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सोनिया ने किसान महारैली को किया संबोधित, मोदी को बताया ”गरीब विरोधी”

नयी दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज राजधानी के रामलीला मैदान में पार्टी की किसान महारैली को संबोधित किया. इस रैली में देश के हर कोने हर हिस्से के किसान शामिल हुए. इस रैली के माध्यम से सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और भाजपा […]

नयी दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज राजधानी के रामलीला मैदान में पार्टी की किसान महारैली को संबोधित किया. इस रैली में देश के हर कोने हर हिस्से के किसान शामिल हुए. इस रैली के माध्यम से सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और भाजपा पर करारा हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के किसानों से नहीं अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से गेंहूं खरीदने का करार कर रही है.

उन्होंने कहा कि मोदी किसान और मजदूर विरोधी है. सोनिया ने कहा, इस सरकार ने एक बार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाय़ा. प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमत में लगातार कमी आ रही है. वहीं पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर उद्योपतियों से हजारों करोड़ रुपये कर्ज लेने का आरोप लगाया राहुल ने कहा, यह पैसे मोदी सरकार और उनकी पार्टी प्रचार प्रसार में खर्च करती है. उन्होंने कहा मोदी इस कर्ज को किसानों की जमीन उद्योगपतियों को सौंप कर चुकाना चाहते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसानों की भारी संख्या में रैली में मौजूदगी के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, आपके यहां आने से हमें प्रेरणा मिली है. हम यहां इसलिए इकट्ठा हुए है ताकि सरकार को संदेश दे सकें कि अब बहुत हो चुके है. देश के किसान, मजदूर और गरीब अब मोदी के चाल को समझ चुके हैं. हमारी सरकार में एमएसपी में बढोत्तरी की जाती है. किसानों की फसल को खरीद कर उसे प्रोत्साहित करते थे लेकिन मोदी सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही.

एक तरफ मौसम की खराबी से किसानों को नुकसान हुआ तो दूसरी तरफ मोदी सरकार की तरफ से जो राहत की घोषणाएं की जा रही है वह ना के बराबर है. यह जले पर नमक छिड़कने के बराबर है. सिंतबर 2013 में हमारी सरकार भूमि अधिग्रहण पर एक कानून लेकर आयी ती इसमें भाजपा भी शामिल थी लेकिन अब इसे षड़यंत्र बताया जा रहा है इसमें भाजपा भी शामिल थी. आपने कानून में जैसे बदलाव किये है वह किसानों के खिलाफ है. मोदी सरकार जो बदलाव ला रही है 2013 के कानून में विकास और किसानों के हित के संबंध में चर्चा नहीं है.

सोनिया गांधी ने कहा, सरकार यह नहीं देख रही कि आप जमीन बेचना चाहते हैं या नहीं इससे उन्हें कुछ लेना देना नहीं है. आद्योगिक कॉरिडर बनाने के लिए उसके एक किलोमीटर के दायर में भी अधिग्रहण किया जाना है इससे किसानों को नुकसान होगा और उद्योगपतियों को फायदा होगा. हमने भूमि अधिग्रहण कानून इनकी सहमति से बनाया था. मोदी ने ही सबका साथ और सबका विकास की बात कही थी लेकिन अब मुकर रहे है. हम मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में 14 दलों के साथ मिलकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और आपके हितों की रक्षा की बात कही. इन 14 महीनों में क्या हुआ पिछले एक साल में धान, कपास, आलू के मूल्य में गिरावट आ चुकी है. गन्ना किसानों का बकाया नहीं मिल रहा है.

इतना ही नहीं यूरिया की भी कमी हो गयी है और कालाबाजारी हो रही है. खाद्य की कीमतें बढ़ गयी है. इन्ही कारणों से किसान कर्ज के जाल में फंसे है. कहां गये वे लोग जो किसानों के हितों की बात करते थे इनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है दिल में कुछ और जबान में कुछ. हमने नरेगा, खाद्य सुरक्षा, सिंचाई, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में भारी कमी की जा रही है. इससे गरीबों पर बूरा असर पड़ेगा. मोदी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से गेहूं खरीदा देश के किसानों से नहीं. इस एतिहासिक रामलीला मैदान से हमें एक नयी उर्जा मिली है. इसी ऊर्जा के साथ हम आपके हितों के लिए संघर्ष करेंगे.हम सत्ता से बाहर भले ही हो गये लेकिन हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं आयेगी. किसान की आवाज ना दबी और ना दबेगी.

क्या कहा राहुल ने

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था , मैं पचास साल की गंदगी साफ कर रहा हूं. यह प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को शोभा नहीं देता. उन्हें भारतीयों की ताकत का अंदाजा नहीं है. भूमि अधिग्रहण बिल पर राहुल ने कहा, ऐसा क्या हो गया कि सरकार इसे बदलना चाहती है. जिस वक्त बिल पास हुआ भाजपा के लोगों ने इसका समर्थन किया था. मेज थपथपा कर खुशी जतायी थी.

राहुल गांदी ने कहा, आज क्या हो गया कि इस बदलने की तैयारी हो रही है.हमने जो बिल पास किया उसे कमजोर कर रहे है. इसका कारण मैं आपको बताता हूं कुछ साल पहले मुझे ऑस्ट्रेलिया बुलाया गया और हीरे का एक माइन्स दिखाया. दुनिया का 25 प्रतिशत हीरा यही निकलती है. मैंने उनसे सवाल किया कि ये जमीन किसकी थी उन्होंने बताया कि यहां 300 परिवार रहते थे. मैंने पूछा वो कहां है उन्होंने कहा मैं कल उन्हें आपसे मिला देता हूं. मेरे सामने पांच मजदूरों को खड़ा कर दिया और बताया गया कि यही लोग है जिनकी जमीन थी और ये लोग यहीं काम करते है. हमने इन्हें ट्रेनिंग दी और नौकरी दी. आज के हिंदुस्तान की जमीन सोना है सोना आने वाले वक्त में इसकी कीमत सोना से ज्यादा होगा. मोदी ने चुनाव कैसे जीता ये समझिये बड़ी – बड़ी कंपनियों से उन्होंने हजारोंं करोड़ का कर्ज लिया है.

आपको बच्चों की शिक्षा माता -पिता के ईलाज के लिए जमीन काम आयेगी. हमने बाजार भाव से चारगुणा ज्यादा कीमत दिलायी. हमने यह भी कहा कि अगर आपसे जमीन ली जायेगी तो आपकी अनुमति के साथ ली जायेगी. इसके बाद छः महीने में एक ऑडिट होगा जिसपर नजर रखी जायेगी. हमने यह भी कहा था कि पांच साल के अंदर काम नहीं शुरु किया गया तो जमीन वापस की जायेगी इसे भी बदल दिया. इसे क्यों बदला साफ है यहां मेक इन इंडिया नहींं होगा इसे उद्योगपतियों को दिया जायेगा.

हम आपके साथ खड़े हैं कांग्रेस पार्टी किसान ,मजदूरों के साथ है. यह देश किसानों और मजदूरों का है. अगर कहीं भी किसानों से जमीन छिनी जायेगी तो कांग्रेस पार्टी आपको वहां खड़ी नजर आयेगी. हम ऐसा हिंदूस्तान नहीं चाहते जहां चुने हुए लोगों को सबकुछ मिले. हम सबका अधिकार समान चाहते है. एक बार फिर हम आपकी लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे.

आज किसान और मजदूर घबराया हुआ है सरकार उसी भूल चुकी है. यह सरकार उद्योगपतियों की है. इतना ही नहीं सरकार को भूमि अधिग्रहण बिल पर भी डर लग रहा है. कई जगह पर सुखा पड़ा हमने मदद की. जब भी हम किसानों की मदद कर सकते थे हमने पूरी मदद की. हमने समर्थन मुल्य में भी बढोत्तरी की. किसानों का विशेष ध्यान रखा. किसानों ने शिकायत की हमारे लिए बैंक के दरवाजे बंद है. इस शिकायत को भी दूर करने की कोशिश की. हमने जो भी किया कमजोर और गरीब लोगों के लिए किया. आदिवासियों ने मुझे बताया कि हमारी जमीन, पहाड़ हमारा भगवान है इससे हम जीते है. अगर आपने यह जमीन ले ली तो हमारा कोई भविष्य नहीं रहेगा. मुझसे एक महिला मिलने आयी और बताया कि कैसे उसकी जमीन ले ली गयी और उसे पता ही नहीं चला.

मनमोहन सिंह

रैली को सबसे पहले संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर हम राहुल के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे. मनमोहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, उन्होंने किसानों को कई सपने दिखाये. उन्होंने जगह – जगह जाकर कहा कि हम किसानों की फसल की कीमत अछ्छी लगायेंगे लेकिन इनके दाम कम होते जा रहे है. मोदी सरकार को इन किसानों की कोई फिक्र नहीं है. सरकार किसानों को लेकर आगे चलती है लेकिन यह सरकार ऐसा नहीं कर रही. भूमि अधिग्रहण बिल जो सरकार ला रही है वो गलत है. किसानों की मरजी के बगैर कोई जमीन नहीं खरीदी जा सकती उसे भी खत्म किया जा रहा है. यह गलत है. हम इस बिल के विरोध का हम डटकर मुकाबला करेंगे.

कांग्रेस के लिए यह रैली बेहद महत्वपूर्ण है इन रैलियों के जरिये कांग्रेस अपनी खोयी जमीन को वापस पाने की कोशिश करेगी तो दूसरी तरफ कई महीनों से गायब राहुल गांधी आज अपनी बात लोगों के सामने रखेंगे. इस रैली के लिए राहुल गांधी ने तैयारी जोरदार की है. कल उन्होंने किसानों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि किसान विरोधी इस बिल को पास नहीं होने देंगे.

राहुल के इतने दिनों तक गायब रहने के बाद तरह तरह के सवाल खड़े किये जा रहे है. भाजपा समेत कई दल यह सवाल करने लगे हैं कि क्या राहुल राजनीति को एक पार्ट टाइम जॉब समझते है. राहुल इस रैली के जरिये उन लोगों को भी जवाब दे सकते हैं जो उन पर सवाल खड़े करते है.

किसान रैली से पहले किसानों से हुई मुलाकात पर जब किसानों से सवाल किये गये तो उन्होंने बताया कि राहुल पूरे जोश में है उन्होंने वादा किया है कि इस मामले में वह पीछे नहीं हटेंगे. सरकार की ईट से ईट बजा देंगे. राहुल ने कहा, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं. राहुल ने बातचीत के बाद महत्वपूर्ण मुद्दों की एक लिस्ट बना ली है और आज अपने तैयार किये गये भाषण को सबके सामने रखेंगे.
क्या कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित होगा भूमि अधिग्रहण बिल
भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. सरकार ने भले ही नौ संशोधन के साथ इसे लोकसभा में पास करा लिया हो लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस के तेवर से लगता है सरकार को यहां से पास कराने में काफी परेशानी होने वाली है. कांग्रेस इस बिल को किसी भी तरह पास नहीं होने देना चाहती इस बिल के जरिये कांग्रेस अपनी राजनीति साधने में लगी है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 मुख्य विपक्षी दल को एकजुट करके इसे बड़ा आंदोलन बनाने की पूरी कोशिश कर रही है. आज इसी आंदोलन का एक रूप रामलीला मैदान में देखने को मिला है. दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी इस बिल का विरोध कर रहे है. अन्ना ने भी कमर कसकर इस बिल का विरोध करने के लिए पदयात्रा और जंतर मंतर में आंदोलन किया. कांग्रेस के एक बड़े मंत्री ने भी भूमि अधिग्रहण बिल को संजीवनी के समान बताया जो कांगेस को दोबारा प्राण दे सकती है.
इस विरोध के कारण ही सरकार को पीछे हटना पड़ा और नौ संसोधन करने पड़े. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भले ही भूमि अधिग्रहण के बचाव में खुलकर सामने आये हो लेकिन इसका सरकार को कोई विशेष फायदा नहीं हुआ. मन की बात कार्यक्रम के दौरान मोदी खुलकर इस बिल की खुबियों को किसानों के सामने रखने की कोशिश की.

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