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घूस मामला: कोर्ट से ”क्लीन चिट” मिलने के बाद बोले येदियुरप्पा- सत्यमेव जयते

बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राहत देते हुए आज बेल्लारी खान भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया है. घूस कांड के दूसरे मामलों में भी वो बरी कर दिए गए हैं. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया […]

बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राहत देते हुए आज बेल्लारी खान भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया है. घूस कांड के दूसरे मामलों में भी वो बरी कर दिए गए हैं. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया है.
आपको बता दें कि येदियुरप्पा पर 40 करोड़ की घूस लेने का आरोप था. इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों को भी कोर्ट ने राहत देते हुए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है. परिवार के सदस्यों में उनके दो बेटे और दामाद शामिल हैं. कोर्ट ने जेएसडब्‍ल्‍यू के अधिकारी को भी दोषमुक्त किया है.
बरी किये जाने पर येदियुरप्पा ने कहा कि हमारे साथ न्याय हुआ है. मैं पाक साफ साबित हुआ हूं. फैसला आने के बाद येदियुरप्पा ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि न्याय हुआ है…मैं उन दोस्तों और समर्थकों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कठिन वक्त में मेरा साथ दिया…. सत्यमेव जयते….

खचाखच भरे अदालत कक्ष में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश आर बी धरमागौदेर ने दलाली के मामले में नौ अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया. इस मामले के कारण ही वर्ष 2011 में तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगडे ने येदियुरप्पा पर अभियोग लगाया था और उन्हें मुख्यमंत्री पद छोडना पडा था. सीबीआई ने अक्तूबर 2015 में येदियुरप्पा, उनके पुत्रों बी वाई राघवेन्द्र, बी वाई विजयेन्द्र और दामाद सोहन कुमार, बेल्लारी की एक निजी स्टील कंपनी तथा शिमोगा में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.

आरोप पत्र में आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. इस मामले में येदियुरप्पा को अक्तूबर 2011 में तीन सप्ताह तक जेल में भी रहना पडा था. बाद में उन्हें जमानत मिल गयी थी. सीबीआई के आरोपपत्र में आरोपियों पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधडी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. इसके अलावा आरोपियों पर 40 करोड रुपये की दलाली में संलिप्तता का आरोप भी था. इस 40 करोड रुपये में से 20 करोड रुपये की राशि वह थी जिसका कथित तौर पर भुगतान येदियुरप्पा के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट ने उनके बतौर मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान खनन लाइसेंसों सहित अन्य अनुकूलताएं अपने पक्ष में हासिल करने के लिए किया था.

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