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झोलाछाप डॉक्टरों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

डीएम ने सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को लगायी फटकार, कहा जिला स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए डीएम ने जिले में एंबुलेंस सेवा में सुधार का निर्देश दिया है. एंबुलेंस सेवा का कम उपयोग होने पर कई प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से सिविल सर्जन को स्पष्टीकरण मांगने को कहा है. सभी […]

डीएम ने सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को लगायी फटकार, कहा
जिला स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए डीएम ने जिले में एंबुलेंस सेवा में सुधार का निर्देश दिया है. एंबुलेंस सेवा का कम उपयोग होने पर कई प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से सिविल सर्जन को स्पष्टीकरण मांगने को कहा है. सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को नीम हकीम डॉक्टरों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
नवादा कार्यालय : जिले में एंबुलेंस सेवा में काफी सुधार लाने की जरूरत है. उक्त बातें जिलाधिकारी मनोज कुमार ने जिला स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कही. सभी प्रखंडों की एंबुलेंस सेवा की समीक्षा के क्रम में सरकारी एंबुलेंस के कम उपयोग को लेकर डीएम ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कम से कम प्रतिदिन पांच कॉल होना चाहिए.
उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि गोविंदपुर, मेसकौर, पकरीबरावां, रोह, नरहट सहित जिन-जिन जगहों पर एंबुलेंस का कम उपयोग किया गया है, उनके प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछें. बायोमीटरिक उपस्थिति की समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन ने बताया कि रोह व नरहट को छोड़कर सभी पीएचसी में बायोमीटरिक उपस्थिति शुरू हो गयी है. डीएम ने निर्देश दिया कि प्रत्येक महीने का बायोमीटरिक उपस्थिति के प्रिंट आउट जिला मुख्यालय में भेजना सुनिश्चित करायेंगे. डीएम ने उपस्थित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि हर हाल में झोला छाप डॉक्टरों को चिह्नित कर आवश्यक कार्रवाई करें.
उन्होंने कहा कि कार्रवाई करने में किसी प्रकार की परेशानी हो तो बेहिचक मुझसे सहयोग लें. उन्होंने उपस्थित सिविल सर्जन व अन्य स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि अभी तक नीम हकीम अथवा झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी ?
उन्होंने कहा कि ऐसे नीम हकीमों या झोला छाप डॉक्टरों के कारण किसी मरीज को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचता है तो सबसे पहले संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने, नियमित टीकाकरण, एएनएम व आशा के कार्यों आदि की भी समीक्षा की.
डीएम ने मिशन इंद्र धनुष अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ लग जाने का निर्देश दिया. गौरतलब हो कि मिशन इंद्रधनुष के तहत इस जिले को शामिल नहीं किया गया था, परंतु गत वर्ष खसरा के लगभग 24 मरीजों के पाये जाने के बाद नवादा जिला को इस योजना अंतर्गत शामिल कर लिया गया है.
इस जिले में चार चरणों में मिशन इंद्रधनुष के तहत अभियान चलाया जायेगा. डीएम मनोज कुमार ने कहा कि महादलित बस्ती, शहरी मलिन बस्ती, ईंट भट्ठा, ऐसे गांव या टोला जहां नियमित टीकाकरण का सत्र नहीं हो पाता है, कम आच्छादन अर्थात 70 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले स्थान अथवा टोला को टारगेट करें. बैठक में सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ प्रसाद, डीआइओ डॉ अशोक कुमार, डॉ उमेश चंद्रा, एसएमओ डॉ देवाशीष मजूमदार सहित सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, सभी स्वास्थ्य प्रबंधक आदि उपस्थित थे.

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