्र किया और कहा कि यह एक शुरुआत भर है. मैं आपको स्मार्ट सिटी के लिए राजस्थान के शहरों को चुनने के लिए धन्यवाद देती हूं.

PM Narendra Modi launches smart city project in Pune (Maharashtra) pic.twitter.com/J7DCK0FtAz

— ANI (@ANI_news) June 25, 2016

पुणे और अन्य शहरों में शुरू होने वाली परियोजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं, कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत) के अंतर्गत जल आपूर्ति परियोजनाएं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स तथा खुले और हरियाली वाले स्थानों का विकास शामिल है.पहले चरण की यह योजना 1770 करोड़ रुपये की है.प्रधानमंत्री मोदी ‘मेक योर सिटी स्मार्ट’ स्पर्धा का भी उद्घाटन किया. इस स्पर्धा का उद्देश्य सड़कों, जंक्शनों व पार्कों को डिजाइन करने में नागरिकों को शामिल करना है. नागरिकों के सुझाव और उनके द्वारा सुझाए गए डिजाइन उनकी अपनी-अपनी स्मार्ट सिटी द्वारा विधिवत सम्मिलित किए जाएंगे. इस स्पर्धा के विजेताओं को 10,000 रुपये से 1,00,000 रुपये की रेंज में पुरस्कार दिए गये

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