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Friday, March 29, 2024

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पर, स्कूल-कॉलेजों में शिक्षा की स्थिति कब सुधरेगी

पहल. इंटर परीक्षाओं में नकल पर रोक लगाने की अभिभावकों ने की सराहना, कहा-सकारात्मक परिणाम दिखेंगे निष्कासित रोती बिलखती छात्राओं का वीडियो हो रहा वायरल नवादा कार्यालय : इंटर परीक्षाओं के आगाज के साथ ही जिला प्रशासन ने अपना कड़ा तेवर दिखाना शुरू कर दिया. इसकी झलक 16 फरवरी को सेठ सागरमल महिला कॉलेज, नवादा […]

पहल. इंटर परीक्षाओं में नकल पर रोक लगाने की अभिभावकों ने की सराहना, कहा-सकारात्मक परिणाम दिखेंगे

निष्कासित रोती बिलखती छात्राओं का वीडियो हो रहा वायरल
नवादा कार्यालय : इंटर परीक्षाओं के आगाज के साथ ही जिला प्रशासन ने अपना कड़ा तेवर दिखाना शुरू कर दिया. इसकी झलक 16 फरवरी को सेठ सागरमल महिला कॉलेज, नवादा के केंद्र पर देखने को मिली. एक ही परीक्षा केंद्र पर 32 परीक्षार्थियों के निष्कासन से पूरे जिले में हड़कंप मच गया. भौतिकी की परीक्षा में जिले भर के परीक्षा केंद्रों से कुल 58 नकलची गिरफ्तार किये गये. जिला प्रशासन द्वारा कदाचारमुक्त परीक्षा लेने का दावा पूरी तरह जमीन पर दिखा. सभी परीक्षा केंद्रों पर पदाधिकारी पूरी मुस्तैदी से नकल रोकने की कोशिश में लगे हैं.
इंटर परीक्षाओं में नकल पर रोक लगाने की पहल का अभिभावक भी सराहना कर रहे हैं.
कदाचार की डिग्रियों से बेरोजगारों का एक बड़ा हुजूम तैयार हो रहा है. विभिन्न परीक्षाओं के आवेदन के समय आवेदकों की बड़ी फौज तैयार मिलती है. विगत वर्षों में मैट्रिक व इंटर परीक्षाओं के दौरान नकल करवाते अभिभावकों की तसवीरें व वीडियो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय रही थी. इनमें नवादा का नाम भी धूमिल हुआ था. अभिभावकों की नजर में इन कार्रवाई से सकारात्मक परिणाम दिखेंगे. पिछले साल से सरकार ने कदाचारमुक्त परीक्षा शुरू कराया. लेकिन,
टॉपर घोटाले ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी. इनसे सबक लेकर सरकार ने इन परीक्षाओं पर नकेल कसा. जिला प्रशासन को मिले दिशा निर्देश पर कड़क कार्रवाई हुई. अभिभावकों में भी कदाचारमुक्त परीक्षा को लेकर नयी उम्मीदें जगी. लेकिन, स्कूल कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की स्थिति पर सरकार ने क्या किया.
इसका हाल परीक्षार्थी व अभिभावक की नजरों से प्रस्तुत प्रभात खबर की रिपोर्ट-
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का है घोर अभाव एक तरफ कदाचारमुक्त परीक्षा को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है, दूसरी तरफ स्कूल कॉलेजों में शिक्षकों का टोटा व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभाव से परिजनों में आक्रोश हैं. जिला मुख्यालय के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित हो रही हैं. केएलएस कॉलेज, आरएमडब्ल्यू कॉलेज, सीताराम साहू कॉलेज, टीएस कॉलेज जैसे नामी गिरामी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी से सिलेबस पूरा नहीं हो पाता.
कला, विज्ञान व कॉमर्स संकायों में अच्छे शिक्षकों के नहीं रहने से विद्यार्थी भी पढ़ने में रुचि नहीं दिखाते. परीक्षा के दौरान अभिभावक बेहतर शिक्षा नहीं मिलने को लेकर भी उत्तेजित दिखे. सरकार को प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की बहाली पर ध्यान देने की बातें लोगों ने उठायी.
प्रभात खबर ने कई बार उठाया था मुद्दा पिछले साल प्रभात खबर की टीम ने प्लस टू स्कूल सहित कॉलेजों में शिक्षकों की विषयवार कमी को छोटे अंतरालों पर प्रखरता के साथ उठाया था.
टीम ने बार-बार स्कूल-कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के अभाव सहित संसाधनों की कमी पर पदाधिकारियों का ध्यान खींचा था. लेकिन, कार्रवाई के अभाव में स्थिति जस की तस बनी रही. अभी चल रही इंटर परीक्षाओं में बड़ी कार्रवाई से अभिभावकों में जबरदस्त आक्रोश है.
शिक्षकों पर भी लगाम कसने का उठाया मुद्दा
पांच दिनों की परीक्षा में 125 नकलची पकड़ाये
14 फरवरी से शुरू हुई परीक्षा के पांचवें दिन तक लगभग 125 नकलची निष्कासित किये जा चुके हैं. इनमें दूसरे दिन की परीक्षा में ही लगभग 61 परीक्षार्थी शामिल थे. सेठ सागरमल महिला कॉलेज से 32 छात्राओं का निष्कासन इस बार की सबसे बड़ी कार्रवाई है. निष्कासित रोती-बिलखती छात्राओं का वीडियो वायरल हो रहा है.
राज्य भर में जिला कदाचारमुक्त परीक्षा को लेकर सुर्खियों में हैं. इससे परिजनों में भी उत्साह देखा जा रहा है. भावी पीढ़ियों के बेहतर शिक्षा के लिए अभिभावक आशान्वित दिख रहे हैं. परीक्षार्थियों में भी अब परीक्षाओं को लेकर पढ़ने की चिंता सताने लगी है. अब बिना पढ़े मैट्रिक व इंटर पास करना सपने की बात सरीखी दिखने लगी हैं.
आनेवाले सालों में परीक्षा देनेवाले विद्यार्थियों में यह चर्चा का विषय बन कर उभरा है. लोग अभी से ही पढ़ाई के प्रति जागरूक दिखने लगे हैं. हालांकि, इस बार परीक्षाओं में बरती जा रही सख्ती से कई परिजन आक्रोश में भी दिख रहे हैं.
बोले अभिभावक
अंधेर नगरी, चौपट राजा
सरकार के लागू होनेवाले काम को देख कर लगता है कि बिहार अंधेर नगरी है, यहां के राजा चौपट है. सभी हाइस्कूलों को प्लस टू का दर्जा दे दिया गया. लेकिन शिक्षकों की बहाली नहीं की गयी. पहले शिक्षक बहाल किये जाते. उसके बाद नियमों को लागू किया जाता. स्थिति यह है कि स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर नहीं है, जबकि सरकार ने कदाचारमुक्त परीक्षा लेने के लिए प्रशासन को टाइट कर रखा है. हास्यास्पद स्थिति है.
रामनरेश सिंह, काशीचक, अभिभावक
डीएम साहब! पढाई की कक्षा में भी कैमरे लगवाएं
सरकार द्वारा कदाचारमुक्त परीक्षा लेना एक सराहनीय कदम है. जिला प्रशासन की कार्रवाई भी काबिले तारीफ है. लेकिन, परीक्षाओं के समय केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगते हैं. डीएम साहब इसे पढ़ाई की कक्षाओं में भी लगवाएं. तब स्कूलों में शिक्षा के स्तर का पता चलेगा. मुख्यालय के स्कूल-कॉलेजों में प्लस टू शिक्षा की स्थिति बदतर है. प्रखंडों की बात तो दूर रही. वित्तरहित निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई को भी सुचारु करायी जाये. विद्यार्थियों को कक्षाओं तक लाने की कार्रवाई पहले होनी चाहिए थी. सिर्फ परीक्षाओं में नकेल कसने से शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरती.
विकास सिंह, गढ़ पर, अभिभावक
बोले परीक्षार्थी
बोर्ड का मॉडल पेपर भी नहीं आ रहा काम
परीक्षा का मॉडल पेपर सिर्फ दिग्भ्रमित करनेवाला रहा. पिछली परीक्षाओं में 70 से 80 फीसदी प्रश्न मॉडल पेपर से रहते थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. कुछ प्रश्न सिलेबस से बाहर के भी आये हैं. कदाचारमुक्त परीक्षा से पढ़ने वाले छात्रों का मनोबल ऊंचा होता है. नकल रोकना अच्छी पहल है. लेकिन, स्कूल में भी पढ़ाई हो, प्रशासन इस पर भी ध्यान दें.
अभिषेक आनंद, परीक्षार्थी
केंद्र बदलने से छात्राओं की बढ़ेगी मुश्किल
परीक्षा के दौरान नकल करनेवाली लड़कियों के पकड़े जाने से सभी की मुश्किलें बढ़ी हैं. एक परीक्षा के रद्द होने से फिर परीक्षा देनी होगी. कुछ लोगों के कारण पढ़नेवाले परीक्षार्थी भी परेशान हुए. कदाचारमुक्त परीक्षा से माहौल सुधरेगा. लेकिन, परीक्षा केंद्र के बदले जाने से आने-जाने में दिक्कत बढ़ेगी. स्कूल-कॉलेजों में नियमित पढ़ाई सुचारु रूप से चालू करायी जाये.
निहारिका सिंह, परीक्षार्थी
शिक्षकों के नियोजन नहीं होने से बढ़ी मुश्किल
जिले के प्लस टू स्कूल में शिक्षकों का काफी अभाव है. नियोजन नहीं होने से इक्के-दुक्के टीचर ही प्लस टू स्कूल में बहाल हो पाये हैं. रिक्ति के अनुसार शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है. इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में कमी आयी है. सरकार से आग्रह है कि शिक्षकों की बहाली के लिए अग्रणी कार्रवाई की जाये. सरकार के आदेश पर ही नकलचियों पर कार्रवाई की जा रही है.
गोरखनाथ प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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